नगर मझौली में चल रही बिना एनओसी डिग्री के अवैध क्लिनिक
मझौली जबलपुर
नोटिस जारी होने के बाद भी डाक्टर ए विश्वास के द्वारा लगातार भोले भाले लोगों का किया जा रहा इलाज
स्वास्थ्य विभाग ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर और जोनल मेडिकल ऑफिसर को बिना डिग्री के इलाज करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के आदेशों बाद भी। अभी तक सिर्फ मझौली क्षेत्र में एक-दो क्लिनिकों पर ही कार्रवाई
तो वही स्वास्थ्य विभाग के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आये बचैया रोड मझौली स्थिति डाक्टर ए ,विश्वास
ए.विश्वास के द्वारा बगैर किसी एलौपैथिकडिग्री,के भोले भाले लोगों की जान के साथ किया जा रहा खिलवाड़ बावजूद इसके कोई प्रशासनिक कार्यवाही नहीं।
जबकि
इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो जाए, तो स्वजन संबंधित डाक्टर के खिलाफ आइपीसी की धारा 304ए के तहत केस दर्ज करा सकते हैं।
डाक्टर के दोषी पाए जाने पर डाक्टर को दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकती है। इसके अलावा चिकित्सकीय लापरवाही के मामले में आइपीसी की धारा 337 और 338 के अंतर्गत भी मुकदमा किया जा सकता है।
इसमें छह माह से लेकर 2 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रविधान है।
मुख्य विकासखण्ड मझौली स्वास्थ्य निरीक्षण टीम के द्वारा विगत 27/9/2024/ को मझौली के बचैया रोड स्थित गीतांजलि डेक्लिनिक में चल रही बिना एलोपैथिक डिग्री के एलोपैथिक चिकित्सा द्वारा इलाज करते डाक्टर ए विश्वास पाया गया था।
बगैर रजिस्ट्रेशन,एनओसी जैसे कोई भी दस्तावेज ही नहीं है न पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से किसी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र है। जिससे उपचार के दौरान उत्पन्न बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन खुले में किया जा रहा है जिसके कारण प्रदूषण फैल रहा है जिसके संक्रामण से बिमारी फैलने का खतरा है बायोमेडिकल वेस्ट निष्पादन हेतु एलाईट कंपनी से भी कोई भी बंध पत्र प्राप्त नहीं हुआ जिसके कारण वायु,जल एवं भूमि प्रदषण फैलाया जा रहा है। .
डाक्टर ए विश्वास के द्वारा बेहोशी के इंजेक्शन लिग्नोकेन एवं अन्य इंजेक्शन का उपयोग किया जा रहा है जिस पर भारतीय दण्ड संहिता अधिनियम 1973 तथा अधिनियम 1997 यथा संशोधित 2021 के अंतर्गत फर्जी चिकित्सीय डिग्री/सर्टिफिकेट का प्रयोग कर रोगियों का उपचौर करने पर 2 वर्ष या उससे अधिक की सजा हो सकती है*।ए. विश्वास बचैया रोड मझौली के द्वारा बगैर किसी एलौपैथिकडिग्री, के भोले भाले लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है
विकासखण्ड मझौली निरीक्षण टीम के द्वारा पाया गया बगैर वैध एलोपैथिक डिग्री के एलोपैथिक चिकित्सा का व्यवसाय करते पाए गए
रजिस्ट्रेशन,एनओसी जैसे कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नही किये गये।
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से किसी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र।उपचार के दौरान उत्पन्न बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन खुले में किया जा रहा है जिसके कारण प्रदूषण फैल रहा है जिससे संक्रामण बिमारी फैलने का खतरा है बायोमेडिकल वेस्ट निष्पादन हेतु एलाईट कंपनी से बंध पत्र प्राप्त भी नहीं हुआ जिसके कारण वायु, जल एवं भूमि प्रदषण हो रहा है। .
ए विश्वास के द्वारा बेहोशी के इंजेक्शन लिग्नोकेन एवं अन्य इंजेक्शन का उपयोग किया जा रहा है जिस पर भारतीय दण्ड संहिता अधिनियम 1973 तथा अधिनियम 1997 यथा संशोधित 2021 के अंतर्गत फर्जी चिकित्सीय डिग्री/सर्टिफिकेट का प्रयोग कर रोगियों का उपचौर कर भोलभाले लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है
विकासखण्ड मझौली निरीक्षण टीम के द्वारा पाया गया कि बगैर वैध एलोपैथिक डिग्री के एलोपैथिक चिकित्सा का व्यवसाय करते पाया गया था डाक्टर ए विश्वास।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर का क्लीनिक रजिस्ट्रेशन भी नहीं पाया गया। न ही नगर क्लीनिक संचालन हेतु चिकित्सा व्यवसाय की अनुमति या तक के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से किसी भी प्रकार का कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नही मिला, बायोमेडिकल वेस्ट निष्पादन हेतु एलाईट कंपनी से बंध पत्र प्राप्त भी नहीं हुआ जिससे उपचार के दौरान उत्पन्न बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन भी डाक्टर ए विश्वास के द्वारा खुले में ही किया जा रहा है। जिसके कारण प्रदूषण फैल रहा है जिससे संक्रामण बिमारी फैलने का खतरा है जिसके चलते वायु, जल एवं भूमि प्रदषण हो रहा है। .
यहा तक की डाक्टर ए विश्वास की क्लिनिक में बेहोशी के इंजेक्शन लिग्नोकेन एवं अन्य इंजेक्शन का उपयोग किया जा रहा है ।जिस पर भारतीय दण्ड संहिता अधिनियम 1973 तथा अधिनियम नियम 1997 यथा संशोधित 2021 के अंतर्गत फर्जी चिकित्सीय डिग्री/सर्टिफिकेट का प्रयोग कर रोगियों का उपचौर किया जा रहा है । भोल भाले लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है
मझौली खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक गायकवाड़ के द्वारा आज पत्र क्रमांक क्रमांक/एन.एच.एम./2024-25/892 के द्वारा यह सूचित किया गया है,कि डाक्टर ए विश्वास वैध डिग्री एवं पंजीयन होने के बाद ही चिकित्सा व्यवसाय करे अन्यथा भविष्य में होने वाली अनुशासनात्मक कार्यवाही के स्वयंम डाक्टर ए विश्वास जवाबदार होंगे
सबाल यह खड़ा होता है कि