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Friday, June 20, 2025

भाजपा के अंदर के ही दुश्मन शिवराज के खिलाफ हुए सक्रिय

शिवराज का डोल रहा सिंहासन, मध्य प्रदेश में बदले समीकरणों से महारथियों में बेचैनी

छतरपुर पंकज पाराशर छतरपुर✍️

राजनैतिक सियासत में सब कुछ खुलकर नहीं कहा जाता है। इशारों में समझा दिया जाता और समझने वाले समझ जाते हैं। मध्य प्रदेश की राजनीति में सीएम शिवराज सिंह चौहान के कथित दुश्मनों ने कुछ इसी अंदाज पर उन पर हमला बोला है। पहले उनके करीबी अफसर पर प्रहार और इसके बाद एजी की रिपोर्ट लीक। ये दोनों घटनाएं शिवराज सिंह चौहान पर सीधा वार है क्योंकि दोनों ही मामले सीधा उनसे जुड़ा हुआ है। पोषहार घोटाले की जो रिपोर्ट लीक हुई है, उस विभाग के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान ही हैं। हर मुद्दे पर मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखने वाले सीएम इन मुद्दों पर चुप्पी साध रखी है। भाजपा के अंदर शिवराज के दुश्मन कौन हैं। क्या एमपी में आने वाले सियासी तूफान के संकेत हैं। उन्हें संसदीय चुनाव समिति बोर्ड से बाहर किया गया है l
दरअसल, सीएम शिवराज सिंह चौहान पोषणहार घोटाले को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं। विपक्ष से ज्यादा शिवराज सिंह चौहान को अंदर से हो रहे हमलों से चोट पहुंच रही है। वरना शिवराज सिंह चौहान इससे पहले कभी इतने असहाय नहीं दिखे हैं। पोषणहार घोटाले पर उनकी खामोशी बहुत कुछ इशारा कर रही हैं l राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनके सबसे अधिक दुश्मन ‘B-G’ के बीच में हैं। इसका मतलब है बी से भोपाल और जी से ग्वालियर होता है। हाल के दिनों में जिन मुसीबतों में शिवराज सिंह चौहान घिरे हैं, उनके तार यहीं से जुड़े हैं।
*शिवराज सिंह चौहान पर सीधा अटैक*
सरकार में कद्दावर मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सबसे पहले इशारों-इशारों में शिवराज सिंह चौहान को बड़ा चोट पहुंचाया है। उन्होंने बयान दे दिया कि मुख्य सचिव मंत्रियों की सुनते नहीं। साथ ही उनका फोन भी नहीं उठाते हैं। राज्य में एक निरंकुश प्रशासक है। राज्य में इससे पहले कभी सरकार के मंत्री मुख्य सचिव पर सवाल नहीं उठाए थे। इस विवाद पर शिवराज सिंह चौहान चुप और खामोश रहे। मंत्री ने आकर उनसे मुलाकात की और सब साइलेंट हो गए। सिसोदिया की चाभी ग्वालियर में है l
*एजी की गोपनीय रिपोर्ट लीक किसने किया?*
शिवराज सिंह चौहान के लिए दूसरी मुसीबत एजी की रिपोर्ट बन गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग की यह रिपोर्ट बेहद गोपनीय थी। 15 दिनों के अंदर राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा गया था। एमपी में महालेखाकार का मुख्यालय ग्वालियर में है। ऑडिट रिपोर्ट में ज्यादातर जिले भी उसी क्षेत्र के हैं। ग्वालियर से यह रिपोर्ट भोपाल पहुंची। भोपाल आने के बाद रिपोर्ट लीक हो गई। मीडियाकर्मियों के हाथ यह रिपोर्ट एक सितंबर को लग गई थी। खबरें सामने आने लगी तो सरकार सन्न रह गई। ऐसे में एक खेमे में इस बात को लेकर हलचल है कि आखिर रिपोर्ट किसने लीक की।
*यूरिया पर मीटिंग तो पोषणहार पर खामोशी क्यों ?*
पोषणहार घोटाले के बीच एमपी में यूरिया गायब होने की खबर सामने आई है। यूरिया गायब होने की खबर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सुबह-सुबह अधिकारियों की क्लास लगा दी है। इसके साथ ही उन्होंने तुरंत एफआईआर कर आरोपियों को जेल भेजने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में सवाल है कि यूरिया पर तुरंत सामने आने वाले सीएम ने पोषणहार घोटाले पर चुप्पी क्यों साध रखी है।
*B-G’ वाले दुश्मन कौन?*
ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि ये बी-जी वाले दुश्मन कौन हैं। कथित रूप से सियासी जानकारी मानते हैं कि इसमें अफसर और नेता दोनों शामिल हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि सरकार में कुछ खास लोगों की चलती है। नेताओं का एक तबका सीएम से नाराज है लेकिन खुलकर नाराजगी का इजहार नहीं कर पाता है। ऐसे में उलझाने की कोशिश रहती है। वहीं, कथित तौर पर सीनियर अफसरों की लॉबी भी मुख्यसचिव को पसंद नहीं करता है। ऐसे में वे लोग भी हमेशा से चोट पहुंचाने की ताक में लगे रहते हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान मुख्य सचिव का एक्सटेंशन चाहते थे लेकिन दिल्ली से हरी झंडी नहीं मिली है। ऐसे में उनके कथित दुश्मनों को और बल मिल गया है।
*ग्वालियर-चंबल बना है सबसे बड़ा केंद्र*
ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी इस इलाके में बीजेपी हार गई थी और शिवराज की कुर्सी चली गई थी। इस बार भी कुछ ऐसी स्थिति बन रही है। अब जिलों में बीजेपी के नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन कोई काम नहीं कर रहा है। जनप्रतिनिधियों की सुनी नहीं जा रही है। ये आरोप लगाने वाले लोग एक खास गुट के हैं। यह पार्टी में आने वाली भयंकर आरजकता के संकेत हैं।
*कुर्सी पर कितना खतरा ?*
ऐसे में एक तबके के मन में यह भी सवाल है कि इन आरोपों से शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी पर कितना खतरा है। घोटालों के आरोप 2023 के विधानसभा चुनाव में शिवराज को घेरने के लिए कांग्रेस के पास एक बड़ा हथियार होगा। सवाल है कि क्या बीजेपी इस बार कांग्रेस को यह मौका देगी। ये तो वक्त बताएगा लेकिन शिवराज सिंह चौहान खुद भी सियासत के सिकंदर हैं। अब देखना होगा कि इन मुसीबतों से कैसे निपटते हैं।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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