कर्मचारियों को निर्धारित मानदेय प्रतिमाह की 1 से 10 तारीख के मध्य प्राप्त हो जाये
दमोह
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिये निर्देश
संस्था द्वारा मानदेय/ईपीएफ आदि समय पर भुगतान नहीं किया जाता है तो संस्था को तत्काल प्रभाव से ब्लेकलिस्ट कर अनुबंध समाप्त किया जाये
श्रम कानूनों के अंतर्गत कार्यवाही करने अथवा कर्मचारियों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराने संबंधी कार्यवाही की जाये
जिले में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं में आउटसोर्स आधार पर कर्मचारीगण कार्य कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कहा है जनसुनवाई, मीडिया के विभिन्न माध्यमों व क्षेत्र भ्रमण के दौरान आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा मानदेय प्राप्त न होने, ई.पी.एफ. आदि जमा न कराये जाने, कम मानदेय मिलने संबंधी आवेदन नियमित रूप से प्राप्त होते हैं। स्वास्थ्य सेवाएं आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत सम्मिलित है और आए दिन इस प्रकार की स्थिति निर्मित होना बिल्कुल भी उचित नहीं है। अतः आप अपने स्तर से कार्यवाही सुनिश्चित करें।
सेडमेप के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए
प्रत्येक माह की 15 से 20 तारीख के मध्य आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय वितरण की समीक्षा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्तर से की जाए। ठेका श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम 1970 की धारा 21 के अंतर्गत प्रमुख नियोजकों की यह जिम्मेदारी निर्धारित है। यदि स्वास्थ्य विभाग से सेडमेप को मानदेय का बजट प्राप्त नहीं हुआ है, तो इस संबंध में राज्य स्तर पर तत्काल पत्राचार कर चर्चा की जाए। यदि राज्य स्तर से बजट प्राप्त हो चुका है किन्तु सेडमेप द्वारा अग्रेतर कार्यवाही लंबित है तो सेडमेप के नोडल अधिकारी से संपर्क कर तत्काल मानदेय जारी करने के लिए अनुरोध किया जाए। सुनिश्चित किया जाए कि कर्मचारियों को निर्धारित मानदेय प्रतिमाह की 1 से 10 तारीख के मध्य प्राप्त हो जाए तथा किसी भी स्थिति में विलंब की स्थिति निर्मित न हो।
अन्य एजेंसियों के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए
प्रत्येक माह की 15 से 20 तारीख के मध्य आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय वितरण की समीक्षा उनके स्तर से की जाए। ठेका श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम 1970 की धारा 21 के अंतर्गत प्रमुख नियोजकों की यह जिम्मेदारी निर्धारित है। यदि स्वास्थ्य विभाग से संबंधित एजेंसी को मानदेय का बजट जारी नहीं हुआ है, तो इस संबंध में तत्काल मानदेय का वजट जारी किये जाने की कार्यवाही की जाए तथा विभाग को राज्य स्तर से आवंटन प्राप्त न होने की स्थिति में राज्य स्तर पर तत्काल पत्राचार एवं चर्चा कर अनुरोध किया जाए ।
यदि संबंधित एजेंसी को बजट प्राप्त हो चुका है, किन्तु एजेंसी द्वारा अग्रेतर कार्यवाही लंबित है तो संबंधित एजेंसी को तत्काल मानदेय जारी करने के लिए निर्देशित किया जाए। सुनिश्चित किया जाए कि कर्मचारियों को निर्धारित मानदेय प्रतिमाह की 1 से 10 तारीख के मध्य प्राप्त हो जाए तथा किसी भी स्थिति में विलंब की स्थिति निर्मित न हो। ठेका श्रम अधिनियम 1970 के अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के उपरांत ही एजेंसी, आउटसोर्स कर्मचारियों का नियोजन कर सकती है। अतः उक्त नियम का पालन सुनिश्चित कर लिया जाए। यदि संस्था द्वारा कर्मचारियों के ई.पी.एफ. भुगतान आदि की कार्यवाही नहीं की जा रही है, तो उन्हें नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाए। यदि इसके उपरांत भी भुगतान नहीं किया जा रहा हो तो कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1952 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत इन संस्थाओं के विरूद्व कार्यवाही प्रारंभ की जाए। यदि संस्था द्वारा इसके उपरांत भी मानदेय / ई.पी.एफ. आदि का समय पर भुगतान नहीं किया जाता है, तो उक्त संस्था को तत्काल प्रभाव से ब्लेकलिस्ट करने, अनुबंध समाप्त करने, श्रम कानूनों के अंतर्गत कार्यवाही करने अथवा कर्मचारियों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराने संबंधी कार्यवाही की जाए।
इसे सवोच्च प्राथमिकता दी जाये और यदि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही पाई जाएगी तो इसके लिए वे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगें।