किसानों ने 4 सूत्रिय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम पाटन एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पाटन
1_ओला प्रभावित किसानों को 20,000 रु प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए
2-बैक रिण बसूली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए साथ ही इस वर्ष क ब्याज मांफ किया जाए
3-बिजली बिलों की बसूली पर तत्काल रोक लगाकर किसानों का इस वर्ष का बिल माफ किया जाए
4-सरकारी एवं गैर सरकारी अन्य वित्तीय संस्थाओं को निर्देश जारी किया जाए किसानों से किसी भी प्रकार की देनदारी की जबरन बसूली न की जाए
गांव में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें पूर्णतः नष्ट हो गई जिस वजह से किसान भाइयों को आगामी समय में आर्थिक तंगी के साथ अपने जीवन अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा इस आपदा की घड़ी में हम कांग्रेस जन ज्ञापन के माध्यम से मुआवजा 20,000 एकड़ दिया जाये जिस को लेकर SDM पाटन को ज्ञापन सौंपा जिसमें पं. राजेश तिवारी गुरु, ठा. विक्रम सिंह दुर्गेश पटेल मनीष पटेल संगठन मंत्री राज किशोर पटेल दिनेश पटेल प्रदीप पटेल प्रभु पटेल संजय सिंह बाबा आशीष सिंह समस्त कांग्रेस जन समस्त किसान भाइयों जन उपस्थित रहे।
पाटन,कटंगी,मझौली और आपपास
बीते एक सप्ताह से लगातार बदलते मौसम के बीच सोमवार दोपहर पाटन विधानसभा में तेज बारिश के साथ करीब 10 मिनट तक बेर के बराबर ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि के चलते गेहूं की खड़ी फसल खेतों में बैठ गई। गेहूं की फसल पककर कटने की स्थिति में पहुंच गई थी ऐसे में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसान परेशान है।
जानकारी के मुताबिक सोमवार 5 से 5.15 के बीच अचानक मौसम बदला और बारिश के साथ ओलावृष्टि शुरू हो गई। करीब 10 मिनट तक एक सी रफ्तार में बेर के बराबर ओलावृष्टि होती रही। हालांकि गेहूं की फसल को अभी कितना नुकसान इस ओलावृष्टि और बारिश से हुआ है इसका आकलन राजस्व विभाग की टीम के खेत में पहुंचने के बाद ही पता चल सकेगा, लेकिन अचानक हुई इस ओलावृष्टि और बारिश से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी हैं।
तहसीलदार और नायब तहसीलदार 3 दिन के अवकाश पर
तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी मांगों को लेकर सोमवार से 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर हैं। ऐसे में इन गांवों में राजस्व अमला कब पहुंचेगा और सर्वे का काम कब शुरू होगा यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है।
प्रशासन तत्काल सर्वे,करा कर किसानों को मुआवजा दिलाए
किसानों ने प्रशासन से तत्काल गांवों में सर्वे की मांग की है ताकि खराब हुई फसलों का सर्वे होने के बाद किसानों को मुआवजा मिल सके।