परिषद बनते ही प्रशासक के स्थगनादेश को लात-मारकर मिट्टी में मिला दिया,एक सप्ताह में नाली के ऊपर तान दी दूसरी मंजिल अवैध निर्माण के साथ
कटनी
जब परिषद के चुनाव नहीं हुए थे तो प्रशासक (कलेक्टर) ने नाली के ऊपर रास्ते पर किए जा रहे अवैध निर्माण को रुकवा दिया था, लेकिन जैसे ही जनता की सेवा करने का शोर मचाने वालों की नगर निगम परिषद चुनकर आई तो रास्ता और नाली पर अवैध कब्जा करने वाले ने एक सप्ताह के अंदर दो मंजिला पक्की ईमारत खड़ी करके दर्जनों निवासियों के हिस्से की हवा-प्रकाश पर डाका तो डाला ही साथ ही नाली और रास्ता (कुलिया) भी छीन ली। इसी के साथ प्रशासक की रोक वाले ऑर्डर को दफना दिया। आज की तारीख में नगर निगम के दफ्तर से अतिक्रमण पर रोक की फाईल गुमशुदा हो चुकी है,।
अतिक्रमणकर्ता को भेजे जाने वाले नोटिस की तामीली भ्रष्ट ननि कर्मी जानबूझकर नहीं कर रहे हैं। नगर निगम के भ्रष्टाधिकारियों और वादा खिलाफी के रंग में डूब चुके पार्षद-जनप्रतिनिधियों के संरक्षण की दम पर अतिक्रमणकर्ता ने ललकारा है कि मेरा अवैध अतिक्रमण तो टूटेगा नहीं अलबत्ता शिकायत करने वालों के आशियाने एवं रोजीरोटी का रोजगार जरूर छीना जाएगा और अब ऐसा होने कोई नहीं बचा सकता।
नवनिर्वाचित चार दर्जन के लगभग पार्षद-मेयर आदि जनप्रतिनिधियों के लिए शर्म की बात है कि आज ईश्वरीपुरा वार्ड के आधा दर्जन नागरिक हवा-प्रकाश के सुखाधिकार से वंचित हो गए हैं, रास्ते और नाली की मूल सुविधा के अधिकार से भी बेदखल किए जा चुके हैं और उनकी नाक के नीचे नगर निगम आयुक्त और उनके इंजीनियर जनता के साथ होने वाले अन्याय को रोकने की बजाय अत्याचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
शिवाजी वार्ड दिलावर चौक मीट मार्केट के पास शासकीय मद की भूमि है भूखंड क्रमांक 25 जिसका रकबा 276 वर्गमीटर है। यह एक संकरी कुलिया है। जिसमें पांच फुट चौड़ी और साठ फुट लंबी सार्वजनिक नाली है, रास्ता है, जिसमें दर्जनों नागरिकों की सेप्टिक टैंक और नाली की पाईप लाइन चुड़ी है। इस सरकारी जमीन पर मो. रोशन ने पिछले साल कब्जा कर कांक्रीट निर्माण कराया। इसकी शिकायत प्रशासक प्रियंक मिश्र से नागरिकों से की तो उन्होंने इंजीनियर से जांच कराते हुए अपने आदेश क्रं. 2189 अनुज्ञा शाखा दिनांक 03/08/2021 के द्वारा निर्माण पर रोक लगा दी और अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया।
*काम तो रूका पर फाईल गायब हो गई*
नगर निगम के बाजीगरों ने प्रशासक के आदेश पर काम तो रूकवाया, लेकिन बेजा कब्जा न हटाया जाए इस दुर्भावना के साथ पूरी फाईल गायब करवा दी। ननि के इतिहास में यह कोई नई बात नहीं है पूर्व से ही ऐसी कई फाईलें ननि के रिकॉर्ड रूम से अदृश्य होती रही हैं।
उधर माफिया ने
बेईमान ननि अधिकारियों की कुर्की कर खरीद लेने वाले कब्जा माफिया ने प्रशासक प्रियंक मिश्रा की छुट्टी होने की प्रतीक्षा की, काम रोका और पार्षदों का चुनाव होने का इंतजार किया। परिषद बनते ही अतिक्रामक ने प्रशासक की रोक (स्टे ) के ऑर्डर को लात मारकर चूर-चूर कर दिया और अपने रुके हुए बेजा निर्माण के ताजमहल को दो मंजिलें बनाकर खुले आकाश से आ रहे प्रकाश और हवा दोनों को रोक दिया।
*अवैध निर्माण को जर्जर बनाकर ननि करवाया फौलादी कब्जा*
प्रशासक के आदेश से विवादित कब्जे को हैमर मशीन से तोडऩे की नौटंकी 75 दिनों तक कब्जा माफिया करता रहा। फिर भ्रष्टाधिकारियों के मार्गदर्शन में अपनी मिल्कियत वाले भवन को जर्जर बताकर उसकी मरम्मत करने के नाम पर २० अगस्त २२ से युद्ध स्तरीय अवैध निर्माण कराया और तीन मंजिला अतिक्रमण नाली व रास्ते पर कर दिया।
*मकान पूरा बन गया, पर ननि को उसका निर्माता नहीं मिल रहा*
वार्ड के पीडि़त नागरिकों ने आयुक्त सतेन्द्र सिंह धाकरे को शिकायत देकर अवैध निर्माण रोकने-ढहाने का निवेदन किया। जिस पर ननि अनुज्ञा शाखा से पिछली रोक वाली फाईल गायब करा दी गई। बिना अनुमति और नाली पर अवैध कब्जा करने पर होने वाली कार्यवाहियों को ननि अधिकारी रुकवाने में सफल रहे। दिखाने के लिए आयुक्त ने अतिक्रामक को नोटिस जारी किए तो ननिकर्मी नोटिस तामील नहीं करा सके। क्योंकि अवैध निर्माण तो ननिकर्मी देख रहे थे, पर करवाने वाले को नहीं पा रहे थे। इसलिए जनता के साथ घनघोर विश्वासघात का नाटक मंचन आज तक चल रहा है।
*भाजपानेत्री की शिकायत भी भाजपाई सुशासन ने डाली कूड़ेदान में*
भाजपा अल्प संख्यक मोर्चे की पूर्व प्रदेश मंत्री श्रीमती शाहीन सिद्दीकी ने भी इस सार्वजनिक रास्ते-नाली पर हुए तीन मंजिला अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के लिए आयुक्त को लिखा। किंतु भाजपाई सुशासन ने उनकी ही न्यायोचित मांग को ठुकरा दिया।
कौन जाने अवैध निर्माण टूटेगा या जनता के हाथ-पैर
अतिक्रामक ने शिकायतकर्ता जनता को धमकी दी है कि उसके अवैध निर्माण को नगर निगम प्रशासन और शिवराज के शासन ने जिस तरह मान सम्मान दिया है, उसी तरह जनता भी करे, अन्यथा उसकी हड्डी-पसली नहीं बचेगी। जनता प्रतीक्षा कर रही है कि उसकी हड्डियां टूटेंगी या अवैध निर्माण का ताजमहल।