मझौली विद्युत आपूर्ति उपकेंद्र द्वारा एक बार फिर 16 सितम्बर को सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक बिजली आपूर्ति बंद रखने की घोषणा की गई है।
मझौली, 16 सितम्बर 2025:
यह कटौती 11 केवी मझौली टाउन घरेलू फीडर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों—ककार्देही, पिपरिया कॉलोनी और मझौली शहर—में की जाएगी। विद्युत विभाग ने इसका कारण लाइन मेंटेनेंस कार्य बताया है।
हालांकि, यह कोई नई बात नहीं है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि मझौली सब स्टेशन द्वारा वर्ष भर नियमित मेंटेनेंस के नाम पर बिजली की कटौती की जाती है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता है।
स्थानीय व्यापारी, छात्र और गृहिणियाँ बार-बार की इस अनियोजित और लंबी अवधि की बिजली कटौती से परेशान हैं। व्यापारी वर्ग का कहना है कि बिजली न होने से व्यवसाय पर असर पड़ता है, जबकि छात्र कहते हैं कि पढ़ाई में बाधा आती है। वहीं, घरों में पंखे-कूलर बंद होने से बुजुर्ग और छोटे बच्चों को सबसे ज़्यादा परेशानी होती है।
लगातार हो रही बिजली कटौती के खिलाफ लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर मेंटेनेंस कार्य इतने नियमित हैं, तो सिस्टम में सुधार क्यों नहीं हो रहा? लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या मेंटेनेंस कार्य केवल औपचारिकता बनकर रह गए हैं?
जनता अब शासन-प्रशासन से जवाब और ठोस कार्यवाही की मांग कर रही है। लोगों की अपेक्षा है कि बिजली व्यवस्था में स्थायी सुधार लाने के लिए दीर्घकालिक योजनाएँ बनाई जाएँ, जिससे मेंटेनेंस कार्य भी व्यवस्थित तरीके से हों और आम जनता को अनावश्यक कष्ट न उठाना पड़े।
वहीं मझौली शहर में स्टेशनरी दुकान चलाने वाले रमेश साहू ने बताया:
“बिजली नहीं रहने से ग्राहकी प्रभावित होती है। ऑनलाइन पेमेंट से लेकर प्रिंटिंग और फोटो स्टेट जैसे काम ठप हो जाते हैं। विभाग को समयबद्ध और स्थायी समाधान देना चाहिए।”
पिपरिया कॉलोनी निवासी अनीता यादव, जो कि एक गृहिणी हैं, कहती हैं:
“हर महीने 3-4 बार बिजली मेंटेनेंस के नाम पर काट दी जाती है। खाना बनाने से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक सब प्रभावित होता है। ये कैसा मेंटेनेंस है जो कभी खत्म ही नहीं होता?”
विद्युत विभाग के सहायक अभियंता आर.के. मिश्रा ने कहा:
“लाइन मेंटेनेंस कार्य जनहित में किया जा रहा है, ताकि भविष्य में फॉल्ट की समस्या न हो। कोशिश रहती है कि न्यूनतम समय में कार्य पूरा किया जाए। उपभोक्ताओं से सहयोग की अपेक्षा है।”