फरिश्ता बनकर मृतक के परिजनों को की आर्थिक मदद कर एक वर्ष तक सहायता करने के ली जिम्मेदारी
कन्नौद:_चंचल भारतीय_
विजयदशमी पर्व के अवसर पर नगर परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तेज हवा अंधी के कारण सड़े हुए पाइप के टूटने से रावण के नीचे दबने से सतवास निवासी माजिद कुरैशी गंभीर हालत में शासकीय अस्पताल कन्नौद में प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रेफर कर दिया गया। जिसके बाद इंदौर के गोकुलदास अस्पताल उपचार चलता रहा जिस दौरान उनकी गुरुवार की सुबह मृत्यु हो गई परिजनों के द्वारा सोशल मीडिया पर उनकी 6 बेटियां और एक मंदबुद्धि बालक है कमाने वाले मजीद कुरेशी अकेले थे हॉस्पिटल में 40000 ₹ उनके उपचार में खर्च हो चुके हैं। 10800₹ बकाया है! पोस्टमार्टम के लिए उनका शव परिजन को नहीं सौंप रहे हैं। किसी नेता के कहने पर 5000₹ का बिल कम तो हो गया है लेकिन अभी भी ₹5800 अस्पताल प्रबंधन को को देना है। इस प्रकार की मार्मिक गुहार को सुनकर नवागत पार्षद फारुख भाई केले वाले ने तत्काल ₹5800 की सहायता पहुंचा कर अस्पताल प्रबंधन से शव परिजनों के सुपुर्द करा कर पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा गया।फारूक भाई ने परिवार क़ो नगर परिषद से नियमानुसार सहायता दिलाने का प्रयास करने की बात की है।जिसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से कन्नोद इंदौर समाजसेवी तिवारी परिवार के राजू तिवारी जी ने एवं एंबुलेंस एवं अंतिम क्रिया के लिए सहयोग राशि भेजी गई एवं मजीद कुरेशी जी के परिवार को इस दुख की घड़ी में एक वर्ष के लिए राशन सामग्री के सहयोग की बात कही है। दुखद घड़ी में निस्वार्थ भावना से मदद कर जनभावना की दृष्टि से देखा जाए तो अत्यंत प्रशंसनीय कदम है । काश ऐसे सजग जागरूक समाज सेवी जनप्रतिनिधियो पर
हमें गर्व होना चाहिए और पार्टीबाजी क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर वास्तविकता का समर्थन करना चाहिए। जनता ने ऐसे समाजसेवियों को हमेशा जन आशीर्वाद रूपी ताकत देकर सम्मानित करना चाहिए।
गोरतब रहे की
कन्नौद दशहरा मैदान पर आकस्मिक घटना की कल शाम से ही जन चर्चा का विषय बनी रही है। सोशल मीडिया पर फोटो वीडियो वायरल होते रहे।घटिया प्रबंधन को लेकर जनता में आक्रोश भी देखा गया। दशहरा मैदान पर कुछ समय के बाद हजारों की संख्या में रावण को देखने दर्शकों की भीड़ जुट जाती जिसके बाद यह घटना होती तो न जाने कितनी बेकसूर लोगों को शिकार होना पड़ता जिसका जिम्मेदार कोन होता!