मुनि पुंगव श्री सुधा सागर महाराज जी का ससंघ आगमन हुआ। मुनिश्री की पेट्रोल पम्प तिराहे पर खितौला जैन समाज नवयुवकों,पुरुषों व महिलाओं ने ज़ोरदार अगवानी की।
खितौला सिहोरा
बेंड बाजों की सुमधुर ध्वनि व धर्म ध्वजा के साथ साथ महाराज जी की जगह जगह पाद प्रक्षालन श्रद्धालुओं द्वारा किया गया।
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण में महाराज श्री जी का पाद प्रक्षालन एवं चरण वंदन की जाकर भव्य अगवानी की गई श्री सुधा सागर जी ने धर्म सभा को संबोधित कर बताया कि हम सभी कर्म के आधीन हैं कर्म हमे नाच नचाता हैं हम सभी कर्म के इशारे मैं नाच रहे हैं।हमें इस कर्म के बंधन से छुटकारा पाना है तो हमें धर्म की ओर उन्मुख होना पड़ेगा। मुनि श्री ने कहा कि रावण बुद्धिमान था इसी कर्म के अधीन होने के कारण बुद्धिमान होते हुए भी अहंकार युक्त रहा व सीता जी का हरण किया। व्यक्ति को अपने धर्म के प्रति अस्थावान होना चाहिए।
मुनि श्री ने नवयुवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी संकल्प लें कि हम अपने माता पिता की आज्ञा के विरुद्ध कोई भी कार्य नहीं करेंगे, माता पिता की आज्ञा का पालन करेंगे।आप यदि माता पिता की आज्ञा का पालन करेंगे तो आपका जीवन सफल होगा आप कर्म के कुशील चाल से बचे रहेंगे।धर्म कार्य के प्रति अपनी भावनाओ को उच्च बनाये इससे आपका जीवन सुखमय धर्ममय होगा।मुनि श्री ने कहा की “अन्न का कण व मुनि की शरण” अमूल्य होता हैं इसका सदुपयोग करना चाहिए।
मुनिश्री की आहार चर्या खितौला में ही सम्पन्न हुई। मुनि श्री सुधा सागर जी को आहार देने का सौभाग्य महेंद्र कुमार मनोज कुमार जैन जी के परिवार को प्राप्त हुआ। मुनि श्री जी के शंका समाधान का कार्यक्रम भी शाम 6 बजे मंदिर जी के प्रांगण में ही सम्पन्न हुआ ।