105 महिलाओं की जांच, अव्यवस्थाओं ने बिगाड़ी व्यवस्था
मझौली, जबलपुर
मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हाई-रिस्क एएनसी (ANC – Antenatal Care) जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में एल्गिन अस्पताल जबलपुर से पधारी डॉ. दीपमाला मैडम (स्त्री रोग विशेषज्ञ) द्वारा 105 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई।
जहां एक ओर शिविर का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व सेवाएं प्रदान करना था, वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर भारी अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं, जिससे कई गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
मुख्य अव्यवस्थाएं:
गिरते पानी के बीच लाइन में लगने को मजबूर गर्भवती महिलाओं ने बताया
* शिविर स्थल पर समुचित बैठने की व्यवस्था नहीं थी — महिलाएं जमीन पर बैठने को मजबूर रहीं।
* शौचालय व पेयजल की कोई समुचित व्यवस्था नहीं — गर्मी में प्यास से बेहाल रही महिलाएं।
* लंबी लाइनें, कोई टोकन सिस्टम नहीं — अव्यवस्थित भीड़ के कारण वरिष्ठ नागरिक और गर्भवती महिलाओं को खासी दिक्कत हुई।
* स्थानीय स्टाफ की लापरवाही— कई बार परामर्श या कागज चेक करने में अनावश्यक देरी।
–स्वास्थ्य विभाग की छवि पर सवाल:
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार के बड़े-बड़े दावों के बीच ऐसी अव्यवस्थाएं स्थानीय प्रशासन की लापरवाही उजागर करती हैं।जानकारों का कहना है कि इस तरह की योजना तभी सफल हो सकती है जब मैदान स्तर पर पूरी तैयारी हो।
जनता की मांग:
1. भविष्य में ऐसे शिविरों से पूर्व व्यवस्थाओं का पूर्व निरीक्षण किया जाए।
2. महिला-केन्द्रित स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सुविधा और सम्मान दोनों सुनिश्चित हों।
3. लापरवाही करने वाले स्थानीय स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए।
4. मझौली स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित हाई-रिस्क ANC शिविर में हुई अव्यवस्थाओं को उजागर करता है:
गर्भवती महिलाओं की शिकायत:
“हम सुबह से भूखे-प्यासे बैठे थे, कोई पानी तक देने वाला नहीं था। जांच के इंतजार में पानी गिरते में घंटों लाइन में लगे रहे लग गए।
रेखा पटेल,
“डॉक्टर मैडम बहुत अच्छा देख रहीं थीं, लेकिन स्थानीय व्यवस्था पूरी तरह फेल रही।
*संगीता ठाकुर,