लिखित शिकायत के बावजूद प्रशासन मौन
मझौली/जबलपुर | विशेष संवाददाता
सावन मास के पहले सोमवार से ही प्राचीन विष्णु वराह मंदिर, मझौली में श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा देखा जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यह मंदिर अत्यंत पवित्र और शक्ति-स्थल माना जाता है, जहां विशेषकर सावन मास में श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन, पूजन एवं जलाभिषेक हेतु आते हैं।
लेकिन इतने महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल पर प्रशासन की लापरवाही और व्यवस्था की कमी श्रद्धालुओं की आस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है।
लिखित शिकायत के बाद भी नहीं जगी जिम्मेदार व्यवस्था
स्थानीय समाजसेवियों एवं मंदिर समिति द्वारा नगर परिषद मझौली एवं तहसील प्रशासन को लिखित शिकायत देकर मंदिर में बुनियादी सुविधाओं की मांग की गई थी, जिसमें पेयजल, शौचालय, छाया व्यवस्था, मूंडन भवन, कथा स्थल और साफ-सफाई जैसे मुद्दे शामिल थे। लेकिन इन शिकायतों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सड़क जाम और अव्यवस्था से परेशान श्रद्धालु
मंदिर तक पहुंचने वाले मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें अव्यवस्थित पार्किंग और बिजली-पानी की व्यवस्था का अभावक्षदेखा गया। पुलिस या प्रशासन की कोई तैनाती नहीं थी जिससे भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा में भी भारी चूक रही
स्थानीय लोगों की मांग
मंदिर प्रबंधन समिति का पुनर्गठन कर सक्रिय लोगों को जिम्मेदारी दी जाए।
नगर परिषद द्वारा मंदिर में स्थायी विकास योजना लाई जाए।
मंदिर परिसर को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाए।
सावन मास जैसे विशेष अवसरों पर प्रशासन की विशेष तैनाती सुनिश्चित की जाए।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया
यह मंदिर हमारी संस्कृति और आस्था का केंद्र है, लेकिन न स्थानीय प्रशासन ध्यान दे रहा है, न जनप्रतिनिधि। सावन में भीड़ तो निश्चित है, पर कोई तैयारी नहीं।”
नरेंद्र पटेल (श्रद्धालु, मझौली)
इतनी भीड़ में न पानी, न शौचालय। बच्चों और महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ी। यह लापरवाही गंभीर है।
रेखा चौरसिया (महिला श्रद्धालु, जबलपुर से आईं)