लगातार हुई तीसरी चोरी, ग्रामीण क्षेत्रो में पुलिस तंत्र नाकाम
झाबुआ
झाबुआ/अमरगढ़। क्षेत्र की लगभग सभी शासकीय स्कूलों के बाहर एक स्लोगन “शिक्षार्थ आगमन, सेवार्थ प्रस्थान” लिखा हुआ है। जिसके लिए शिक्षक अपना शतप्रतिशत देकर उक्त स्लोगन को चरितार्थ करने में लगे है। लेकिन जब ऐसे शिक्षा के मंदिर में चोर चोरी की वारदातों को अंजाम देते है तो हमे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि हमारा क्षेत्र व समाज किस दिशा में जा रहा है।
ताजा मामला ग्राम पंचायत अमरगढ़ में स्थित शासकीय हाई स्कूल का है। जहां चोरो ने स्कूल के मैन गेट पर लगे चैन ताले को आरी से काट कर स्कूल के अंदर चोरी की घटना को अंजाम दिया। स्कूल के अंदर कक्षा 10वी के क्लास रूम से 4 पंखे सहित प्राचार्य/स्टाफ कक्ष से 3 पंखे, इंडक्शन चूल्हा, पानी की टंकी व एक स्कूल की छात्रा का बैग भी चुरा लिया। जिसके बाद चोर अपनी कारस्तानी करने में पीछे नही हटे ओर प्राचार्य की टेबल पर कुर्सी लगाकर पंखा निकालने की कोशिश में कुर्सी के साथ टेबल भी नीचे गिरा दी, जिससे टेबल पर लगा कांच टूट कर बिखर गया। विद्या के मंदिर में चोरो ने हद तो तब पार कर दी जब उन्होंने विमल गुटका खाकर प्राचार्य/स्टाफ कक्ष में जहां-तहां थूका। उक्त कक्ष को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि चोर ने समान के साथ एक छात्रा का भविष्य भी चुरा लिया।
तीसरी बार हुई चोरी पुलिस के हाथ खाली उक्त चोरी की घटना हाई स्कूल में लगातार तीसरी बार हुई है। इससे पहले भी 2 बार चोरी हो चुकी है जिसमे पुलिस कोई कार्रवाई अब तक नही कर पाई।
हाई स्कूल प्रभारी प्राचार्य भैरुसिंह मैड़ा ने बताया, आज से पहले भी स्कूल में 2 बार चोरियां हो चुकी है, जिसमे खिड़की, दरवाजे भी तोड़े गए थे। साथ ही इलेक्ट्रिक समान भी चोर चुरा ले गए थे। जब भवन निर्माणाधीन था तब भी ठेकेदार के सामानों की चोरियां यहां हो चुकी है। शिक्षा विभाग से स्कूल के लिए रात्रि चौकीदार की मांग लम्बे समय से की जा रही है लेकिन चौकीदार का पद अब तक स्वीकृत नही किया गया है। स्कूल के पास इतना फंड नही है कि खुद के खर्च पर चौकीदार रखा जा सके। कुछ समय पहले ही हमने जैसे-तैसे करके स्कूल में सभी कक्षाओं में पंखे लगवाए थे, लेकिन चोरो ने उन पर हाथ साफ कर दिया।
पुलिस तंत्र नाकाम पुलिस विभाग अपनी कार्रवाई में ढिलपोल बरतता है यह बात किसी से छिपी नही है। स्कूल में तीन बार चोरी होने के बाद भी अभी तक पुलिस के हाथ कुछ नही लगा। न ही पुलिस ने चोरो को पकड़ने के लिए कोई कार्य किया। हर बार चोरी के बाद पुलिस आती है और पंचनामा बनाकर चली जाती है, आगे कोई कार्रवाई नही होती। ठीक ऐसा ही इस बार भी हुआ जब प्रभारी प्राचार्य व अन्य शिक्षक स्कूल पहंचे तो चोरी की सूचना सर्वप्रथम पुलिस को दी गई। लेकिन अपनी आदतों से मजबूर पुलिस करीब 2 घण्टे बाद स्कूल पहुंची, तब तक मजबूरन विद्यार्थियों को उस कक्ष में भी बिठाना पड़ा जिसमे चोरी हुई थी, क्योंकि उनके बैठने के लिए कोई अन्य जगह नही थी।
शिक्षा विभाग में सुस्ती वर्तमान का विद्यार्थी ही देश का भविष्य है, लेकिन उसकी शिक्षा में चोरी जैसी घटना से खलल पड़ता रहा तो भविष्य कैसा होगा इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। रात्रि चौकीदार व विद्यालय भवन में सीसीटीवी लगाने की मांग विद्यालय शिक्षकों द्वारा लम्बे समय से की जा रही है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नही हुई। विभागों के जिम्मेदार भी इतने सुस्त है कि सुबह 10 बजे तक भी प्राचार्य के कॉल नही उठाते, उन्हें स्कूल की समस्याओं से कोई लेना-देना नही है। वह केवल भोपाली आदेशो के पालन में ही ततपर रहते है। बता दे कि, चोरी की सूचना पुलिस के साथ ग्राम पंचायत सरपंच व बीओ को भी दी गई, लेकिन बीओ साहब ने सुबह कॉल उठाना मुनासिब नही समझा।