महंगाई के मूल कारणों की खोज करने के लिए कई कारक जिम्मेदार
जैसे उत्पादक मूल्य, संचार की सुविधाएं, वित्तीय नीति, भूमि का उपयोग, व्यापार नीति और विदेशी मुद्रा नीति
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यदि हम इन कारकों को गहनता से अध्ययन करें, तो हम उन मुख्य कारणों की पहचान कर सकते हैं जो महंगाई को बढ़ावा देते हैं।
उत्पादक मूल्य एक मुख्य कारण है जो महंगाई को बढ़ावा देता है। उत्पादक मूल्य के विभिन्न तत्वों में वित्तीय निर्धारण, वित्तीय संरचना, भारतीय रूप से उत्पादित वस्तुओं के आयात और निर्यात तथा कारखानों और उत्पादकों के लिए बाधाओं को शामिल किया जा सकता है।
वित्तीय नीति एक और महत्वपूर्ण कारण है जो महंगाई को बढ़ावा देता है। वित्तीय नीति में ब्याज दर, उपलब्ध निधि की मात्रा, मुद्रा नीति, वित्तीय बाजार की स्थिरता और संगठन और कार्यक्रमों की व्यवस्था शामिल होती है।
महंगाई या उच्च मूल्य स्तर एक आम समस्या है जो अधिकांश देशों में पाई जाती है। कुछ मुख्य कारण हैं जो महंगाई के पीछे हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1- मूलभूत उत्पादों की कमी: अधिक मांग और कम उत्पादन मूलभूत उत्पादों की कीमतों को बढ़ाती है।
2- कम कारोबारी गतिविधि: कम व्यापार गतिविधि उत्पादकों को अपने उत्पादों को आम लोगों के बीच नहीं बांटने के लिए प्रेरित करती है। इससे वे उत्पादों की कीमत में वृद्धि करते हैं।
3- मुद्रा के मूल्य की कमी: अधिक उत्पादों की आवश्यकता के कारण देश के अन्य भागों से उत्पादों को आयात करने की जरूरत होती है, जो मुद्रा को कमजोर करती है।
4- उच्च कर:उच्च कर उत्पादकों के उत्पादन और विपणन को असंभव बनाते हैं।
5- असंतोष: जब आम लोग स्थानीय बाजार में आवश्यक वस्तुओं के लिए संतोषजनक विकल्पों से पूर्ववत होते हैं, तो उन्हें महंगाई का सामना करना पड़ता है।