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Saturday, June 21, 2025

अधिकारों का दुरूपयोग, सुनियोजित षडयंत्र और कूट रचना कर नामांतरण आदेश पारित करने के मामले में तहसीलदार आधारताल, पटवारी सहित सात व्‍यक्तियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज

पदीय अधिकारों का दुरूपयोग, सुनियोजित रूप से षडयंत्र और कूट रचना कर आधारताल तहसील के ग्राम रैगवां की 1.1 हेक्‍टेयर भूमि पर शिवचरण पांडे का नाम विलोपित कर श्‍याम नारायण चौबे का नाम दर्ज करने का दोषी पाये जाने पर तहसीलदार आधारताल हरिसिंह धुर्वे, पटवारी जागेन्‍द्र पिपरे, तहसीलदार आधारताल में कार्यरत कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे सहित सात व्‍यक्तियों के विरूद्ध कलेक्‍टर दीपक सक्‍सेना के निर्देश पर विजय नगर थाने में अनुभागीय राजस्‍व अधिकारी आधारताल श्रीमती शिवाली सिंह द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है। विजय नगर थाने द्वारा इस प्रकरण में भारतीय न्‍याय संहिता 2023 की धारा 229, 318(4), 336(3), 338, 340(2), 61 एवं 198 के तहत पकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है।

जबलपुर

 

मामले में तहसीलदार आधारताल हरिसिंह धुर्वे को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रकरण में जिन अन्‍य आरोपियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है उनमें गढ़ा निवासी रविशंकर चौबे एवं अजय चौबे, एकता नगर विजय नगर निवासी हर्ष पटेल एवं जीबीएन कॉलोनी एकता नगर निवासी अमिता पाठक भी शामिल है।

अधिकारों का दुरूपयोग कर सुनियोजित रूप से षडयंत्र और कूटरचना कर नामांतरण की अवैधानिक कार्यवाही करने के इस मामले की जांच अनुभागीय राजस्‍व अधिकारी शिवाली सिंह द्वारा की गई थी। अनुभागीय राजस्‍व अधिकारी कार्यालय आधारताल से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार तहसीलदार आधारताल हरिसिंह धुर्वे द्वारा राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 1587/3-6/2023-24 में 8 अगस्‍त 2023 को आदेश पारित कर ग्राम रैगवा पटवारी हल्‍का नंबर 27 पुराना खसरा नंबर 51 और वर्तमान खसरा नंबर 74 रकबा 1.01 हेक्टेयर भूमि पर श्री शिवचरण पांडेय पिता स्व. श्री सरमन पांडेय निवासी माडल टाउन जिला जबलपुर का नाम विलोपिल कर श्याम नारायण चौबे का नाम दर्ज किया गया।

तहसीलदार द्वारा यह नामांतरण श्री महावीर प्रसाद पांडेय की 14 फरवरी 1970 को अपंजीकृत वसीयत के आधार पर किया गया। जबकि इस भूमि पर विगत लगभग 50 वर्षों से राजस्व अभिलेखों में श्री शिवचरण पांडेय का नाम से दर्ज है और वह इस भूमि पर विगत 50 वर्षों से खेती करते चले आ रहे है व संपत्ति पर भौतिक रूप से आज भी काबिज है।

जांच में पाया गया कि राजस्व अभिलेख में महावीर प्रसाद का नाम ही दर्ज नहीं है इसके बाद भी उसकी 50 वर्ष पूर्व की कथित वसीयत के आधार पर वर्तमान भूमि स्वामी का नाम एकपक्षीय रूप से विलोपित कर कथित वसीयत ग्रहिता, जो तहसील कार्यालय में कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर (संविदा) के पद पर कार्यरत कर्मचारी दीपा दुबे का पिता है, का नाम दर्ज करने का आदेश पारित करना तहसीलदार की दुर्भावना और संलिप्तता को प्रदर्शित करता है। प्रकरण में तहसीलदार द्वारा इस महत्वपूर्ण विधिक तथ्य की जानबूझकर अनदेखी की गई कि महावीर प्रसाद की वसीयत के आधार पर नामांतरण करने से पूर्व वर्तमान भूमि स्वामी का नामांतरण निरस्त करना अनिवार्य है। इस नामांतरण निरस्त करने की अधिकारिता तहसीलदार को नहीं है। तहसीलदार आधारताल जबलपुर द्वारा अधिकारिता से परे जाकर अतिरिक्त तहसीलदार आधारताल जबलपुर के न्यायालय में दर्ज प्रकरण का निराकरण किया गया।

जांच में पाया गया कि सुनियोजित ढंग से कूट रचित वसीयतनामा के आधार पर श्याम नारायण चौबे का नाम दर्ज करवाया गया और उनकी मृत्यु के तत्काल बाद पूर्व योजना के अनुसार तत्काल दीप दुबे और उसके भाइयों का नाम फ़ौती आधार पर संपत्ति पर दर्ज कर लिया गया और इसके तुरंत बाद इस संपति का विक्रय कर दिया। प्रकरण में आवेदन, आवेदक श्री एस चौबे के हस्ताक्षर से प्रस्तुत किया गया है, श्री श्याम नारायण चौबे का नाम कही भी आवेदन पत्र में उल्लेखित नही है। श्री श्याम नारायण चौबे निवासी गढ़ा, जो वाहन चालक के पद पर कार्यालय कलेक्टर जबलपुर में पदस्थ रहे थे, के आवेदन पर हस्ताक्षर एवं आदेश पत्रिका में हस्ताक्षर भिन्न भिन्न है। आवेदक दद्वारा आवेदन पत्र में स्थायी निवास का पता भी अंकित नही किया है, न ही कही परिचय पत्र, आधारकार्ड अधीनस्थ न्यायालय में प्रस्तुत किया है।

प्रकरण में हितबद्ध पक्षकार वर्तमान भूमिस्वामी को ना तो पक्षकार बनाया गया है ना ही उसे विधिवत सूचना पत्र तमिल किया गया है। अधोन्यायालय के समक्ष प्रस्तुत वसीयतनामा तीन रूपये के स्टाम्प पर निष्पादित किया गया है। साक्षीगण के नोटराईज्ड शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। शपथ पत्र में किसी भी गवाह की उम्र का उल्लेख नही किया गया है। आदेश पत्रिका में वसीयत के साक्षी उपस्थित हुए लेख किया गया किंतु किसी भी साक्षी के आदेश पत्रिका में हस्ताक्षर नही है। नोटराईज्ड शपथ पत्र मे वसीयतकर्ता की वसीयत गवाहों द्वारा प्रमाणित की जा रही है किंतु न्यायालयीन आदेश पत्रिका में उनकी उपस्थिति दर्शित नही हो रही है। नोटराईज्ड स्टाम्प में भी स्टाम्प क्रेता की आयु का उल्लेख एवं उनके निवास का उल्लेख नही किया है। प्रकरण में रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु नगर निगम जोन 13 के द्वारा 4 अगस्‍त 2016 को कम्पयूटराईज्ड सिग्नेचर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमे स्व० महावीर प्रसाद की मृत्यु दिनांक 22 दिसम्‍बर 1971 उल्लेखित है।

जांच में पाया गया कि पटवारी जोगेन्‍द्र पिपरे द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट एक पक्षीय और दुर्भावनापूर्ण स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की गई है। हल्का पटवारी प्रतिवेदन में मौका जांच एवं स्थल पंचनामा संलग्न नही किया गया, न ही उनके द्वारा पूर्व भूमिस्वामी महावीर प्रसाद के विधिक वारसानो की जानकारी एवं मृत्यु प्रमाण पत्र एवं मृत्यु दिनांक की जांच की गई। वसीयतकर्ता एवं वसीयतग्राहिता के संबंधो पर मौका जांच प्रतिवेदन नही किया गया। हल्का पटवारी द्वारा न ही वसीयतग्राहिता की वल्दीयत एवं वसीयत के समय वसीयतग्राहिता की उम्र संबंधित दस्तावेजो का भी मौका मिलान किया गया। वर्ष 1969 में हुए नामांतरण को पटवारी द्वारा बिना किसी दस्तावेजी साक्ष्य के विधि विरुद्ध प्रतिवेदित कर दिया गया है। राजस्व अभिलेख में महावीर प्रसाद का नाम दर्ज नहीं होने के बावजूद उसके द्वारा 50 वर्ष पूर्व निष्पादित कथित वसीयत के आधार पर नामांतरण की कारवाई प्रस्तावित करना प्रकरण में पटवारी की संलिप्तता को प्रदर्शित करता है।

प्रकरण की जांच में अनुविभागीय अधिकारी आधारताल द्वारा सुनियोजित षड्यंत्र कर, कूट रचना कर 95 वर्ष के व्यक्ति की भूमि को हड़पने के लिए लाभगृहिता दीपा दुबे पुत्री स्व० श्री श्याम नारायण चौबे एवं उसके भाई रविशंकर चौबे और अजय चौबे, निवासी गढ़ा जिला जबलपुर, हर्ष पटेल पिता मुकेश पटेल, निवासी 70 करमेता नया 67 एकता नगर, विजय नगर जबलपुर की आपराधिक संलिप्तता सिद्ध पाई गई है। इस प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी आधारताल ‌द्वारा कथित वसीयत को प्रमाणित करने के लिए नोटराइज्ड शपथ पत्र प्रस्तुत करने वाले गवाह गनाराम चौकसे पिता दुलीचंद चौकसे, रामेती बाई पति सुंदर लाल, निवासी गढा, प्यारी बाई पति जागेश्वर प्रसाद निवासी विवेकानंद वार्ड चेरीताल, शपथ पत्र तैयार करने वाले नोटरी आनंद मोहन चौधरी, कथित चस्पा तामिली करने वाले कर्मचारी राम सहाय झारिया की भूमिका को संदेहास्पद माना है।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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