कोई व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पम्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा अथवा मुद्रित या प्रकाशित नहीं करवायेगा जिसके मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम व पता न लिया हो
दमोह
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में विधानसभा निर्वाचन-2023 के लिये निर्वाचन की घोषणा को दृष्टिगत रखते हुये जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर समस्त प्रिटिंग प्रेस, ऑफसेट, पब्लिसर्स इत्यादि मुद्रकों, प्रकाशकों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के तहत् निर्वाचन पर्चों, पोस्टरों, पम्पलेटों आदि के मुद्रण हेतु मुद्रक, प्रकाशकों को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी कर दिये है।
जारी आदेशानुसार कोई व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पम्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा अथवा मुद्रित या प्रकाशित नही करवायेगा जिसके मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं इसके प्रकाशक का नाम व पता न लिखा हो। कोई भी व्यक्ति ऐसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर अथवा निर्वाचन सामग्री प्रकाशित, मुद्रित नहीं करेगा जिसमें उसके प्रकाशक को विशिष्टता के बारे में अपने द्वारा हस्ताक्षरित और ऐसे दो व्यक्तियों द्वारा जो उसे स्वयं जानते है, अनुप्रमाणित द्वि-प्रतीक घोषणा मुद्रक, प्रकाशक को परिदत्त नहीं करता है।
मुद्रित की जाने वाली अनेकानेक प्रतियों की प्रिंट लाइन में मुद्रक और प्रकाशक के नाम एवं पते स्पष्टत: दशार्य जाये तथा संख्या अंकित करना होगी। मुद्रित की गई सामग्री की चार प्रतियां और प्रकाशक के घोषणा पत्र अनुबंध “ए” की एक प्रति मुद्रित के तीन दिवस के अंदर अनुबंध “बी” के साथ प्रस्तुत करना होगा। मुद्रित की गई सामग्री की चार प्रतियां तथा घोषणा प्रपत्र के साथ आवश्यक विवरण जिस पर मुद्रक और प्रकाशक के हस्ताक्षर के साथ रबर मुद्रा लगानी होगी। यदि मुद्रक/प्रकाशक की प्रेस भोपाल में स्थित है तो जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को प्रस्तुत करेगा तथा अन्य जिले से मुद्रित कराये जाने की स्थिति में संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत करेगा एवं सूचना इस कार्यालय को देनी होगी।
उक्त आदेश/निर्देशों का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित मुद्रक/प्रकाशक के विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से दमोह जिले अन्तर्गत आने वाले निर्वाचन क्षेत्रों एवं जिले की राजस्व सीमाओं के अंतर्गत प्रभावशील होगा।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार तत्काल रूप से प्रतिबंधात्मक आदेश प्रसारित किया जाना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में सभी प्रभावित व्यक्तियों एवं संबंधित प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिश: सूचना देकर सुना जाना संभव नहीं है। अत: यह आदेश लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों के अन्तर्गत एकपक्षीय रूप से पारित किया जाता है।