गेहूं उपार्जन में क्वालिटी पर विशेष फोकस करें – प्रमुख सचिव श्रीमती शमी
गेहूं पंजीयन का प्रतिशत बढ़ायें और पंजीयन
का सत्यापन करायें – प्रमुख सचिव श्रीमती शमी
जबलपुर
मध्यप्रदेश शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती रशिम अरूण शमी की अध्यक्षता में आज कल्चुरी होटल में खाद्य, उपार्जन व सार्वजनिक वितरण प्रणाली की संभागीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इस दौरान कमिश्नर श्री अभय वर्मा, आयुक्त खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री कर्मवीर शर्मा, एमडी नागरिक आपूर्ति निगम श्री अनुराग वर्मा, जबलपुर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर व संबंधित अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान प्रमुख सचिव श्रीमती शमी ने कहा कि 15 मार्च से गेहूं उपार्जन होना है, अत: इसकी समुचित तैयारियां सुनिश्चित की जायें। प्रदेश में गेहूं का उत्पादन तो ठीक है, लेकिन उपार्जन की क्वालिटी पर प्रश्न चिन्ह लगता है। अत: गेहूं का उपार्जन साफ-सुथरी हो, जिससे गुणवत्तापूर्ण उपार्जन में प्रदेश की प्रतिष्ठा बनी रहे। उन्होंने कहा कि उपार्जन के दौरान गेहूं की क्वालिटी पर विशेष फोकस करें। चूकिं गेहूं उपार्जन ऐजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम है, अत: नॉन भी इस बात पर विशेष ध्यान दे। साथ ही किसानों के भुगतान 48 घंटे के अंदर करना सुनिश्चित करें। इस दौरान कहा गया कि प्रदेश में गेहूं का समर्थन मूल्य बोनस सहित 2600 रूपये प्रति क्विंटल है। गेहूं पंजीयन 20 मार्च से 31 मार्च तक चलेगी, जिसमें किसान अपना गेहूं विक्रय के लिए स्लॉट बुक करा सकते हैं। इस संबंध में विस्तृत रूप से सर्कुलर जारी हो चुका है। जिसमें रबी विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए जिले में किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया को सहज और सुगम बनाया गया है।
किसान अपना पंजीयन एमपी किसान एप पर स्वयं के मोबाइल से घर बैठे कर सकते हैं। किसानों द्वारा ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केन्द्र, जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र तथा सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं में भी पंजीयन कराया जा सकेगा। इन केंद्रों पर किसानों का पंजीयन नि:शुल्क किया जायेगा। जबकि एमपी ऑनलाइन कियॉस्क, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र एवं निजी व्यक्ति द्वारा संचालित साईबर कैफे पर निर्धारित शुल्क देकर किसान अपना पंजीयन करा सकते हैं।
सिकमी अथवा बटाईदार एवं वन पट्टाधारी किसानों के पंजीयन की सुविधा केवल निर्धारित सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्था स्तर पर ही उपलब्ध है। किसानों को समर्थन मूल्य पर उपज के विक्रय के लिये पंजीयन कराने हेतु सभी आवश्यक दस्तावेज लेकर पंजीयन केंद्र पहुंचना होगा। बैठक में कहा गया कि है कि गेहूं पंजीयन का प्रतिशत बढ़ायें और पंजीयन का सत्यापन करायें। सत्यापन फसल गिरदावरी के साथ मिलान होना चाहिए। यदि कहीं भिन्नता होती है तो राजस्व विभाग द्वारा इसका सत्यापन किया जायेगा। सभी कलेक्टर आवश्यकतानुरूप उपार्जन केन्द्र बढ़ा सकते हैं। इसमें किन केन्द्रों को गोदाम स्तरीय बनाना है यह भी सुनिश्चित किया जा सकता है। अभी उपार्जन कराने वाली संस्थाओं के संबंध में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि उपार्जन केन्द्र पर सीसीटीव्ही कैमरा अनिवार्य रूप से लगाया जाये। बैठक में उपार्जन संस्थाओं का चयन व संचालन उपार्जन केन्द्र पर बिजली, पानी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ग्रेडिंग मशीन, पंखा, छन्ना, सूचना पटल आदि आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो, साथ ही उपार्जित फसल की सुरक्षा के समुचित प्रबंध किये जायें। उपार्जन के लिए आवश्यक मानव संसाधन की व्यवस्था के साथ गुणवत्ता नियंत्रण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाये। जिसमें उपार्जन केन्द्र और गोदाम स्तरीय सर्वेयर एप से गुणवत्ता का परीक्षण किया जायेगा। उपार्जन व्यवस्था के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये सर्वेयर की व्यवस्था व उसके दायित्व, एफएक्यू के मापदंड, बारदाने, कृषक कोड, भंडारण व परिवहन की व्यवस्था के संबंध में जानकारी देते हुये कहा कि किसानों के बैंक खाता आधार लिंक वाला ही हो ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो। किसान जनमन, पेटीएम, एयरटेल,ऋण खाता व संयुक्त खाता न दें क्योंकि इसमें पेमेंट नहीं होगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी फील्ड विजिट करें ताकि गेहूं उपार्जन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित व पारदर्शी रूप से संपन्न कराया जा सके।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा के दौरान कहा गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत सभी पात्र हितग्राहियों का सत्यापन करायें। साथ ही उनके ई-केवायसी भी करायें। मार्च में इसके लिये विशेष अभियान सुनिश्चित किया जाये ताकि किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न रहे। साथ ही ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों का सत्यापन भी करायें। इस दौरान आयुक्त फूड श्री कर्मवीर शर्मा ने कहा कि शीघ्र ही पाईप लाइन के माध्यम से घरेलू गैस रिफलिंग की व्यवस्था के लिये प्रयास जारी है। जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली में घरेलू गैस रिफलिंग के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल होगी। कमिश्नर श्री वर्मा ने कहा कि उपार्जन प्रक्रिया से जुड़े सभी गतिविधियों के साथ पीडीएस, मिलिंग प्रोसेस, गैस सप्लाई आदि की नियमित समीक्षा की जायेगी। समीक्षा के दौरान कलेक्टर्स भी कई बहुमूल्य सुझाव दिये।
बैठक के द्वितीय सत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग में संचालित विभागीय योजनाओं की समीक्षा की गई। जिसमें मुख्य रूप से कहा गया कि हितग्राहियों की संख्या के साथ बच्चों के पोषण ट्रेकर पर विशेष ध्यान दिया जाये। इसमें विभाग के डाटा के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के डाटा का मिलान भी हो। बच्चों को समय पर नास्ता व गर्म पका भोजन प्रदाय करना सुनिश्चित करें ताकि बच्चों को समुचित रूप से पोषण मिले। प्रमुख सचिव श्रीमती रशिम शमी ने कहा कि आंगनवाड़ियों के लिये खाद्यान्न का उठाव समय पर हो व बच्चों को समय पर नास्ता व भोजन दिया जाये। उन्होंने कम वजन के बच्चों के समुचित उपचार के साथ बाल संरक्षण गृह व बच्चों के वैधानिक तरीके से दत्तक ग्रहण पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर्स बाल संरक्षण गृह का दौरा भी सुनिश्चित करें। बैठक के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।