नवभारत समाचार पत्र में प्रकाशित खबर “सीएचसी मझौली में गर्भवती महिलाओं को प्रायवेट लैब व सोनोग्राफी सेंटर भेजा जा रहा है” का असर अब साफ तौर पर दिखाई देने लगा है।


मझौली, जिला जबलपुर | 30 अक्टूबर 2025
खबर प्रकाशित होने के कुछ ही घंटों बाद मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझौली ने तत्काल संज्ञान लेते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
जारी आदेश में सभी स्त्री रोग विशेषज्ञों, मेडिकल ऑफिसरों, नर्सिंग ऑफिसरों, ब्लॉक कम्युनिटी मोबिलाइजर, आशा सुपरवाइजरों तथा आशा कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि —“सभी प्रकार की एएनसी जांच, पैथोलॉजी जांच एवं सोनोग्राफी जांच केवल शासकीय अस्पतालों अथवा शासकीय अस्पताल से अनुबंधित सोनोग्राफी सेंटरों में ही कराई जाए। किसी भी परिस्थिति में गर्भवती महिलाओं को प्रायवेट लैब या प्रायवेट सोनोग्राफी सेंटर भेजना पूर्णतः प्रतिबंधित है।”
सीएचसी मझौली द्वारा जारी इस आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि किसी आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्यकर्मी द्वारा किसी गर्भवती महिला को निजी संस्थान में जांच कराने हेतु भेजे जाने की जानकारी मिलती है, तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी।
इस आदेश के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब सभी गर्भवती महिलाओं की नियमित एएनसी जांच, टीकाकरण व प्रसव पूर्व देखभाल सरकारी संस्थानों में ही सुनिश्चित की जाएगी।
स्थानीय नागरिकों व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों ने नवभारत की खबर के त्वरित असर और प्रशासनिक कार्रवाई की सराहना की है।




