वन क्षेत्र मझौली में इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की मुस्तैदी की जगह खामोशी नजर आ रही है।
मझौली जबलपुर
जिले के कई हिस्सों से शिकायतें वन एवं खनिज विभाग के अधिकारियों के पास पहुंची हैं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इन दिनों मझौली वन क्षेत्र में खनन माफिया इतना अधिक बेखौफ है कि दिन में भी वाहन उत्खनन में लगे रहते हैं।
क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा लगातार इसकी शिकायतें भी की जा रही हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारी उन शिकायतकर्ताओं को ही सवालों के घेरे में खड़े कर देते हैं।
गत दिवस मझौली के लुहारी से आए करीब आधा दर्जन ग्रामीणों पर ही आरोप लगाकर विभाग के अधिकारियों ने शिकायत सुने बिना ही वापस कर दिया है। इसके बाद सीएम हेल्पलाइन में भी कई शिकायतें की गई हैं।
बताया जा रहा है कि वन विभाग के पास मैदानी अमला भी कम संख्या में है, इस वजह से सुपरवीजन नहीं कर पाने का बहाना बताया जाता है। मैदानी अमले और खनन माफिया के बीच संबंधों की वजह से मुखबिर तंत्र भी कमजोर पड़ता जा रहा है क्योंकि जहां से सूचनाएं आती थी उनके आधार पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। कई जगह तो एक बीटगार्ड के भरोसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र छोड़े गए हैं। बताया जा रहा है कि विभाग के अधिकारियों ने अपनी पसंद के हिसाब से कर्मचारियों की महत्वपूर्ण जगहों में ड्यूटी लगा रखी है, इस कारण उनकी इच्छा के अनुरूप ही कार्य हो रहा है।
वाहन जब्ती के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
अवैध उत्खनन के मामलों में कई बार ग्रामीणों द्वारा वाहन पकड़कर वन विभाग के हवाले किया जाता रहा है। ऐसे मामलों में विभाग के मुख्यालय द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती। बीते कुछ महीनों में ट्रैक्टर पकड़ा गया लेकिन डिप्टी रेंजर के करीबी होने से उस पर कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा इंद्राना, छीतापाल, लुहारी, सहित अन्य कई स्थानों से भी इस तरह की शिकायतें लोगों द्वारा की जा चुकी हैं कि उत्खनन की शिकायत के बाद वाहन पकडऩे के बाद अधिकारियों द्वारा छोड़ा गया है। लगातार इंद्राना बीट में अवैध खनन और कब्जे जारी है
कमिश्नर का आदेश बेअसर
संभागीय कमिश्नर ने वन एवं खनिज विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कुछ दिन पहले ही निर्देशित किया है कि संयुक्त टीम बनाकर जिलेभर का भ्रमण करें और अवैध उत्खनन पर सख्त कार्रवाई हो। मामले में डीएफओ किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार कर रहे हैं तो सिहोरा रेंजर जगदीश पटैल का कहना है कि विभाग के अधिकारी जब कहते हैं तब कार्रवाई होती है। नियमित जांच नहीं किए जाने पर वह कोई जवाब नहीं दे पाए, कहा है कि अधिकारियों का निर्देश मिलेगा तो कार्रवाई करेंगे