धान के फर्जी पंजीयन के मामले में पुलिस ने समिति प्रबंधक और कम्प्यूटर आपरेटर सहित 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए मामले की जांच सुरु कर दी है।
मझौली
यह है पूरा मामला
पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मझौली
थाना में दिनाक 7-2-24 की रात लगभग 11-15 बजे पल्लवी जैन उम्र 29 वर्ष कायार्लय कलेक्टर खाद्य शाखा जबलपुर (कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी) ने लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें उल्लेखित हैं कि- संयुक्त संचालक, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय, भोपाल द्वारा वृहताकार सेवा सहकारी समिति मझौली में सिकमी बटाईदार कृषको के पंजीयन की जांच हेतु जांच दल गठित किया गया था। जांचदल द्वारा सिकमी/बटाईदार कृषक पंजीयनों की जांच की गई। जांचदल जिसमे अजीत कुमार एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय, भोपाल द्वारा हिम्बृहताकार सेवा सहकारी समिति मझौली में सिकमी बटाईदार कृषको के पंजीयन की जांच हेतु जांच दल गठित किया गया था। जांचदल द्वारा उक्त समिति के द्वारा सिकमी/बटाईदार कृषक पंजीयनों की जांच की गई। जांचदल जिसमे अजीत कुमार सिह सहायक आपूर्ति अधिकारी संनचालनालय (खाद्य) भोपाल एवं मयंक चंदेल कनिष्ट आपूर्तिकर्ता अधिकारी संचालनालय (खाद्य) भोपाल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन केअनुसार समिति में किसान पंजीयन का कार्य ऑपरेटर राजुल सोनी द्वारा किया गया, किन्तु समिति की आई डी को 04 अन्य कम्प्यूटर ऑपरेटर । – नितिन ग्रोवर, अभिषेक पटेल, उत्कर्ष गर्ग ,निवासी मझौली ,सतपाल सिंह ,निवासी सरोदा को देकर अन्य स्थानों से भी पंजीयन का कार्य कराया गया। इस प्रकार पंजीयन केन्द्र के ऑपरेटर द्वारा किसान पंजीयन हेतु दी गई अपनी आई डी अन्य ऑपरेटर्स को दिया जाना पाया गया। कम्प्यूटर ऑपरेटर राजुल सोनी द्वारा उक्त तथ्य की स्वीकारोक्ति अपने कथन में भी की गई है। नियमानुसार समिति द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर ही पंजीयन कराया जाना था। नियमानुसार समिति द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर ही पंजीयन कार्य किया जाना चाहिए किन्तु समिति प्रबंधक एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा अवैध रूप से अन्य स्थानों से भी पंजीयन का कार्य कराया गया है। बृहताकार सेवा सहकारी समिति मझौली द्वारा धान उपाजर्न हेतु 1680 सिकमी बटाईदार कृषक पंजीयन किए गए थे। जांच के दौरान पंजीयन केन्द्र में मात्र 1028 आवेदन पत्र पाए गए।
ऐसे हुए फर्जी पंजीयन
वहीं समिति प्रबंधक एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा 652 सिकमी बटाईदार कृषक पंजीयन बिना आवेदन के कर दिए गए। इस प्रकार लगभग 38.80 प्रतिशत कृषक पंजीयन बिना आवेदन प्राप्त किए कर दिए गए। इससे स्पष्ट है कि जिन वास्तविक कृषको ने धान उत्पादित की है, उनके स्थान पर अपात्र व्यक्तियों के नाम से पंजीयन किए जाकर अफरा-तफरी की गई है। जांच दल के आधार पर 175 सिकमी आवेदनों की जांच करने पर 10 गांव मे जाकर 34 सिकमीकर्ता एवं सिकमी ग्राहिता किसानो से सम्पर्क किया गया आवेदनो मे दर्ज विवरण का संलग्न शपथ पत्र/ सिकमीनामे मे दर्ज विवरण से सत्यापन की स्थिति पाई गई जो कि निम्नानुसार है- आवेदन का विवरण (1) अपूर्ण आवेदन संख्या 483-87 प्रतिशत, (2) सिकमीनामें में हस्ताक्षर नहीं संख्या 26 प्रतिशत 15 (3) सिकमीनामा अवधि समाप्त संख्या 6 प्रतिशत 4 (4) सिकमीनामा निधारित अवधि के बाद बने हुए संख्या । 2150-162 प्रतिशत 93 (5) रकबे में धान बोने की पुष्टि संख्या 34 प्रतिशत 19, उक्त विवरण से स्पष्ट है कि समिति प्रबंधक एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा शासन के निर्देशों के विपरीत अपात्र व्यक्तियों को शासन की न्यूनतम समथर्न मूल्य योजना का अनुचित लाभ देने के उद्देश्य से पंजीयन कराने में अफरा-तफरी की गई है। इस प्रकार समिति प्रबंधक जेठूलाल झारिया एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर राजुल सोनी द्वारा अन्य लोगो की मिली भगत से आपराधिक षड्यंत्र कर अपात्र व्यक्तियों को न्यूनतम समथर्न मूल्य योजना का अनुचित लाभ दिलाने के उद्देश्य से अपात्र व्यक्तियों को न्यूनतम समथर्न मूल्य योजना का अनुचित लाभ दिलाने के उद्देश्य से सिकमी एवं बटाईदार कृषक पंजीयन कार्य में अफरा-तफरी कर शासन के साथ धोखाधड़ी की गई है।
समिति प्रबंधक सहित 6 लोगों पर मामला दर्ज
पुलिस ने प्राप्त प्रतिवेदन पर, समिति प्रबंधक जेठूलाल झारिया 2, कम्प्यूटर ऑपरेटर राजुल सोनी तथा अवैध रूप से समिति के पंजीयन की आई डी का उपयोगकर पंजीयन करने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर, नितिन ग्रोवर पिता राकेश ग्रोवर, अभिषेक पटेल, उत्कर्ष गर्ग, सतपाल सिंह के विरूद्ध पुलिस ने धारा 420, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना की जा रही है।