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Friday, June 20, 2025

राज्यपाल श्री पटेल भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के षष्टम दीक्षांत समारोह को कर रहे थे संबोधित

मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों से आहवान किया है कि माता-पिता एवं मातृ-भूमि को सदैव याद रखें। आज जो प्रतिज्ञा एवं संकल्प लिए हैं, उन्हें हमेशा अपने जीवन में याद रखें और अमल में लायें।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षण काल की पूर्णता और सेवा काल का आरंभ है। शिक्षा हमारी आत्मा है, शिक्षा हमें सुसंस्कृत करती है। उन्होंने कहा कि जीवन में जहाँ भी रहे अपने सामर्थ्य के अनुसार हमेशा वंचित लोगों का सहयोग करें और बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करें। शिक्षा ही ऐसा मार्ग है, जिससे हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के उन जनजाति तथा पिछड़े अंचलों में पत्राचार के माध्यम से शिक्षा पहुँचाने एवं शैक्षणिक सुविधाएँ उपलब्ध करवाना है, जो किन्ही कारणों से नियमित रूप से उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी भावी जीवन में सफलताओं के साथ अपने कर्त्तव्यों के प्रति भी सजग रहें। शिक्षित होना पर्याप्त नहीं है, सुशिक्षित आचरण जरूरी है।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि भोज विश्वविद्यालय द्वारा वंचित वर्गों के कल्याण के लिए धरमपुरी के 5 गाँवों में सिकल सेल के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह समूह बना कर अपने गाँव में वंचित वर्गों के लिए सिकल सेल कैम्प लगाने के लिए सहयोग करें।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा और दीक्षा दीक्षांत से ही पूर्ण होती है। यह विश्वविद्यालय दूरस्थ अंचल में बैठे शिक्षा के आकांक्षी विद्यार्थियों को अवसर देकर महती जिम्मेदारी निभा रहा है। राज्य शासन ने प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालयों में भोज विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र खोले हैं। भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की डिग्री की महत्ता किसी से कम नहीं है। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्रीरामचरितमानस पर पाठ्यक्रम प्रारंभ कर भोज विश्वविद्यालय ने देश में अपना स्थान बनाया है।

राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी. विजय कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के समसामयिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रोजगार और व्यवसाय के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से यह नीति लाई गई है। इसमें बहुसंकायी पाठ्यक्रमों की व्यवस्था है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा व्यवस्था को रिस्ट्रक्चर किया गया है। इससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा। परंपरागत शिक्षा व्यवस्था के साथ व्यवसायिक शिक्षा पर भी इसमें फोकस किया गया है।

भोज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयंत सोनवलकर ने कहा कि भोज विश्वविद्यालय निरंतर ‘आपकी शिक्षा-आपके द्वार’ सिद्धांत पर अमल करते हुए छात्रों को सुगम एवं सहज शिक्षा प्रदान करने संकल्पित है। उन्होंने कहा कि भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय द्वारा दूरस्थ अंचलों में निवासरत छात्रों को सहज एवं सुगम शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से स्नातक स्तर के लगभग 206 व्याख्यानों को दूरदर्शन के माध्यम से प्रसारित कराया गया, जिन्हें यू-ट्यूब क्लासरूम, डी.डी.एम.पी. पर भी देखा जा सकता है।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी संकाय के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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