आधारताल से भंवरताल तक यात्रा पर जगह-जगह हुई पुष्प वर्षा वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने भंवरताल उद्यान में रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
जबलपुर
गोंडवाना साम्राज्य की महारानी वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य और स्वाभिमान की गाथाओं को जन-जन तक पहुँचाने राज्य शासन द्वारा रानी के बलिदान दिवस पर पाँच अलग-अलग स्थानों से निकाली जा रही गौरव यात्रा ने आज शुक्रवार की दोपहर जबलपुर शहर में प्रवेश किया ।
वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा का जबलपुर शहर पहुँचने पर आधारताल में जोरदार स्वागत किया गया । गौरव यात्रा का आज जबलपुर जिले में दूसरा दिन था । दमोह जिले के सिंग्रामपुर से वन मंत्री कुंवर विजय शाह के नेतृत्व में प्रारम्भ हुई इस यात्रा ने कल गुरुवार को कटाव धाम से जिले में प्रवेश किया था । गौरव यात्रा दूसरे दिन मझौली के समीप ग्राम चौपड़ स्थित आराध्य बड़ा देव की पूजा अर्चना से शुरू हुई और सिहोरा, गांधीग्राम, पनागर होते हुये आधारताल पहुँची ।
शहर में प्रवेश करने पर यात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया । यात्रा के स्वागत में आधारताल में समारोह का आयोजन भी किया गया था। समारोह में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ जीतेन्द्र जामदार, विधायक श्री अशोक रोहाणी एवं श्री सुशील कुमार तिवारी इंदु, नगर निगम जबलपुर के अध्यक्ष श्री रिकुंज विज, श्री सुभाष तिवारी “रानू” भी मौजूद थे । वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा का कोतवाली, बड़ाफुहारा और गंजीपूरा होते हुये भंवरताल उद्यान में समापन हुआ जहां वन मंत्री कुंवर विजय शाह, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ जीतेन्द्र जामदार, विधायक श्री अशोक रोहाणी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संतोष वरकड़े,भाजपा के नगर अध्यक्ष श्री प्रभात साहू, भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष श्री सुभाष तिवारी रानू, श्री शरद अग्रवाल, नगर निगम अध्यक्ष श्री रिकुंज विज, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष श्री कमलेश अग्रवाल, श्री राजकुमार पटेल, श्री राजेन्द्र चौधरी, श्री मनीष जैन कल्लू आदि जनप्रतिनिधियों ने रानी दुर्गावती की विशाल प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
देश की रक्षा के लिये सर्वस्व बलिदान करने वाले जनजातीय नायकों के
साथ इतिहासकारों ने न्याय नहीं किया – वन मंत्री कुंवर विजय शाह
भंवरताल उद्यान में रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद वन मंत्री और यात्रा प्रभारी कुंवर विजय शाह ने यहां आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये मुगल आक्रांताओं और अंग्रजों से देश को आजाद कराने में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जनजातीय नायकों का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती, राजा शंकरशाह-कुंवर रघुनाथ शाह, टंट्या भील, बिरसा मुंडा जैसे अनेक जनजातीय नायकों ने गुलामी की जंजीर से देश को मुक्त कराने के लिये प्राणों का बलिदान दे दिया लेकिन इतिहासकारों ने उनके साथ न्याय नहीं किया और जो स्थान उन्हें इतिहास की पुस्तकों में मिलना था वह नहीं दिया गया। जनजातीय समाज के गौरव इन वीरों के योगदान को भुलाने के प्रयास किये गये।
वन मंत्री ने वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा के आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि आजादी के कई सालों बाद यदि किसी ने देश को मुगलों और अंग्रेजों की गुलामी की जंजीर से देश को मुक्त कराने में बलिदान देने वाले जनजातीय नायकों को सम्मान दिलाने की पहल की है तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की है। उन्होंने कहा कि आज देश की आजादी में योगदान देने वाले जनजातीय नायकों की याद में देश भर में जितने भी स्मारक बने हैं वे उनकी पार्टी की केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यकाल में ही बने हैं।
वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि रानी दुर्गावती के शासनकाल को आज भी याद किया जाता है तो इसलिये की उन्होंने अपने देश, धर्म, संस्कृति और परम्पराओं से कभी समझौता नहीं किया। रानी दुर्गावती मुगल शासक अकबर की शक्तिशाली सेना से निडर होकर लड़ी और अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देते हुये मातृभूमि एवं स्वाभिमान की रक्षा के लिये प्राणों का बलिदान दे दिया।
वन मंत्री ने रानी दुर्गावती सहित देश की आजादी के लिये प्राणों की आहुति देने वाले जनजातीय नायकों की गौरव गाथा को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इन जनजातीय नायकों की वीर गाथाओं को चित्रकथा के रूप में भी कराये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
समारोह के प्रारम्भ में पूर्व महापौर एवं भाजपा के नगर अध्यक्ष श्री प्रभात साहू ने अपने संबोधन में देश की रक्षा तथा संस्कृति और कला को बचाने के लिये वीरांगना रानी दुर्गावती के योगदान का स्मरण किया। उन्होंने रानी दुर्गावती की शौर्य गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिये गौरव यात्रा निकालने के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार जताया। समारोह के समापन पर सहभोज का आयोजन भी किया गया। इसमें वन मंत्री सहित गौरव यात्रा में शामिल सभी लोगों ने एक साथ बैठकर भोजन किया।