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Friday, November 15, 2024

75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का भव्य शुभारम्भ

रुहानियत और इन्सानियत से ही बन सकता है पूर्ण इन्सान

निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

सतना,, लेखनी-देखनी । 2022: ‘‘रुहानियत और इन्सानियत से ही हम पूर्ण इन्सान बन सकते हैं” ये उद्गार निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का विधिवत शुभारंभ करते हुए मानवता के नाम संदेश में व्यक्त किए।
यह चार दिवसीय समागम निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा (हरियाणा) के विशाल मैदानों में आयोजित किया गया है जिसमें देश एवं दूर देशों से समाज के विभिन्न स्तरों के श्रद्धालु भक्त एवं प्रभु प्रेमी सज्जन लाखों की संख्या में सम्मिलित हुए हैं।
सत्गुरु माता जी ने अपने संदेश में कहा कि लगभग दो वर्ष के पश्चात आज यहां देश विदेश से भक्तजन, संतजन एकत्रित हुए हैं। क्योंकि कोविड महामारी के दौरान इन्सान का इन्सान से मिलना-जुलना सम्भव नहीं हो पा रहा था। संत हर समय मानवता की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं और इसी का प्रमाण कोविड के दौरान रक्तदान शिविर, निरंकारी भवनों का कोविड केयर केन्द्रों में परिवर्तित करना, कोविड टीकाकरण के लिए विशेष शिविर तथा जरूरतमंदों की सहायता करते हुए संतजनों ने दिया है।
सत्गुरु माता जी ने आगे कहा कि कोविड महामारी के अलावा युद्ध की स्थिति से भी मानव के दिलों में नफ़रत की भावनायें बढ़ी हैं जिसके कारण मानव-मानव के बीच दीवारें बनी हैं, जिन्हें प्यार के पुल बना कर ही गिराया जा सकता है। तभी एकत्व से अपनत्व का भाव बनेगा और हर मानव सुख चैन से जीवन बिता पायेगा।
देश के आज़ादी के अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए सत्गुरु माता जी ने कहा कि मिशन भी 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम मना रहा है। देश की आज़ादी द्वारा हम भौतिक रूप में तो आज़ाद हो गए, किन्तु रूह की आज़ादी परमात्मा की पहचान द्वारा ही सम्भव है। उसके उपरान्त ही सही अर्थों में मानवीय गुणों से युक्त जीवन जिया जा सकता है और मुक्ति भी प्राप्त हो सकती है।
इसके पूर्व आज अपरान्ह सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं उनके जीवनसाथी राजपिता  रमित जी का समागम स्थल पर आगमन होते ही समागम समन्वय समिति के सदस्यों द्वारा फूलों का गुलदस्ता देकर उनका हार्दिक स्वागत किया और एक फूलों से सजी हुई पालकी में विराजमान कर मुख्य मंच तक उनकी अगुवाई की। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्त दिव्य जोड़ी को अपने सान्निध्य में पाकर भावविभोर हुए और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। समूचे समागम प्रांगण में जयघोष की दिव्य ध्वनि गूंज उठी। सभी ओर दिव्यता का ऐसा अद्भुत वातावरण प्रकाशित हो रहा था और इस भक्तिमय वातावरण में सराबोर होते हुए हर भक्त आनंद की अनुभूति कर रहा था। समागम पंडाल में उपस्थित लाखों भक्तों ने दिव्य युगल का श्रद्धाभाव से अभिवादन किया। भक्तों के अभिवादन को स्वीकार करते हुए दिव्य युगल ने अपनी मधुर मुस्कान द्वारा सभी श्रद्धालुओं को आशीष प्रदान किए।
*सेवादल रैली*
निरंकारी संत समागम के इतिहास में ऐसा प्रथम बार हुआ कि जब एक पूरा दिन सेवादल को समर्पित किया गया। इसी के अंतर्गत बुधवार, 16 नवंबर को एक रंगारंग सेवादल रैली का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने शारीरिक व्यायाम, खेलकूद, मानवीय मीनार एवं मल्लखंब जैसे करतब दिखाए। इसके अतिरिक्त वक्ताओें, गीतकारों एवं कवियों ने समागम के मुख्य विषय ‘रूहानियत एवं इन्सानियत’

पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिसमें व्याख्यान, कवितायें, ‘सम्पूर्ण अवतार बाणी’ के पावन शब्दों का गायन, समूह गीत एवं लघुनाटिकाओं का सुंदर समावेश था।
सेवादल रैली में सम्मिलित हुए स्वयंसेवकों को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान करते हुए सत्गुरु माता जी ने कहा कि सेवाभाव से युक्त होकर की गई सेवा ही वास्तविक रूप में सेवा कहलाती है।

सुंदरलाल बर्मन
सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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