भारत की आजादी का 75 वां वर्ष अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है वही भारत की राजभाषा भी हिंदी है। हम सभी बचपन से हिंदी बोलते लिखते एवं पढ़ते आ रहे हैं।
पाटन
जहां अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सही तरीके से माननीय लिखना तक नहीं आता
मध्य प्रदेश की पाटन विधानसभा क्षेत्र में मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को यह नहीं पता कि माननीय कैसे लिखा जाता है।
इसका एक साक्षात उदाहरण देखने को मिला जब क्षेत्रीय विधायक अजय विश्नोई पाटन मझौली विधान सभा के अंतर्गत आने वाले पाटन मनकेड़ी मार्ग पर स्थित डूडी पुल के निर्माण के शिलालेख पर गलत तरीके से माननीय लिखा पाया गया।
पुल का फीता काटने के चक्कर में किसी भी जनप्रतिनिधी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। आम बोलचाल की भाषा में माननीय महोदय श्री श्रीमान आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है पर मध्यप्रदेश में सभी निर्माण कार्यों की समीक्षा एवं निरीक्षण करने की सर्वोच्च विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सही तरीके से माननीय लिखना तक नहीं आता।
यह भारतीय संस्कृति परंपरा और हिंदी व्याकरण के ज्ञान पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि जिस डूडी पुल का उद्घाटन शिलान्यास कर शिलालेख लगवाने वाले क्षेत्रीय विधायक अजय विश्नोई ने भी क्या इस मानवीय भूल को नजर अंदाज करते हुए इसको सुधरवाने का प्रयास नहीं किया होगा।
अब देखना दिलचस्प होगा कि मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग एवं क्षेत्रीय विधायक अजय विश्नोई के सहयोगी इस ओर ध्यान देते हैं या नहीं।
हालांकि मामले में मीडिया के सवालों के बाद अब सेतु विभाग के ई ई नरेंद्र शर्मा पत्थर को बदल कर दूसरा नया पत्थर लगवाने की बात कह रहे हैं।