बिना एनओसी और कचरा निस्तारण व्यवस्था के चल रहा डेंटल क्लिनिक, स्थानीयों ने की कार्रवाई की माँग
मझौली (जबलपुर)
नगर मझौली में एक निजी डेंटल क्लिनिक द्वारा स्वास्थ्य विभाग की निर्धारित गाइडलाइनों को दरकिनार करते हुए अवैध रूप से संचालन किए जाने का मामला सामने आया है। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि उक्त क्लिनिक बिना बीएमओ से आवश्यक एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त किए कार्यरत है और वहाँ बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की कोई व्यवस्थित व्यवस्था नहीं है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग के नियमों के अनुसार, किसी भी निजी चिकित्सालय या डेंटल क्लिनिक को संचालन से पूर्व बीएमओ से अनुमति लेना और बायोमेडिकल कचरे के निस्तारण के लिए अधिकृत एजेंसी से अनुबंध करना अनिवार्य है। उक्त नियमों का उल्लंघन दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि क्लिनिक में मरीजों से मनमानी फीस वसूली जाती है, लेकिन उसकी कोई रसीद नहीं दी जाती। एक निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “क्लिनिक में दांत निकालने के बाद उपयोग की गई सुइयाँ, मास्क, ग्लव्स जैसी सामग्री घरेलू कचरे में फेंक दी जाती है। इससे आसपास संक्रमण फैलने का खतरा है। नगर पालिका को कई बार शिकायत दी गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।”
CMHO ने जताई गंभीरता, दी जाँच की चेतावनी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) जबलपुर, डॉ. दीपक गैयकवाड ने इस संबंध में कहा यदि मझौली में किसी डेंटल क्लिनिक का संचालन बिना वैध एनओसी और बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण के किया जा रहा है तो यह बेहद गंभीर मामला है। शिकायत मिलने पर जाँच कराई जाएगी और यदि दोष सिद्ध होता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब क्लिनिक संचालक (डॉ. अग्रवाल) द्वारा थाना मझौली में फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि नवभारत के संवाददाता सुंदरलाल बर्मन ने उनसे वीडियो बनाकर पैसे की माँग की। इस आरोप को लेकर मीडिया जगत में रोष है और इसे एक दबाव की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है।
मीडिया प्रतिनिधियों का कहना है कि “स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और नियमों के उल्लंघन को उजागर करने की बजाय, आरोप लगाने वाले क्लिनिक संचालक खुद सवालों के घेरे में हैं। मामला सिर्फ पत्रकारिता पर नहीं, जनस्वास्थ्य और प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी है।”
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से माँग की है कि उक्त डेंटल क्लिनिक को अपनी एनओसी और बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण व्यवस्था के दस्तावेज सार्वजनिक करने के निर्देश दिए जाएं।
यदि अनियमितताएँ सिद्ध होती हैं, तो क्लिनिक को तत्काल सील किया जाए।