जिले में अभी तक 1 लाख 57 हजार 295 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री की जा चुकी है। यह लक्ष्य का 95.17 प्रतिशत है। जिले में 1 लाख 65 हजार 270 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री करने का लक्ष्य है।
जबलपुर
कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को शेष किसानों की फार्मर रजिस्ट्री का कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर के निर्देशानुसार फार्मर रजिस्ट्री के कार्य में प्रगति की समीक्षा के लिए संयुक्त एवं डिप्टी कलेक्टर्स को तहसील भी आवंटित की गई हैं। इसी के साथ फार्मर रजिस्ट्री में आने वाली तकनीकी समस्याओं के निराकरण के लिए तहसीलवार कर्मचारियों की तैनाती की गई है।
अधीक्षक भू-अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों की फार्मर रजिस्ट्री करने में पनागर तहसील जिले में अभी भी पहले स्थान पर है। पनागर तहसील में अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने वाले सौ फीसदी से भी अधिक किसानों की फार्मर रजिस्ट्री की जा चुकी है। पनागर तहसील में 14 हजार 783 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री का लक्ष्य रखा गया था, इसके विरूद्ध इस तहसील में अभी तक 15 हजार 020 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री की जा चुकी है। जबलपुर तहसील 98.10 फीसदी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री के साथ दूसरे और गोरखपुर तहसील 98.01 फीसदी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री के साथ जिले में तीसरे स्थान पर है।
जिले की जबलपुर तहसील में 19 हजार 492 किसानों में से अभी तक 19 हजार 121, गोरखपुर तहसील में 552 किसानों में से 541, कुंडम तहसील में 21 हजार 299 किसानों में से 20 हजार 546, सिहोरा तहसील में 25 हजार 744 किसानों में से 24 हजार 569, पाटन तहसील में 26 हजार 799 किसानों में से 25 हजार 408, मझौली तहसील में 28 हजार 833 किसानों में से 26 हजार 789, शहपुरा तहसील में 26 हजार 891 किसानों में से 24 हजार 872, राँझी तहसील में 355 किसानों में से 267 तथा आधारताल तहसील में 522 किसानों में से 161 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो चुकी है।
कलेक्टर के निर्देश पर फार्मर रजिस्ट्री की प्रगति की समीक्षा के लिए संयुक्त कलेक्टर ऋषभ जैन को अधारताल एवं जबलपुर तहसील, संयुक्त कलेक्टर नदीमा शीरी को गोरखपुर एवं पनागर तहसील, डिप्टी कलेक्टर पीयूष दुबे को शहपुरा एवं पाटन तहसील, डिप्टी कलेक्टर ज्योति परसते को सिहोरा एवं मझौली तहसील तथा डिप्टी कलेक्टर रघुवीर सिंह मरावी को रांझी एवं कुंडम तहसील का आवंटन किया गया है।
फार्मर रजिस्ट्री के अतर्गत प्रत्येक कृषक भूमिस्वामी को एक यूनिक आईडी जनरेट कर प्रदान की जा रही है ताकि कृषकों को आसानी से केसीसी ऋण कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त हो सके और हितग्राहीमूलक योजनाओं हेतु लक्ष्य निर्धारण एवं कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से सत्यापन की प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके। फार्मर रजिस्ट्री या फार्मर आईडी से किसानों को भविष्य में पीएम किसान निधि एवं अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में भी आसानी होगी
किसान घर बैठे अपने मोबाइल पर फार्मर सहायक एमपी एप डाउनलोड कर फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं। मोबाइल एप के अलावा किसान पटवारी अथवा उनके गांव में नियुक्त सर्वेयर सहायक से भी फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे। एमपी ऑनलाइन कियॉस्क या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी निर्धारित शुल्क चुकाकर किसान फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे।