इलाहाबाद से लगभग 33 किलोमीटर दूरी लखनऊ रोड पर भगवान गुहराज निषाद जी का ध्वंसाशेष किला आज भी गौरव गाथा गा रही है
इलाहाबाद
सन 1977 से लेकर 1981 तक भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी ने उत्खनन विभाग से खुदाई करवा के सारा हीरा,मोती, सोना,चांदी,अभ्रक ,आभूषण सारे के सारे जप्त कर लेने का काम किया और पुरातत्व विभाग से एक बड़ा सा बोर्ड लगवा दिया गया और उसमें लिखवा दिया गया कि आज से 2000 वर्ष पहले यह किला अपने पूरे चरमोत्कर्ष पर था तब इस देश की आबादी दो करोड़ थी 75% लोग पढ़े-लिखे हुआ करते थे उस समय इस देश का जीडीपी ग्रोथ 33.75 परसेंट हुआ करता था यानी कि विश्व का ₹3 में ₹1 भारत का हुआ करता था पूरे विश्व का खर्चा भारत चलाता था तब हुआ प्रबुद्ध भारत माना जाता था निषाद वंश क्यों का भारत माना जाता था तब लोग गाना गाते थे
जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा !
वह निषाद देश है मेरा वह निषाद देश है मेरा!!
उस समय भगवान श्री रामचंद्र जी को जब 14 वर्ष के लिए वन गमन को निकलना पड़ा था तब उन्हें कुछ समझ में नहीं आया था अगर 14 वर्ष के लिए वन गमन को निकलना पड़ा तो सबसे पहले अपने आत्म बालसखा महाराज गुह्रराज निषाद जी के यहां पहुंचे और मदद मांगे थे।
तब महाराज गुह्रराज निषाद जी बोले थे कि
हे राम आप कल भी मित्र थे आज भी मित्र हो और भविष्य में भी मित्र बने रहोगे
आपके माता पिता भले ही आपको आपके घर से निकाल दिया हो लेकिन यह मेरा साम्राज्य आधे में आप राज्य करिए आधे में मैं राज्य करता हूं
भगवान श्री रामचंद्र जी बोले थे कि हे मित्र मैं राज भोगने के लिए नहीं बल्कि अपने माता पिता के आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्ष जंगल में व्यतीत करना चाहता हूं
तब निषादराज जी बोले थे कि हे मित्र आप कोई साधारण मानव नहीं है आज के समय में बेटा राजपाट के लिए अपने माता-पिता का हत्या कर देता है और एक आप हैं जो अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए 14 वर्ष जंगल में व्यतीत करना चाहते हैं
मैं आप में एक दिव्य दृष्टि देख रहा हूं आज भले ही आपको श्री रामचंद्र जी के नाम से जानते होंगे लेकिन आज मैं एक उपाधि देता हूं आप #पुरूषोत्तम हो।
एक दिन पूरी दुनिया आपको भगवान मानकर पूजेगी
फिर उसके बाद भगवान गुह्रराज निषाद जी गंगा नदी पार करवा के चित्रकूट में एक पर्णकुटी बनवा कर पूरे सम्मान के साथ सुरक्षा देने का काम किए थे
और साथियों…..
माता सीता जी को रावण ने हरण कर लिया था तब भी महाराज गुहराज निषाद जी भगवान श्री रामचंद्र जी को अपना सेना देकर बोले थे
कि हे राम मेरी सेना लो और रावण राज खत्म करो
तब रावण राज खत्म हुआ था सथियों।
आज…..
महामना माननीय मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद जी का देन है की आज श्रृंगवेरपुर धाम में भगवान निषाद राज और भगवान श्री रामचंद्र जी के गले लगते हुए 51 फीट ऊंची मुर्ती का स्थापना हो रहा है साथियों
कि कभी पिछली सरकारों ने निषाद राज्य के किले को आपकी विरासत को 70 फीट नीचे गाढ़ कर हिरासत में ले लिया था।
लेकिन धन्यवाद दो महामहिम माननीय मंत्री डॉक्टर संजय कुमार निषाद जी को
जो आपके धरोहर, विरासत, इतिहास, पूंजी को इस तरह से उजागर कर दिए हैं कि आज सरकार भी आपके धरोहर के लिए बजट पास करके आपके इतिहास को फिर से पुनः स्थापित करने का काम कर रहे हैं।
तो साथियों …..
आपके किले को मिटाने वाले दोस्त हैं कि दुश्मन????
आपके इतिहास को मिटाने वाले दोस्त हैं कि दुश्मन??
आपके धरोहर को मिटाने वाले दोस्त हैं कि दुश्मन??
अगर दुश्मन है तो दुश्मन को पूजा नहीं जाता बल्कि खत्म किया जाता है
✓तो दुश्मन को खत्म करने के लिए निषाद पार्टी कार्य कर रही है।
✓अपने इतिहास को फिर से स्थापित करने के लिए निषाद पार्टी कार्य कर रही है।
✓अपनी धरोहर को बनाने के लिए निषाद पार्टी कार्य कर रही है।।