नगर मझौली में इन दिनों ब्लैक फिल्म लगी गाड़ियों का धड़ल्ले से उपयोग संदिग्ध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है।
मझौली, जिला जबलपुर | विशेष संवाददाता
गाड़ियों की खिड़कियों पर काले शीशे अथवा फिल्म लगे होने के कारण इन वाहनों के अंदर क्या हो रहा है — यह जान पाना लगभग असंभव है। वहीं दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की चुप्पी ने लोगों की चिंता और भी बढ़ा दी है।
गुप्त रूप से हो रहा अवैध कारोबार
स्थानीय नागरिकों के अनुसार मझौली और उसके आसपास के क्षेत्र में देर रात के समय ऐसे वाहन देखे जाते हैं जिनका प्रयोग अवैध शराब परिवहन संदिग्ध लेनदेन रेत परिवहन और अन्य अवैध गतिविधियों में हो रहा है।
नियमों की खुलेआम अवहेलना
उच्चतम न्यायालय द्वारा ब्लैक फिल्म या गहरे रंग के शीशे का प्रयोग सार्वजनिक वाहनों में प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन मझौली में इस आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
प्रशासनिक निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल
क्षेत्रीय नागरिकों ने आरोप लगाए हैं कि इन गतिविधियों की सूचना पुलिस और प्रशासन को कई बार दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई। इससे स्पष्ट है कि या तो प्रशासनिक स्तर पर उदासीनता है या फिर कहीं न कहीं सांठगांठ भी हो सकती है।
आम नागरिकों का कहना है
ब्लैक फिल्म लगे वाहनों के विरुद्ध तत्काल चेकिंग अभियान चलाया जाए।
ऐसे वाहनों की सूची तैयार कर उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जाए।
संलिप्त अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु CCTV निगरानी और रात्रिकालीन पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।
-रात के समय 3-4 गाड़ियाँ रोज़ काले शीशों के साथ निकलती हैं। मझौली के मेन मार्केट में घूमते निकलते दिख जाएंगी लेकिन कोई रोकता तक नहीं।”
स्थानीय दुकानदार, नाम न छापने की शर्त पर