मध्यप्रदेश गौरक्षा नवनिर्माण हिन्दू संगठन प्रदेश अध्यक्ष पवन सोलंकी ने
इंदौर
मध्यप्रदेश नवनिर्माण गौरक्षा हिन्दू अध्यक्ष पवन सोलंकी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से विनम्र निवेदन करते हुए कहा कि झुग्गी बस्तियों मैं रहने वाले व फुटपाथ पर सोने वाले भिक्षा मांगकर खाने वाले ग़रीब परिवार बहोत परेशानीयो का सामना कर रहें हैं हालात इस कदर हैं कि बारिश के मौसम में झोपड़ियों मैं पानी भरा जाने के कारण कीचड़ हो जाता है और छोटे छोटे बच्चों के साथ कीचड़ मैं रहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता हैं ग़रीब परिवार मजदूरी करते हैं रोज़ कमाते व रोज़ खाते हैं और झोपड़ियों मैं रहते हैं ऐसे परिवार को राज्य सरकार व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए जो नहीं मिल पा रहा है क्योंकि जिला प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम कलेक्टर साहब ग़रीब परिवार पर ध्यान कहा देतें हैं ना कुछ सहायता प्रदान करते हैं ना सही मार्गदर्शन देतें हैं ऐसी विकट परिस्थितियों में जिला प्रशासनिक अधिकारियों को आगें आकर ग़रीब परिवार की हर संभव सहायता करना चाहिए झुग्गी झोपड़ी मैं रहने वाले परिवार को रहने के लिए मकान देना चाहिए और खाने के लिए रासन देना चाहिए ताकि ग़रीब परिवार के चेहरों पर भी खुशियाँ आ सकें और जो छोटे छोटे नन्हे मुन्ने बच्चे सड़कों पर बस स्टैंड व रेलवे स्टेशनों पर ट्रैफिक सिंग्नल व मन्दिरों पर भिक्षा मांगकर खाते हैं और झुग्गी बस्तियों में रहते हैं ऐसे भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों पर भी जिला प्रशासन के अधिकारी एसडीएम जरा भी ध्यान नहीं देतें हैं यदि ध्यान देते तो बच्चे भिक्षा नहीं मांगते शिक्षा से जुड़कर स्कूल जाते दिखाई देते ।
मध्यप्रदेश नवनिर्माण सेना अध्यक्ष एवं गौ जन कल्याण संघ प्रदेश उपाध्यक्ष पवन सोलंकी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी से निवेदन कर कहा है कि सभी जिला कलेक्टर को ऐसे निर्देश दिए जाएं की जो बच्चे बस स्टैंड रेलवे स्टेशन व मन्दिरों पर भिक्षावृत्ति करतें हैं ऐसे बच्चों का तत्काल स्कूल मैं एडमिशन कराया जाएं ताकि यह बच्चे पढ़ लिख कर आगें बड़े और अपने भारत देश का नाम रौशन करें क्योंकि यह बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं आज सबसे ज्यादा जरूरत है तो शिक्षा की है क्षेत्र का प्रत्येक बच्चा शिक्षा से जुड़े यहीं हमारा राज्य सरकार से सादार निवेदन है पवन सोलंकी ने कहा मैं भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को निःषुल्क क़िताब और क़लम बाटता हूँ और जरूरत पड़ी तो मैं स्वयंम इन भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को निःषुल्क पढ़ाऊंगा और मैं इन बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा दूँगा ।