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Monday, October 13, 2025

लोक निर्माण से लोक कल्याण”इनोवेशन, स्मार्ट सॉल्यूशंस और स्टाफ की कैपेसिटी बिल्डिंग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता – मंत्री श्री सिंह

प्रदेश के संभागों में एक साथ आयोजित हुई अभियंता प्रशिक्षण कार्यशाला

मंत्री श्री सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रशिक्षण कार्यशालाओं को एक साथ किया संबोधित

जबलपुर

लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह की अध्यक्षता में पूरे प्रदेश में एक साथ विभाग की संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन प्रशासनिक अकादमी भोपाल के साथ प्रदेश के आठ संभागीय मुख्यालयों में एक साथ किया गया। लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कार्यशाला को जबलपुर से विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य नवीनतम तकनीकों, उनके उपयोग और लाभों पर ध्यान केंद्रित करना था। इन कार्यक्रमों के माध्यम से उपस्थित अभियंताओं को आधुनिक निर्माण तकनीकों से अवगत कराया गया, जिससे सड़क निर्माण की गुणवत्ता, स्थायित्व और पर्यावरण-अनुकूलता को बढ़ाया जा सके।

इस कार्यक्रम में उप यंत्री से लेकर अधीक्षण यंत्री स्तर तक के लगभग 1760 अभियंताओं ने भाग लिया। राज्य स्तर से मुख्य अभियंताओं के आठ दल अलग-अलग संभागों में भेजे गए, जिन्होंने नवीन तकनीकों पर प्रशिक्षण प्रदान किया। जबलपुर संभाग में प्रशिक्षण का आयोजन घंटाघर के समीप स्थित नेताजी सुभाषचन्द्र बोस कल्चरल एंड इर्न्फोमेंशन सेंटर में किया गया। इसमें लगभग 243 प्रतिभागियों ने भाग लिया। राज्य स्तर से प्रमुख अभियंता (भवन) शालिग्राम बघेल एवं मुख्य अभियंता (भवन) के.एस.यादव प्रशिक्षक के रूप में शामिल हुये।

लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कार्यशाला को विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा की आज के युग में, जब टेक्नोलॉजी तेजी से विकसित हो रही है, तो इंजीनियर्स के लिए स्वयं को अपडेट रखना आवश्यक हो गया है। इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी और स्मार्ट सॉल्यूशंस पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, और इसी उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गई है। श्री सिंह ने कहा कि लोक निर्माण से लोक कल्याण तक का मार्ग इंजीनियर्स के माध्यम से ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग की नींव तभी रखी गई थी जब देश में इस विभाग का गठन हुआ और तब से लेकर आज तक, यह विभाग लगातार समाज के विकास में योगदान दे रहा है।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इंजीनियर्स द्वारा निर्मित संरचनाएँ केवल आज के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होंगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और आध्यात्मिक केंद्रों तक पहुँच इन्हीं संरचनाओं के माध्यम से होती है, जो लोक कल्याण की दिशा में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का गठन लोक कल्याण के लिए हुआ है, और इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, इंजीनियर्स को अपने कर्तव्यों को समझते हुए कार्य करना चाहिए।

उन्होंने विकसित भारत के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि विकसित मध्यप्रदेश इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। लोक कल्याण की संरचनाओं को आदर्श रूप में स्थापित करना और समाज में इंजीनियर्स की विशिष्ट भूमिका को बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इंजीनियर्स को इस जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य करना चाहिए ताकि उनके द्वारा किए गए कार्यों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाए।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इंजीनियर्स को सजगता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करना चाहिए, ताकि उनके द्वारा निर्मित संरचनाएँ गुणवत्ता और विशिष्टता का प्रतीक बनें। उन्होंने कहा कि विभाग आपके साथ खड़ा हैं, ताकि मध्यप्रदेश के लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर्स का नाम देशभर में सम्मान के साथ लिया जाए। उन्होंने ने कहा कि यह कार्यशाला इंजीनियर्स की क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लोक निर्माण से लोक कल्याण की यात्रा को मजबूती प्रदान करेगी।

प्रशिक्षण कार्यशाला में सभी मुख्य अभियंताओं द्वारा उपस्थित अभियंताओं को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से नवीनतम तकनीकों, उनके उपयोग और लाभों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इसमें प्रमुख रूप से व्हाइट टॉपिंग तकनीक, जो सड़कों की उम्र 15-20 साल तक बढ़ाकर रखरखाव की आवश्यकता को कम करती है तथा फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक, जो पुरानी सड़क सामग्री के पुनः उपयोग से किफायती और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण सुनिश्चित करती है, शामिल थीं। अल्ट्रा-हाई परफॉर्मेंस कंक्रीट से हल्की और मजबूत सड़कें व पुल बनाए जाते हैं, जबकि वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग सड़कों को अधिक टिकाऊ और प्रदूषण-मुक्त बनाने में सहायक होता है।

इसके अलावा, ग्लास फाइबर रिइनफोर्स्ड पॉलिमर बार तकनीक के उपयोग से जंग-प्रतिरोधी, हल्का और मजबूत निर्माण संभव होता है, खासकर नमी वाले क्षेत्रों में।

माइक्रो-सर्फेसिंग तकनीक से सड़कों की ऊपरी परत को चिकना और मजबूत बनाया जाता है, जिससे पानी से सुरक्षा मिलती है और गड्ढों की समस्या कम होती है। जियोग्रिड और ग्लासग्रिड तकनीक कमजोर मिट्टी वाले स्थानों पर सड़कों को अतिरिक्त मजबूती प्रदान करती है और दरारों को रोकने में सहायक होती है।

इसके अतिरिक्त, लोक-कल्याण सरोवर योजना के तहत सड़क निर्माण से निकली मिट्टी का उपयोग जल संरक्षण के लिए किया जाता है, जिससे भूजल स्तर में सुधार होता है। पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से पेड़ स्थानांतरण तकनीक को अपनाया जा रहा है, जिससे सड़क निर्माण के दौरान पेड़ों को काटने के बजाय सुरक्षित रूप से दूसरी जगह लगाया जा सकता है।

इन सभी तकनीकों के माध्यम से मध्यप्रदेश में सड़क निर्माण कार्य को अधिक मजबूत, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।

इस प्रशिक्षण का मुख्य आकर्षण अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिक्षाविद श्री विक्रांत तोमर के मार्गदर्शन में आयोजित “ट्रेनिंग नीड असेसमेंट” सत्र रहा। उन्होंने सरल प्रश्नों के माध्यम से प्रतिभागियों के विचारों को एकत्रित कर प्रशिक्षण आवश्यकताओं को समझा। इस सत्र का उद्देश्य विभाग के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग फ्रेमवर्क तैयार करना था।

ये प्रश्न मेंटी पोर्टल एवं गूगल फॉर्म के माध्यम से पूछे गए थे और क्यूआर कोड एवं लिंक सभी प्रतिभागियों के साथ शेयर किये गए थे। इन प्रश्नों में इंजिनियर्स द्वारा फेस की जा रही मुख्य चुनौतिया, पूर्व में आयोजित प्रशिक्षण, विभिन्न क्षेत्रों में इंजिनियर्स का तकनीकी कौशल, सॉफ्टवेयर एवं टूल्स के प्रशिक्षण की आवश्यकता, क्रॉस-फंक्शनल टीमों के साथ सहयोग, व्यवहारिक कौशल विकास आदि से सम्बंधित प्रश्न सम्मिलित थे। इस सत्र में प्रतिभागियों ने खुल कर अपने विचार रखे और विक्रांत तोमर जी प्रश्न भी पूछे। सत्र के दौरान प्रतिभागियों द्वारा दिए गए उत्तरों का समग्र एनालिसिस भी किया गया और विभिन्न विषयों पर सामूहिक विचारों को प्रदर्शित किया गया।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान सभी प्रतिभागियों ने अनेक प्रश्नों के उत्तर दिये, जिनके आधार पर विभाग का कैपेसिटी बिल्डिंग फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा। इन प्रश्नों का उत्तर देना भी विभाग के लिए एक प्रेरणादाई अनुभव रहा।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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