मध्य प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, पीडब्ल्यूडी गोपाल भार्गव और नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच वर्चस्व की जंग
पंकज पाराशर छतरपुर✍️
मध्य प्रदेश की सियासत में यूँ तो चुनावी जन सभाओं और रैलियों में शिवराज मंत्रीमंडल में सब कुछ ठीक होने का दावा लंबे समय से किया जा रहा है, लेकिन इसी बीच आने वाली कुछ खबरें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी संगठन के आलाकमानों के लिए परेशानी का सबब जरूर बन रही हैं।
चुनावी वर्ष में मध्य प्रदेश की सियासत का महत्वपूर्ण भाग बुंदेलखंड
विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की स्तिथि कुछ ठीक नहीं है।बुंदेलखंड में 6 जिले और 29 विधानसभा सीटें हैं। आजादी के बाद से जिनपर कांग्रेस का राज था, मगर समय के साथ धीरे-धीरे बीजेपी ने यहां अपने पैर जमाने शुरू किए और कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाया। मगर अब एक बार फिर ऐसा लग रहा है मानों बुंदेलखंड में बीजेपी का जहाज लड़खड़ाने लगा है। क्योंकि पिछले दिनों बुंदेलखंड के तीन मंत्रियों के बीच का आपसी विवाद खुलकर जनता के सामने आया।
बर्चस्व की इस लड़ाई में होगी किसकी जीत ?
जिससे जनता तो नाराज हुई ही साथ ही विपक्षी दलों ने जमकर इसका फायदा उठाया। सीएम शिवराज को तो ये चिंता खाए जा रही है कहीं इन तीनों मंत्रियों के कारण बुंदेलखंड से बीजेपी को वर्चस्व बचाना मुश्किल न हो जाए। बीजेपी के सीनियर नेता व पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का ये दावा है कि नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह पूरे जिले में अपना बर्चस्व बनाना चाह रहे हैं। जिसकी शिकायत दोनों मंत्रियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की थी।