माझी मछुआरा अधिकार के लिए एक छतरी के नीचे आना होगा
मध्य प्रदेश
अनिल बर्मन अन्नू 🖋️
मझौली जबलपुर मध्यप्रदेश
पिछले 25 सालों से लगातार संघर्ष हो तो रहा पर वह अधिकार प्राप्त करने कम एवं पार्टियों को जिताने ज्यादा हो रहा है । छोटे छोटे पदों कि लोलुपता के अधीन होकर सामाजिक बंधु अपना हनन तो कर ही रहे हैैं -साथ ही अपने मूल अधिकार से खुदको दूर कर रहे हैं पार्टियों के अस्तित्व कि नींव मत बनो अपने अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता लाओ विश्वास मानों एक बार एकजुट होकर शांति गत आंदोलन करो दो पर अहिंसा के मार्ग को प्रशस्त करके-
“तूती बोलेगी” समाज की–
बड़ी शर्म कि बात है कि मध्यप्रदेश में 1करोड कि इतनी बड़ी संख्या में होने बावजूद मांझी मछुआरा समाज अपने अधिकारों से वंचित है।
जबकि
अन्य समाज के लोग खुद एकजुट होकर रहते हैं उनकी त्वरित समस्या का समाधान है वे कम संख्या में हैं पर एकजुट हैं ।
राजनैतिक दलों कि शाख मत बनो माझी मछुआरा आरक्षण कि धाक बनो, पार्टियां आएंगी -जाएगी।
मैं हूं माझी -माझी मेरा अधिकार
माझी आदिवासी एकता जिंदाबाद
जय मांझी जय निषादराज