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Friday, November 15, 2024

पशुओं के सड़क दुर्घटना पर अंकुश लगाने एवं लोक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये संपूर्ण दमोह जिले की सीमांतर्गत आगामी आदेश तक प्रतिबंधात्मक आदेश किया पारित

आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 पशुक्रूरता अधिनियम 1960 एवं म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1956 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत की जायेगी कार्यवाही

दमोह

सड़कों पर मृत मिले गौवंश/मवेशियों की सूचना दूरभाष क्रमांक 07812-350300 आपातकालीन नम्बर 1099 एवं टोल फ्री नंबर 1962 पर दी जा सकेगी

राजमार्गो/सड़कों से विस्थापन हेतु 158 ग्रामों को चिन्हित कर निराश्रित गौवंश को गौशाला में भेजने, अधिक गौवंश होने की स्थिति में ग्राम पंचायत द्वारा बाड़ा बनाकर रखने एवं हांका दल बनाकर गौवंश को सड़क से हटाने की कार्यवाही हेतु शहरी क्षेत्र में नगरपालिका/नगर पंचायत एवं ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत को पंचायतों के माध्यम से व्यवस्था करने हेतु आदेशित किया गया था। उक्त व्यवस्था के बाद भी वर्षाकाल में कुछ पशुपालकों द्वारा गौवंश या अन्य मवेशियों को निराश्रित छोड़ दिया जाता है, जिससे वह सड़क पर विचरण करते है, इस कारण से पशुओं की सड़क दुर्घटना से मृत्यु एवं जनहानि होने की संभावनायें बनी रहती है। ऐसे गौवंश के पशुपालकों के विरूद्ध पशुक्रूरता अधिनियम 1960 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश 2022 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किये जाने, पशुओं के सड़क दुर्घटना पर अंकुश लगाने एवं लोक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत संपूर्ण दमोह जिले की सीमांतर्गत आगामी आदेश तक प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किया है ।

इस आदेश के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223, पशुक्रूरता अधिनियम 1960 एवं म.प्र. नगर पालिक अधिनियम 1956 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी

जारी आदेश में कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में नगर पालिका/नगर पंचायत म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1991 की धारा 254 एवं 272 में संबंधित क्षेत्र के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पर्याप्त शक्तियाँ प्रदाय की गई है जिसमें कोई भी व्यक्ति/पशुपालक द्वारा अपने गौवंश या अन्य मवेशियों को जानबूझकर अथवा उपेक्षा पूर्वक सार्वजनिक सड़क अथवा स्थान पर खुला छोड़ा जाता है, तो संबंधित व्यक्ति/पशुपालक के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। नगरपालिका/नगर पंचायत द्वारा शहरी क्षेत्र में सड़कों/बाजारों में बैठे आवारा गौवंश को स्वयं के वाहन/हांका दल द्वारा समीप की गौशाला भेजना सुनिश्चित करेंगें। साथ ही पशुपालक अपने गौवंश/मवेशियों को अपने घर पर बांधकर रखेंगे। राजमार्गो एवं मुख्य सड़क मार्गो पर स्थानीय निकाय द्वारा मुनादी भी कराई जाये, कोई भी पशुपालक बीमार/रोग ग्रस्त/विकलांग गौवंश/मवेशियों को किसी मार्ग/सड़क पर नहीं छोड़ेगा। यदि ऐसा करना आवश्यक हो तो संबंधित निकाय से संपर्क कर गौवंश गौशाला संचालक को सौंपा जाये।

नगर पालिका/नगर पंचायत की मॉनिटरिंगः- शहरी क्षेत्र में परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण अपने अधिनस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरपालिका/नगर परिषद् के माध्यम से गौवंश/मवेशियों को सड़कों पर आवारा विचरण पर प्रतिबंधित करायेंगें एवं उपरोक्तानुसार कार्यवाही कराना सुनिश्चित करावेंगें।

संबंधित क्षेत्र के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका/नगर परिषद् (समस्त जिला दमोह) नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 254 के तहत उल्लंघनकर्ता के विरूद्ध ऐसा जुर्माना अधिरोपित कर सकेंगें, जो अधिकतम एक हजार रुपये तक का हो सकेगा।

ग्रामीण क्षेत्र जनपद पंचायत/ग्राम पंचायत मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (स्वच्छता, सफाई और न्यूसेन्स का निवारण तथा उपशमन) नियम 1999 की कण्डिका 31 में संबंधित क्षेत्र की ग्राम पंचायत को पर्याप्त अधिकार प्रदाय किये गये है, कि दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही कर सकेंगें। पशुपालक गौवंश/मवेशियों को अपने घर पर बांधकर रखें। राजमार्गों एवं मुख्य सड़कों के आस-पास के गांवों में स्थानीय निकाय द्वारा मुनादी कराई जाये। गौवंश/मवेशियों के सड़कों पर विचरण को रोकने के लिए बाड़ा बनाया जाये एवं हांका दल तैयार कर गौवंश/मवेशियों को सड़कों से हटाया जाये जिसके लिए संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक यह सुनिश्चित करेंगें कि किसी भी स्थिति में सड़क पर गौवंश न रहे अन्यथा कि स्थिति के लिए संबंधितों को उत्तरदायी माना जायेगा। गौवंश/मवेशियों के सड़कों पर विचरण को रोकने के लिए आवश्यकतानुसार स्थानीय निकायों द्वारा वोलेन्टीयर नियुक्त किये जायें।

ग्राम पंचायतों की मॉनिटरिंग के लिये ग्रामीण क्षेत्रों के निकायों हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अपने अधीनस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों के माध्यम से सरपंच,सचिव,रोजगार सहायक की सतत् समीक्षा कर गौवंश/मवेशियो को सड़कों पर आवारा विचरण करने को प्रतिबंधित करायेंगें।

संबंधित क्षेत्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत (समस्त जिला दमोह) म.प्र. ग्राम पंचायत (स्वच्छता, सफाई और न्यूसेन्स का निवारण तथा उपशमन) नियम 1999 की कण्डिका 31 (क)(ख) के तहत उल्लंघनकर्ता के विरूद्ध प्रथम अपराध के लिये दो सौ पचास रूपये के जुर्माने से तथा किसी पश्चात्वर्ती अपराध के लिये पांच रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित करेंगें।

 

मध्यप्रदेश रोड डेव्हलमेंट कॉर्पोरेशन कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ/स), प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना आदि द्वारा निर्मित सड़कों पर घुमन्तु गौवंश/मवेशियों के विचरण पर प्रतिबंध लगाने/रोकने हेतु पूर्ण उत्तरदायित्व सड़क निर्माण विभाग का होगा। संबंधित सड़क निर्माण विभाग सतत् पेट्रोलिंग की कार्यवाही करते हुये गौवंशों/मवेशियों को सड़क पर आने से रोकने की कार्यवाही करेंगें। सड़क दुर्घटना में मृत पशुओं के तत्काल निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगें, साथ ही घायल पशुओं के इलाज हेतु उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग दमोह से सम्पर्क कर तत्काल चिकित्सीय व्यवस्था उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेंगें।

 

पशुपालन एवं डेयरी विभाग मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत संचालित गौशालायें एवं अशासकीय/स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं में शहरी क्षेत्र/ग्राम पंचायतों /स्वयंसेवी संगठनों/एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा भेजे गये निराश्रित/घायल/ बीमार गौवंश को गौशाला प्रबंधन द्वारा प्राप्त किया जायेगा एवं उसकी प्रवष्टि गौवंश पहचान पंजी में दर्ज की जावेगी। गौशाला में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के नियुक्त नोडल अधिकारी द्वारा प्राप्त गौवंश में टेंगिंग, स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यकतानुसार उपचार करेंगें। गौशाला प्रबंधक गौशाला में मृत गौवंश का निस्तारण नियमानुसार गौसमाधि देकर करेंगें। उपरोक्त दायित्व नोडल अधिकारी गौशाला का होगा।

 

कोई भी व्यक्ति सड़कों पर मृत अवस्था में मिले गौवंश/मवेशियों की सूचना जिला कन्ट्रोल रुम के दूरभाष क्रमांक 07812-350300 मध्यप्रदेश रोड डेव्हलमेंट कॉर्पोरेशन के आपातकालीन नम्बर 1099 एवं घायल गौवंश/मवेशियों के उपचार हेतु सूचना चलित पशु चिकित्सा ईकाई के टोल फ्री नम्बर 1962 पर दे सकते है।

यह आदेश सर्व साधारण से संबंधित है एवं परिस्थितियाँ ऐसी है कि समय अभाव के कारण सर्वसाधारण को सूचना तामील नहीं की जा सकती और न ही सर्व साधारण से आपत्तियाँ प्राप्त की जा सकती है। अतः यह आदेश भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 163 (2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। एक पक्षीय से व्यथित कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (5) के अंतर्गत इस आदेश के विरूद्ध अपना पक्ष/आपत्ति या आवेदन इस न्यायालय में प्रस्तुत कर सकता है। आदेश के प्रचार-प्रसार हेतु भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 153 (2) के अंतर्गत निर्देशित किया जाता है कि आदेश की सूचना समाचार पत्रों, इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से जनसामान्य को अवगत करावे। जिला दण्डाधिकारी कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय तथा समस्त तहसीलदार कार्यालय/थाना प्रभारी कार्यालय/ग्रामीण/शहरी निकायों के सक्षम अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों के सूचना पटल पर यह आदेश प्रदर्शित कर सामान्यजन एवं संबंधितों को आदेश की जानकारी प्रदान करें।

सुंदरलाल बर्मन
सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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