विधायक नंदिनी मरावी ने किया शुभारंभ पन्द्रह से अधिक स्टॉलों में प्रदर्शन और विक्रय के लिये रखे गये है स्व-सहायता समूह के उत्पाद
जबलपुर
मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूह सदस्यों द्वारा निर्मित उत्पादों के प्रदर्शन एवं विक्रय हेतु सिविक सेण्टर मढ़ाताल स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल भवन में लगाये गये चार दिवसीय ग्रामीण आजीविका उत्कृष्ट उत्पाद मेला का शुभारंभ आज बुधवार को विधायक सिहोरा श्रीमति नंदनी मरावी एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संतोष बरकड़े द्वारा किया गया।
मेले के शुभारंभ के अवसर पर विधायक श्रीमती मरावी ने प्रत्येक स्टॉल का भ्रमण किया तथा स्व-सहायता समूह की सदस्यों से उनके उत्पादों की तथा आजीविका की गतिविधियों से जुड़ने पर जीवन में आये बदलाव पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होनें संगमरमर उत्पाद, कोदो कुटकी, रूई बाती एवं फिनाइल खरीद कर स्व सहायता समूह को प्रोत्साहित किया|
ग्रामीण आजीविका उत्कृष्ट उत्पाद मेले में मार्बल उत्पाद, फ्रोजन मटर, पापड़, झाड़ू, कोदो-कुटकी, मसाले एवं गारमेंट आदि आम लोगों के अवलोकन एवं क्रय करने हेतु उपलब्ध है। मेले के शुभारंभ के अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मनोज सिंह, जिला परियोजना प्रबंधक सुश्री श्वेता मेहतो, मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं जिला प्रबंधक अखिल शुक्ला भी उपस्थित रहें। महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों के प्रदर्शन और विक्रय के लिये यह मेला 16 सितम्बर तक प्रतिदिन सुबह 10.30 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहेगा।
मेले में महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों के पन्द्रह से अधिक स्टॉल लगाये गये है। जिले के पाटन विकास खंड के अनमोल संकुल स्तरीय संगठन की दीदीयों द्वारा तैयार फ्रोजन मटर का स्टॉल लगाया गया है। इसका मूल्य 175 रूपये प्रति किलो है। मेले में विशेष छूट के तहत इसे मात्र 100 रुपये की दर से बेचा जा रहा है। वहीं दिशा संकुल स्तरीय संगठन की दीदीयों ने सुंदर कढ़ाई कर ब्लेजर्स एवं जैकेट्स का निर्माण किया है। जिसे कम दामों पर खरीदने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। मशीनों से बनी खुशबूदार अगरबत्ती, धूप और अन्य पूजन सामग्री को मेले में डिस्काउंट रेट पर बेचकर अपराजिता महिला संकुल स्तरीय संगठन की दीदियां अच्छी कमाई कर रही हैं।
कुण्डम विकास खंड के सहेली संकुल स्तरीय संगठन की दीदीयों ने कोदो एवं कुटकी का स्टॉल लगाया है। शहरी बच्चे जहां इसे पहली बार देख रहे हैं, वहीं बुजुर्ग औषधीय महत्व के कारण इसे खरीदना पसंद कर रहे हैं। सिहोरा विकास खंड के अंतर्गत ग्राम कुर्रे की निवासी और सरस्वती आजीविका स्व-सहायता समूह की संचालिका वंदना शुक्ला हर्बल उत्पादों का प्रचार और विक्रय कर रही हैं।
ग्राम रैपुरा से आईं रंजीता राजू पटेल सहित पन्द्रह दीदीयों के समूह मां भवानी आजीविका स्व-सहायता समूह के जैविक उत्पाद मेले में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन जैविक उत्पादों में वर्मी कंपोस्ट, ब्रह्मास्त्र और आग्नेयास्त्र आदि प्रमुख हैं। मेले में लगभग 5 गमलों के लिए उपयुक्त 1 किलो जैविक खाद का मूल्य मात्र 10 रूपये है, जिसे बहुत पसंद किया जा रहा है।
पनागर विकासखंड के सर्वशक्ति संकुल स्तरीय संगठन द्वारा पूजन में प्रयुक्त रूई की बाती का निर्माण अनेकों परिवारों की आजीविका का आधार बन गया है। जुनवानी ग्राम के मेघा आजीविका स्व-सहायता समूह एवं ग्राम लहंगी के शारदा स्व-सहायता समूह की दीदियों ने घर में बने शुद्ध वाशिंग पाउडर का स्टॉल लगाया है।
ग्रामीण आजीविका उत्कृष्ट उत्पाद मेले में महालक्ष्मी स्व-सहायता समूह के लड्डू एवं नमकीन, बीछी ग्राम के भीम आजीविका स्व-सहायता समूह के मिर्च मसाले, सहजपुर ग्राम के शिवा स्व-सहायता समूह का सफाई का सामान, कुदारी ग्राम के मानव विकास स्व-सहायता समूह का होममेड फिनायल, बगराई ग्राम के महावीर कल्याण स्व-सहायता समूह के संगमरमर से निर्मित घरेलू पात्र एवं मूर्तियां, सुंदरपुर ग्राम के आजीविका स्वास्थ्य मिशन की पूजन एवं हवन सामग्री, पाटन विकास खंड के अभिलाषा आजीविका स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित बच्चों के खिलौने एवं गुड़िया तथा ग्राम पौड़ी के नर्मदा स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार आचार और पापड़ लोगों के द्वारा खरीदे एवं पसंद किए जा रहे हैं।