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Friday, November 15, 2024

राज्यपाल श्री पटेल ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि मातृ-भूमि के प्रति आत्म-गौरव का प्रदर्शन 𝟏𝟑 से 𝟏𝟓 अगस्त तक हर घर तिरंगा लहरा कर करें।

 श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि मातृभाषा में शिक्षा, सुदूर अंचलों में रहने वाले ग्रामीण एवं वंचित वर्गों के विद्यार्थियों को ज्ञान-विज्ञान के साथ देश और समाज के विकास में बेहतर योगदान देने में सक्षम बनाने का अभूतपूर्व अवसर है।

राज्यपाल श्री पटेल राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हिन्दी अनुवादित तकनीकी पाठ्यक्रम की पुस्तकों के राज्य स्तरीय विमोचन, वितरण एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि भाषा ही वह तत्व है, जिससे हमारी आत्मा का गठन होता है। भाषा का महत्व केवल बौद्धिक ही नहीं, चारित्रिक विकास में भी है। यह विज्ञान सम्मत है कि व्यक्ति की विषय की समझ, सीखने की दक्षता मातृभाषा में आसानी से आती है। वास्तव में मातृभाषा का शिक्षण ज्ञान प्रदान करने का अवसर ही नहीं है, अपितु बालक को मनुष्य के जीवन में दीक्षित करने का साधन है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को हौसलों के साथ सफलता की नई ऊँचाइयों को छूने का अवसर दिया है। 21वीं सदी की वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम और दक्ष युवा पीढ़ी निर्माण के संकल्प का प्रतीक मातृभाषा में शिक्षा है। मातृभाषा में शिक्षा के विस्तार के द्वारा वर्ष 2030 तक 100 प्रतिशत सकल नामांकन के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सफलता के लिए विद्यार्थियों की प्रतिभा और इच्छा अनुसार कौशल उन्नयन का अवसर देने के प्रयास किए जाएँ। परिसर का वातावरण ऐसा होना चाहिए जो छात्र-छात्राओं को कुशल, आत्म-विश्वासी, व्यवहारिक और निर्णयात्मक बनाएँ। राष्ट्र, समाज की चुनौतियों और समस्याओं के समाधान के लिए अनुसंधान और अन्वेषण की प्रेरणा और प्रोत्साहन दे।

राज्यपाल श्री पटेल ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। राज्यपाल का शॉल, श्रीफल एवं पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। स्मृति चिन्ह के रूप में जनजातीय कलाकृति एवं राष्ट्र ध्वज भेंट किया गया। राज्यपाल श्री पटेल ने प्रतीक स्वरूप पाँच तकनीकी शिक्षण संस्था के प्राचार्यों को हिन्दी में अनुवादित पुस्तकों के सेट प्रदाय किए। अनुवाद कार्य से संबद्ध समन्वयक, अनुवादकों और समीक्षाकर्ताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के उपाध्यक्ष श्री एम.एल.पुनिया ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिषद द्वारा 3 माह की अल्पावधि में 22 पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कराया गया है। परिषद् की तकनीकी डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक समान होने से पुस्तकों की मातृभाषा में उपलब्धता से पूरे देश में शिक्षा की सुविधा हो गई है। उन्होंने बताया कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से किए गए अध्ययन में मातृभाषा में शिक्षा का अभाव भारतीय शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता की कमी का प्रमुख कारण बताया गया था। मातृभाषा में पुस्तकों के प्रकाशन से शैक्षणिक गुणवत्ता बेहतर होगी और शिक्षा का विस्तार होगा।

परिषद् के सदस्य सचिव प्रोफेसर राजीव कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग और डिप्लोमा के द्वितीय वर्ष के लिए 88 विषयों में 12-12 पुस्तकों का अनुवाद कार्य किया जा रहा है। उन्होंने परिषद् द्वारा प्रदान की जा रही फेलोशिप के बारे में भी बताया। कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के निदेशक एफ.डी.सी. डॉ. अमित कुमार ने आभार माना।

सुंदरलाल बर्मन
सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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