सभी का हो मेडिकल चेकअप ऐसा लगता है भांग की गोली खा कर करते है ड्यूटी
ना तो समय का ज्ञान न ही अपने योग्यता का स्त्री रोग चिकित्सक को करना पड़ रहा ड्रेसर का काम तो वहीं आयुर्वेद चिकित्सक डाक्टर मयंक तिवारी खुद को कोठी में सिबिल सर्जन से कम नहीं समझते जबकि इनकी योग्यता आयुर्वेद चिकित्सक के रूप में है पर महोदय आयुर्वेदिक दवा करने में खुद की कलम की तौहीनी समझते है और एक मेडिकल ऑफिसर की तरह लोगों को फर्राटे दार इंग्लिश विंग्लिश गोद गाद कर लंबे पर्चे पर अंग्रेजी दवा का पर्चा थमा देते है और अगर सूत्रों की माने तो इनको दलाली का भी ज्ञान अच्छा खासा ओपीडी पर मरीजों को बाहर की दवाई लिखने से नही चूकते एक छोटी पर्ची बनती है मेडिकल स्टोर के लिए और बोला जाता है ये दावा बाहर से ले लेना जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एलके तिवारी जी को अवगत कराने पर भी अभी तक कोई कारवाही नहीं आखिर कौन और किसका दवाब मानते है जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी अभी भी यह सवाल समझ से परे है फिर भी हम तब तक चैन से नही बैठेंगे जब तक आम जनता को राहत नही दिला देंगे हालाकि एक सूत्रों का कहना है इनकी सेटिंग ऊपर बनी है राज नेताओ से या भाजपा सरकार से इसी कारण इनका ट्रांसफर तो होता है पर महोदय ट्रांसफर रोकवा लेते है और फिर कोठी की गरीब आम जनता का खून चूसने पर लग जाते है अब एक नजर एस के बर्मा जी पर भी आरोप लगाते है पीड़ित लोग ये मेडिकल ऑफिसर वर्मा साहब है जो दिखने में बड़े सयाने और भोले है रिश्वत ले कर निपटा लेते है छोटे बड़े हर काम तो वहीं मेडिकल ऑफिसर डाक्टर शिवेंद्र सेन जी भी इसी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र की कड़ी से जुड़े है पर उनकी कार्यशैली पर कोई सवाल नही कमी NRC में हो रही लापरवाही से अंजान होने की वजह से स्टाप में अंकुश नहीं 🤦🏻♂️अब आपको दमदार सरकार के दवा वितरण केंद्र का समाचार बताते है आउट सोर्स का मामूली अयोग्य चौकीदार व्यक्ति मरीजों को करता है दवा वितरित ग्रामीण क्षेत्रों से आ कर कोई भी व्यक्ति एमरजेंसी केश हैंडल करते और इंजेक्शन आक्सीजन देना तो उनका पेसा है आगे बढ़ते है NRC की तरफ तो मरीज नही भर्ती बेड खाली है पर खाना पकता है दूध फल सब आता है खाली बिल भुक्तान के लिए कोई मरीज भर्ती नही फिर भी रोज बाउचर भरे जाते है किसी भी डाक्टर या किसी सरकारी कर्मचारी को पदस्थापना कार्यालय में या उसी सहर में रहना होगा ऐसा सरकार का आदेश है मकान का किराया भत्ता देती है सरकारऔर सबसे बड़ी चुनौती है हॉस्पिटल परिसर में प्राइवेट प्रेक्टिस करना जो पूर्णतः बंद होना चाहिए इन सब बातों की जानकारी मैंने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एलके तिवारी जी को प्रूफ सहित उपलब्ध कराया है अब देखते है मोहदय समस्या पर विचार करते है या स्टाप का पक्ष*सच के साथ कोई समझौता नहीं समस्या का निराकरण ही समझौता है
लोगों का कहना है
हॉस्पिटल परिसर के अंदर पूर्णतः प्रेक्टिस पर रोक किसी भी डॉक्टर को परिसर के अंदर प्राइवेट तरीके से मरीज नही देखने का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो और सूचना दीवारों पर चस्पा किया जाए
हॉस्पिटल पर पदस्थ सभी कर्मचारी कोठी नगर परिषद के अंदर ही रहे रहें सतना रीवा से आने पर समय से नही पहुंच पाने से लोगों को भरी समस्या का सामना करना पड़ता है
हॉस्पिटल परिसर के अंदर किसी डाक्टर से ड्यूटी टाइम में एम आर से मिलने पर प्रतिबंध