ढीमरखेड़ा से सिहोरा ग्राम पदयात्रा ने बनाया “सिहोरा जिला आंदोलन” को जनांदोलन
सिहोरा
सिहोरा को जिला बनाने के आंदोलन में 26 जनवरी 2023 का दिन अपार आशाओं भरा रहा।ढीमरखेड़ा से सिहोरा तक घोषित ग्राम पदयात्रा की शुरुआत ढीमरखेड़ा से हुई जहाँ मुख्य बस स्टैंड थाने के सामने तिराहे पर स्थानीय जन थोड़े से आग्रह पर भारी संख्या में एकत्र हो गए।सभी ने एक स्वर में कहा कि सिहोरा से उनका संबंध रोटी-बेटी का है,वर्षो पुराना है।जबरदस्त आमसभा ढीमरखेड़ा में हुई जिसमें विधायक प्रतिनिधि के साथ दो जनपद सदस्य भी शामिल हुए।इसके बाद सारे ढीमरखेड़ा वासी सैकडों की संख्या में ग्राम पद यात्रा में ढीमरखेड़ा के अंतिम छोर तक शामिल हुए।सभी ने वचन दिया कि वे सिहोरा जिला की मांग का समर्थन करते है और आत्मा से सिहोरा जिला में शामिल होना चाहते है।
इसके बाद यात्रा *ज्योतिकी सिमरिया* पहुँची ग्राम के सरपंच अनेक ग्रामवासी साथ आए और लगभग एक किमी तक यात्रा में साथ रहे।
यात्रा का अगला पड़ाव *”बड़ी पोंडी”* रहा।यहाँ तो ढीमरखेड़ा से कहीं ज्यादा जनसमुदाय ग्राम के मध्य एकत्र हुआ।यहाँ भी ग्राम सरपंच ने सम्पूर्ण ग्राम की ओर से समर्थन की घोषणा की।ग्राम में विशाल आमसभा हुई और लगभग 100-150 लोग यात्रा के साथ मुख्य मार्ग तक पैदल आए।
*ख़िरवा और छोटी पोंडी* में भी सिहोरा जिला आंदोलन को अपार समर्थन और अपने ग्राम के विकास को सिहोरा जिला होने पर ही मानने वालो की शत प्रतिशत संख्या रही।
यात्रा का अगला ग्राम *शुक्ल पिपरिया* रहा।यहाँ यात्रा के पहुँचते ही ग्राम के हनुमान मंदिर में ग्रामवासियों ने दरी बिछा सभा की स्वयं व्यवस्था की।यहाँ का एक एक व्यक्ति उस दिन को कोस रहा था जब उनके ग्राम को सिहोरा तहसील से काट कर कटनी जिले में मिलाया गया था।यहाँ भी आक्रोश युक्त आमसभा हुई और सैकड़ो की संख्या में ग्रामवासी ग्राम के बाहर तक यात्रा के साथ पैदल चले।
*मडेरा,बम्हनी,महनेर* से होती हुई यात्रा जब *पान उमरिया* पहुँची तो यहाँ पूर्व से सैकड़ों की संख्या में लोग यात्रा का इंतजार कर रहे थे।एक बार फिर एक विशाल आमसभा यहाँ हुई और सभी ने सिहोरा के जिला बनने के संघर्ष में साथ आने का भरोसा दिलाया।उमरियापान के मुख्य चौराहे से सिहोरा की ओर के अंतिम छोर तक ग्रामवासी पैदल यात्रा के साथ आए।
पान उमरिया के बाद यात्रा खितौला से सिहोरा घूमती हुई रात 9 बजे सिहोरा बस स्टैंड में समाप्त हुई।
*ढीमरखेड़ा से सिहोरा* तक की इस यात्रा से अब ये तय हो गया कि “सिहोरा जिला”बनने का संघर्ष अगर इसी तरह जारी रहा तो जल्द ही सिहोरा ढीमरखेड़ा, मझौली और बहोरीबंद के साथ एक जिला होगा।अब आगे इसी प्रकार की यात्रा बहोरीबंद, मझौली से प्रारंभ की जाएगी।
*सिहोरावासियों को चाहिए कि जब ढीमरखेड़ा, बहोरीबंद और मझौली आपके साथ आने को तैयार खड़े है तो आप खुलकर सामने क्यों नही आते?आगे आइये आप खुद लीडर है सिहोरा के सारे लीडर जिनकी ओर हम तक रहे है ये सिहोरा जिला नही चाहते,चाहते होते तो 2003 में जिला बन चुके सिहोरा को जब सरकार ने स्थगित किया चढ़ाई कर देते।जो 20 वर्षो से चुप है उनसे आशा न करें।आप से सरकार है,सरकार से आप नही।अब “सिहोरा जिला” केवल हम आप आमजन ही लागू करा सकते है।जिन्हें केवल राजनैतिक पद-प्रतिष्ठा की अपेक्षा हो उनसे सड़क की लड़ाई की अपेक्षा न करें।आओ आगे आओ,अब जब आपके साथ समूचा क्षेत्र है तो स्वयं “सिहोरा” पीछे क्यों?*
*निवेदक-लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति,सिहोरा*