सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अभय मनोहर सप्रे द्वारा जीवन की सुरक्षा के लिए दिये गये निर्देशों के परिपालन में आज कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
जबलपुर
बैठक में विधायक सिहोरा श्री संतोष बरकड़े, पेट्रोल पम्प संचालक, शहर के गणमान्य नागरिक तथा पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में जीवन की सुरक्षा को लेकर सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर गहन चर्चा की गई और इसे प्रभावी रूप से लागू करने के सुझाव भी लिये गये।
जिसमें सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कहा गया कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पालन कराना जरूरी है। इसके लिए हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा दिया जाये। सीट बेल्ट लगाने के संबंध में जागरूकता लाई जाये। शराब पीकर वाहन चलाने वालों तथा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाये।
वाहनों की फिटनेस की निरंतर चेकिंग की जाये। ड्राइविंग टेस्ट में भी सख्ती बरती जाये। वाहनों का बीमा अनिवार्य रूप से कराया जाये। वाहनों की ओव्हरलोडिंग को रोकने के लिये विशेष प्रयास किये जायें। गड्ढों की तुरंत मरम्मत करवायी जाये। मानक स्पीड में वाहन नहीं चलाने वालों के विरूद्ध यातायात पुलिस सख्ती से कार्रवाई करें।
उपस्थित लोगों ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास से सड़क सुरक्षा के संबंध में जन जागरूकता लाकर लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। हेलमेट व सीटबेल्ट लगाने, मानक स्पीड में वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन न चलाने के संबंध में लोगों को समझाया जाये, रोको टोको अभियान चलाया जाये, इस संबंध में रैलियां निकाली जाये। पेट्रोल पम्प संचालक हेलमेट पहने व्यक्ति को ही पेट्रोल दें और दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में कार्य करें। लोगों के जीवन बचाने का कार्य सिर्फ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर ही न छोड़े बल्कि समाज इसमें अपनी सहभागिता निभाये। ब्लैक स्पॉटों में रम्बल स्ट्रिप्ट बनाये जायें और सामाजिक संगठनों का सहयोग लिया जाये। वाहनों में रोड सेफ्टी को लेकर स्टीकर लगवायें। वाहन चलाते समय क्या करना चाहिए तथा क्या नहीं करना चाहिए के संबंध में जन जागरूकता लानी चाहिए।
इस दौरान विधायक श्री बरकड़े ने कहा कि सड़क सुरक्षा बड़ा ही संवेदनशील विषय है। उन्होंने कहा कि कई दर्दनाक घटनाएं होते लोगों ने देखें है, सुने हैं और कुछ लोग उनसे सीखें भी हैं। फिर भी कभी-कभी सड़क दुर्घटना जैसी घटना हो जाती है और जीवन ही समाप्त हो जाता है। अत: हमारी जिम्मेदारी है कि लोगों की जिंदगी बचायें। उन्होंने कहा कि वे कभी भी हेलमेट को लेकर पुलिस या थानों में फोन नहीं करते हैं, इसलिये लोग अपनी जीवन की सुरक्षा स्वयं करने का प्रयास करें। पुलिस भी उनके जीवन की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय कर सकती है।
कलेक्टर श्री सक्सेना ने भी गंभीरता से कहा कि जीवन अमूल्य है और इसे बचाने की दिशा में सभी को आगे आकर कार्य करना चाहिए और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक वातावरण का निर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे सामाजिक संगठनों व एनजीओ के साथ मिलकर इस दिशा में बेहतर कार्ययोजना पर कार्य करेंगे, जिससे लोगों का जीवन सुरक्षित रह सके।
पुलिस अधीक्षक श्री संपत उपाध्याय ने कहा कि सड़क सुरक्षा के संबंध में लोगों की आदत बदलने की जरूरत है और इसमें समाज की महती भूमिका होती है। जीवन बचाने के लिए एक माहौल बनाने की आवश्यकता है।