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Wednesday, December 25, 2024

क्या आप जानते हैं RBI के स्थापना दिवस पर हम महान अर्थशास्त्री, दूरदर्शी और आधुनिक भारत के निर्माता बाबा साहब डॉ आंबेडकर को नमन करते हैं

  *डाॅ बाबा साहेब अंबेडकर जी की भारतीय रिजर्व बैंक स्थापित करने मे अहम भुमिका रही।*

      आज भारत की शान ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ का स्थापना दिवस है। 1 अप्रैल 1935 को RBI की स्थापना की गई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक बनाने की संकल्पना डॉ बी आर आंबेडकर ने की थी? जी हाँ, RBI की स्थापना डॉ आंबेडकर की किताब ‘द प्रॉब्लम ऑफ रुपी-इट्स ऑरिज़न एंड इट्स सॉल्यूशन’ के आधार पर ही की गई है। भारतीय रुपये और आर्थिक इतिहास पर लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से पहली पीएचडी करने वाले डॉ आंबेडकर ने अपनी किताब में भारतीय रुपये के अवमूल्यन और समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया है और साथ ही रुपये को संभालने के लिए बतौर अर्थशास्त्री उपाय भी सुझाए हैं।
1926 में अंग्रेज़ों ने रॉयल कमीशन जिसे हिल्टन कमीशन के नाम से भी जाना जाता है, को भारत भेजा क्योंकि पहले विश्वयुद्ध के बाद इंडियन करेंसी की बहुत बुरी हालत होती जा रही थी। डॉ आंबेडकर हिल्टन कमीशन के सामने पेश हुए और अपनी किताब के आधार पर RBI जैसे बैंक की संकल्पना आयोग के सामने पेश की। बाद में हिल्टन कमीशन ने बाबा साहब के सुझावों के आधार पर RBI की स्थापना का प्रस्ताव दिया और इस तरह 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना हुई।

RBI की स्थापना हुई थी, जो की विश्वरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के सोच-विचार और मार्गदर्शन के तहत बाबासाहेब के द्वारा लिखे गए संशोधन निबंध “The Problem of the Rupee” के अंतर्गत किया था। 1 अप्रैल 1935, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI), जो की भारत की मुद्रा पर नियंत्रण और नज़र रखता है, पैसे के प्रवाह को विनियमित करता है, बैंकों को निर्देश करता है उसकी स्थापना “महान भारतीय डॉ बी आर अम्बेडकर” के शोध निबंध “The Problem of the Rupee Its origin and its solution.” के तहत हिल्टन आयोग के द्वारा किया गया था….

महामानव डॉ. बाबासाहेब जी को सलाम । बहुजनो का ध्यान हटाने के लिए, इस गौरवशाली इतिहास (भारतीय रिजर्व बैंक के स्थापना दिवस) को छिपाने के लिए, भारत और उसके मनुवादी ताकतों की सरकार ने बाबासाहेब जी का ऋण देने से बचने के लिए, 1 अप्रैल को “Indian Economic Day” मनाने की जगह पे “Fool day” के रूप में पूरे भारत में मना कर पूरे भारत की जनता को मूर्ख बना दिया गया है। अपनी नीति निर्माता डॉ बी आर अम्बेडकर के सम्मान के लिए *1 अप्रैल को अपने असली रूप में, “Indian Economic Day” के रूप में पूरे भारत में मनाया जाना चाहिए।

सुंदरलाल बर्मन
सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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