साधना सरगम का गायन तथा भजन और लोकनृत्य रहे पहले दिन का आकर्षण
#नर्मदा_महोत्सव जबलपुर
श्वेत धवल संगमरमरी चट्टानों के बीच माँ नर्मदा की अथाह जलराशि को समेटे भेड़ाघाट में दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव का आज शानदार आगाज हुआ। सुर-ताल और नृत्य से सजी नर्मदा महोत्सव की आज की महफिल का मुख्य आकर्षण प्रख्यात पार्श्व गायिका साधना सरगम का गायन था। धुआंधार जलप्रपात की वजह से विश्व के पर्यटक मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना चुके भेड़ाघाट में खास शरद पूर्णिमा के अवसर पर नर्मदा महोत्सव के आयोजन का यह लगातार बीसवां वर्ष है।
नर्मदा महोत्सव का शुभारंभ माँ नर्मदा के पूजन से हुआ। नर्मदा महोत्सव के पहले दिन के कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि संभागायुक्त श्री अभय वर्मा थे। कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन, नगर निगम आयुक्त स्वप्निल वानखड़े, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा तथा प्रतिष्ठित जन भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा जिला प्रशासन, जिला पंचायत, नगर निगम जबलपुर, जबलपुर विकास प्राधिकरण एवं नगर परिषद भेड़ाघाट के सहयोग से धुआँधार जलप्रपात के समीप बने मुक्त आकाशी मंच पर आयोजित नर्मदा महोत्सव के पहले दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत में संस्कारधानी की प्रसिद्ध लोक कलाकार सुश्री मेघा पांडेय एवं उनके समूह ने दुर्गा स्तुति पर शानदार लोकनृत्य प्रस्तुत किया। जिसे देखकर महोत्सव में आए दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। मेघा पांडे और उनके समूह द्वारा प्रस्तुत लोकनृत्य में मां दुर्गा की विभिन्न लीलाओं को प्रदर्शित किया गया था। जिसे देखकर दर्शकों का रोम-रोम रोमांचित हो गया और कार्यक्रम स्थल करतल ध्वनियों से गूंज उठा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अगली कड़ी में भजन गायक ईशान मिनोचा द्वारा भजनों की संगीतमय प्रस्तुति को श्रोताओं को प्रसन्न चित्त कर दिया। श्री ईशान मिनोचा की सुमधुर आवाज में प्रस्तुत मयूर पुरी द्वारा रचित माई तेरी चुनरिया गीत नर्मदा के शीतल जल की भांति बहता हुआ दर्शकों को आनंदित कर रहा था। श्री मिनोचा द्वारा बेटियां क्यों पराई हैं गीत की संगीतमय प्रस्तुति ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के हृदय को भाव विभोर कर दिया।
नर्मदा महोत्सव के पहले दिन के कार्यक्रमों की अंतिम प्रस्तुति मुंबई की पार्श्व गायिका साधना सरगम का गायन थी। उन्होनें अपनी सुरीली आवाज में एक से बढ़कर एक फिल्मी और गैर फिल्मी गीत प्रस्तुत किये। “नीले-नीले अंबर”, इसके बाद उन्होंने “पहला नशा पहला खुमार” आदि सदाबहार नगमें प्रस्तुत किए।
नर्मदा महोत्सव में कल :-
नर्मदा महोत्सव के दूसरे और समापन दिवस पर कल शनिवार 28 अक्टूबर को प्रख्यात सूफी गायक चंडीगढ़ की सुश्री ममता जोशी की सुरीली आवाज संगमरमरी वादियों में गूंजेगी । कत्थक नाद और नटरंग नृत्य पीठ जबलपुर के कलाकारों की लोक नृत्य तथा आर्मी बैंड की प्रस्तुति भी महोत्सव के दूसरे दिन का प्रमुख आकर्षण होगी ।
नर्मदा महोत्सव के दूसरे दिन के कार्यक्रमों का आगाज भी शाम 7 बजे माँ नर्मदा की पूजा अर्चना से होगा । दूसरे दिन के कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि जीओसी मध्य भारत क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास होंगे । दूसरे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत शाम 7.30 बजे कत्थक नाद जबलपुर द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले लोक नृत्यों से होगी। इसके पन्द्रह मिनट बाद नटरंग नृत्य पीठ के कलाकार लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे। शाम 8 बजे आर्मी बैंड अपनी प्रस्तुतियां देगा और रात 8.15 बजे से सूफी गायक ममता जोशी का गायन होगा।