सिहोरा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वन विभाग के रेंजर से लेकर चौकीदार तक नर्सरी में लगे सागोंन के पेड़ों को कटवा कर उसे अवैध रूप से मशीन संचालकों एवं कारीगरों को बेचा जाता रहा था ।
मझौली जबलपुर
क्षेत्रवासियों के अनुसार वन विभाग के द्वारा कुछ लोगों को नियमित वेतन पर रखा गया है
जो वन क्षेत्र से रात में सागोन के पेड़ों को काटकर चौकिया मे रख देते हैं
फिर यहां से शुरू होता है अवैध बिक्री का खेल
मझौली के शंकरगढ़ कॉलोनी चौकी एवं इंद्राना रोड पर बनी छीतापाल की चौकिया से खरीद फरोक की वीडियो उपलब्ध कराई गई
मामले को रफा दफा करने वन विभाग के आला अधिकारी दो दिन तक लगे रहे तो वहीं आरा मशीन संचालक ने कुछ भाजपा नेताओं को वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा बेची गई
सागोन की लकड़ी के वीडियो और ऑडियो उपलब्ध काराये
यह खेल विगत कई वर्षों से वन विभाग की मिली भगत से चल रहा था लेकिन शुक्रवार दिनांक 13/9/24 को मुखबिर की सूचना पर जिला वन मंडल अधिकारी ने उड़न दस्ता भेज वार्ड क्रमांक 12 भटिया मोहल्ला में लकड़ी का काम करने वाले मशीन संचालक गिरीश विश्वकर्मा के यहां धावा बोला तो वहां पर सागोन की वन विभाग के द्वारा बेची हुई लकड़ी बरामद हुई ।
पूर्व में भी लगभग 10 लाख रुपए की बेस कीमती सागोन की सिल्लियां एव एक मशीन संचालक से जप्त की गई थी। जो की शंकरगढ़ कॉलोनी चौकी में कुछ दिनों तक रखी थी।
फिर वह इन्हीं मशीन संचालकों को बेच दी गई ।
वैसे भी वन विभाग के द्वारा जब पहले भी मशीनें और सागौन की सिल्लियां जप्त की गई तो संचालकों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ।
अभी क्यों जागा वन अमला ,,,,,