सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अभय मनोहर सप्रे ने कहा कि जबलपुर शहर को सड़क सुरक्षा एवं यातायात सुधार के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर सुधार लाने की जरूरत है।
जबलपुर
जबलपुर को इस क्षेत्र में अव्वल बनाने के लिये जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी पूरी पूर्ण गंभीरता, लगन, समर्पण एवं संवेदनशीलता के भाव से जुट जाए।
सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अभय मनोहर सप्रे आज यहां कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय, नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रीति यादव, अतिरिक्त कलेक्टर श्री नाथूराम गोंड, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात एवं सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने सड़क दुर्घटना की कई दर्दनाक घटनाओं का उदाहरण देकर कहा कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पालन कराना जरूरी है। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं की मृत्यु पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मृत्यु की संख्या कम करने के लिये समन्वित प्रयास सुनिश्चित किये जाये। उन्होंने कहा कि जरूरी है कि हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा दिया जाये। सीट बेल्ट लगाने के संबंध में जागरूकता लाई जाये। शराब पीकर वाहन चलाने वालों तथा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाये। लोक परिवहन वाहनों को बढ़ावा दिया जाये, जिससे सड़कों पर चलने वाले छोटे वाहनों की संख्या में कमी लाई जा सकें। उन्होंने सभी से कहा कि वाहन चलाते समय हेलमेट व सीटबेल्ट अनिवार्य रूप से लगायें। इसके साथ ही स्कूलों एवं कॉलेजों सहित अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियों के लिये भी हेलमेट पहनने की अनिवार्यता लागू की जाये। उन्होंने मीडिया से सड़क सुरक्षा और यातायात सुधार के जागरूकता अभियान में तेजी लाने और इस अभियान को प्रभावी बनाने में सहयोग का आग्रह किया।
बैठक में जस्टिस सप्रे ने जबलपुर जिले में विगत 5 वर्षों में हुई सड़क दुर्घटनाओं, ब्लेक स्पाट के चिन्हांकन एवं उनके सुधार कार्य, सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन तथा चालानी कार्रवाई के संबंध में किये जा रहे कार्यों और नवाचारों, जन जागरूकता अभियान आदि की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जबलपुर जिले में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ संकल्पबद्ध होकर कार्य किये जाये और सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु की संख्या में कमी लाई जाये। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की जान महत्वपूर्ण है। यह प्रयास हो कि किसी की भी गलती से किसी निर्दोष की जान नहीं जाये। उन्होंने कहा कि बड़ी संस्थाएं अपने कर्मचारियों को संस्था में आने-जाने के लिये बड़ी बसों या अन्य यात्री वाहन उपलब्ध करायें। उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों को बचपन से ही सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वाहनों की फिटनेस की निरंतर चेकिंग की जाये। ड्राइविंग टेस्ट में भी सख्ती बरतें। वाहनों का बीमा अनिवार्य रूप से कराया जाये। वाहनों की ओव्हरलोडिंग को रोकने के लिये विशेष प्रयास किये जायें। गड्ढों की तुरंत मरम्मत करवायी जाये। मानक स्पीड में वाहन नहीं चलाने वालों के विरूद्ध यातायात पुलिस सख्ती से कार्रवाई करें।
न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जाये। उन्होंने सड़क दुर्घटना में जबलपुर जिले में विगत पाँच वर्षों में हुई मृत्यु की संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में कमी लाना हमारी मुख्य प्राथमिकता रहे। जिससे प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु में बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट पहने और यातायात के पालन नहीं करने वाले तथा शराब पीकर वाहन चलाने वालों की संख्या ज्यादा होती है। इसलिए बिना हेलमेट पहने और बिना सीट बेल्ट लगाए वाहन चलाने वालों पर चालानी कार्यवाही की जाए। उन्होंने शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर भी सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने ब्लैक स्पॉट्स के चिन्हांकन के पश्चात यथा शीघ्र सुधारात्मक उपायों, घायलों को त्वरित उपचार देने, यातायात नियम तोड़ने वालों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी वाहनों के बीमा फिटनेस, इंश्योरेंस, वाहन चालकों के लायसेंस की जांच करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सड़कों की तुरंत मरम्मत, सड़कों के निर्माण में समय सीमा और गुणवत्ता का ध्यान रखने आदि के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देश दिये। साथ ही कहा कि सड़कों की गुणवत्ता का परीक्षण स्वतंत्र लोगों से करायें। यदि कहीं गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित ठेकेदार को अलग करें। सड़क सुरक्षा व लोगों के जीवन बचाने के लिए सभी लोग सामाजिक कार्यकर्ता की तरह कार्य करें, क्योंकि जीवन अमूलय है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में जैसे लोग जीवन की सुरक्षा के लिए मास्क लगाते थे वैसे ही वाहन चलाते समय हेल्मेट, सीट बेल्ट व अन्य यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने बैठक में आश्वस्त किया कि सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वित प्रयास कर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जायेगी। उन्होंने समयबद्ध कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र परिणाममूलक कार्य और अमल करने की बात भी कही।