माननीय न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, नालसा नई दिल्ली द्वारा आज ऑनलाइन डैशबोर्ड फॉर क्लेमेन्ट रीइम्बर्समेंट एंड डिपॉजिट सिस्टम तथा एम.ए.सी.टी. पोर्टल (Motor Accident Claims Tribunal Portal) का शुभारंभ किया गया।
जबलपुर
इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी, माननीय न्यायमूर्ति आलोक अराधे, सर्वोच्च न्यायालय तथा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री संजीव सचदेवा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में माननीय न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन, माननीय न्यायमूर्ति विवेक रूसिया एवं माननीय न्यायमूर्ति आनंद पाठक सहित मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के अनेक न्यायाधीशों ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
सीधा प्रसारण
इस शुभारंभ कार्यक्रम का सीधा प्रसारण मध्यप्रदेश के सभी जिलों एवं तहसीलों की अदालतों में किया गया।
जबलपुर जिला मुख्यालय में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री कृष्णमूर्ति मिश्र की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और डैशबोर्ड
दिनांक 22 अप्रैल 2025 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुओ मोटू रिट याचिका (सिविल) सं. 7/2024 (In Re: Compensation Amounts Deposited With Motor Accident Claims Tribunals and Labour Courts) में पारित आदेश के अनुपालन में यह डैशबोर्ड तैयार किया जा रहा है। इसमें मोटर वाहन अधिनियम, 1988 एवं कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के अंतर्गत स्वीकृत मुआवजे की राशि और विवरण नियमित रूप से अपलोड किए जाएंगे, जिससे दावेदारों, अधिवक्ताओं, बीमा कंपनियों और अधिकरणों सहित सभी हितधारकों को लाभ मिलेगा।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत का संदेश
इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा – “न्याय तक पहुंच केवल संवैधानिक दायित्व नहीं, बल्कि मानवीय कर्तव्य भी है। एम.ए.सी.टी. पोर्टल और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार तैयार किया जा रहा डैशबोर्ड, दोनों मिलकर दुर्घटना पीड़ितों को समयबद्ध और पारदर्शी राहत उपलब्ध कराएंगे।”
अपेक्षित लाभ
* मुआवज़ा दावों का शीघ्र निस्तारण
* जमा एवं वितरण राशि की पारदर्शी ट्रैकिंग
* वादियों के लिए समय और धन की बचत
* नीति निर्माण हेतु उपयोगी डेटा की उपलब्धता
यह पहल डिजिटल न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे दुर्घटना पीड़ितों को शीघ्र, सरल और पारदर्शी न्याय मिल सकेगा।