पक्ष प्रस्तुत करनें 10 दिन का दिया समय
कटनी
– संभागायुक्त श्री अभय वर्मा ने जिला चिकित्सालय में 21 दिसंबर 2023 को प्रसव उपरांत स्लीमनाबाद निवासी श्रीमती रंजीता कोल के इलाज के मामले में लापरवाही बरतने से अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से हुई मृत्यु के लिए कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के आधार पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सीमा शिवहरे और डॉ शिवम दुबे को बिन्दु वार पत्र जारी कर 10 दिन के भीतर पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इन बिंदुओं पर मांगा जवाब
महिला रंजीता कोल 20 दिसंबर 23 को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद में उपस्थित हुई, जहां सायं 05.00 बजे उन्होंने बालक को जन्म दिया किन्तु माइल्ड रक्त स्त्राव उल्लेख करते हुए महिला को सायं 7.40 बजे जिला चिकित्सालय कटनी को रेफर कर दिया गया। महिला को प्रसव पश्चात् 02 टियर थे, जिसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद में रिपेयर न करते हुए रक्त स्त्राव की स्थिति में ही उसे रेफर कर दिया गया। महिला के एएनसी जांच कार्ड में उसका ब्लड ग्रुप ओ-पॉजिटिव का उल्लेख है, जबकि रेफर स्लिप में ब्लड ग्रुप ए-पॉजिटिव का उल्लेख है।
जिला चिकित्सालय कटनी में महिला रात्रि 8.31 बजे उपस्थित हो चुकी थी, किन्तु रात्रि 10.00 बजे उसकी मेटरनिटी वार्ड में जांच की गई व वैजाइनल टियर रिपेयर किया गया।
डॉ सीमा शिवहरे द्वारा रात्रि 11.00 बजे प्रथम बार परीक्षण किया जाना व ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिये सुझाव दिया गया, किन्तु ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. मोहित श्रीवास्तव के कथन अनुसार उन्हें प्रातः 8. 47 पर रक्त की व्यवस्था करने हेतु डॉ. यशवंत वर्मा, सिविल सर्जन के द्वारा काल आया एवं 15 से 20 मिनट में उन्होंने डोनर का अरेंजमेंट कर लिया। ब्लड अरेंज होने तक महिला की मृत्यु हो गई। रात्रि में ब्लड बैंक में ब्लड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में रक्त की व्यवस्था के क्या प्रयास किये गये स्पष्ट नहीं है। आपके द्वारा बताया गया कि महिला का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था, बहुत ज्यादा मात्रा में पीलिया है, प्लेटिलेटस काउंट बहुत कम है, रीनल फंक्शन खराब है। यह उल्लेख करते हुए उसे प्रातः 8.10 बजे जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर करने की सलाह दी गई।
महिला की यह स्थिति रात लगभग 11.00 बजे से प्राप्त ब्लड रिपोर्ट से स्पष्ट हो गई थी, मात्र पीलिया की रिपोर्ट शेष थी। अतः रात्रि 12.30 बजे, प्रातः 04.00 बजे, 06.00 बजे, 07.00 बजे, व प्रातः 08. 00 बजे किये गये परीक्षण में रेफरल का कोई उल्लेख नहीं है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि रात्रि में किये गये 05 परीक्षणों में महिला की रात्रि में ही प्राप्त ब्लड रिपोर्ट (जिसमें प्लेटलेट्स बहुत कम एवं सीरम कियेटिनिन बढ़ा हुआ) का उल्लेख नहीं है। जिससे यह प्रतीत होता है कि जिला चिकित्सालय के डॉक्टर, नर्स द्वारा महिला को रात्रि में ही स्पष्ट गम्भीर अवस्था के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं की गई और रात में ही रिफर नहीं करने का कारण भी स्पष्ट नहीं किया गया। यहां पर यह उल्लेखनीय है कि इस संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता कि यह परीक्षण रिपोर्ट महिला की मृत्यु उपरान्त विपरीत परिणामों से बचने के लिये बाद में बनाई गई हो। संदेह को बल इससे भी मिलता है कि कुछ परीक्षण अहस्ताक्षरित है।
प्रसूता महिला 20 दिसंबर 2023 से 21 दिसंबर 2023 को अपनी मृत्यु तक शासकीय व्यवस्था में उपचार रत थी, किन्तु उसकी इस गम्भीर स्थिति का निदान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद, प्रसव पूर्व जांच (एएनसी चेकअप) एवं जिला अस्पताल द्वारा समय पर नहीं किया गया। जिला चिकित्सालय द्वारा महिला की इस स्थिति का परीक्षण कर अगर अस्पताल में आवश्यक व्यवस्था नहीं थी तो मरीज को रात्रि में ही जबलपुर मेडिकल कॉलेज रिफर करने की सलाह दी जा सकती थी। महिला को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रिफर हेतु प्रातः 8.10 बजे तक इंतजार किया गया, जिसके एक घण्टे के अंदर ही महिला की मृत्यु हो गई।
रंजीता कोल के एम.सी.पी. कार्ड को देखने पर यह प्रतीत हो रहा है कि उसकी 05 ए.एन.सी. चेकअप हुई है, परन्तु कोई भी चेकअप के दौरान एम.सी.सी. कार्ड में प्रविष्टि पीलिया, हेपेटाईटिस, एच.आई.व्ही., यूरिन जॉच, शुगर जांच नहीं हुई है। जिससे रंजीता कोल की ज्वाइंडिस के बारे में पहले से पता होना था। जिससे यह कहा जा सकता है कि ए.एन.एम. एवं सी.एच.ओ. द्वारा लापरवाही पूर्वक आधी-अधूरी जांच की गई, जिससे रंजीता कोल की हाई रिस्क डाइग्नोसिस नहीं हो पाई।हर ए.एन.सी. को ए.एन.एम. के द्वारा एक बार मेडिकल ऑफीसर से जांच करना जरूरी था, जो नहीं कराया गया।
ए.एन.एम. द्वारा एम.सी.पी. कार्ड में जो चेकअप की डाटा चढ़ाई गई है वे संदिग्ध लग रही है जो कि बाद में मैनी पुलेट कर लिखा गया ऐसा लग रहा है।
20 दिसंबर 2023 को सायं 7.40 मिनट पर स्लीमनाबाद की मेडिकल ऑफीसर के द्वारा प्रसूता को जिला अस्पताल कटनी रैफर किया गया। जबकि रंजीता कोल की हालत और गंभीरता को देखते हुए डायरेक्ट मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता तो गोल्डन टाइम वेस्ट नहीं होता। एडमिशन टिकट के अनुसार मरीज रंजीता कोल 20 दिसंबर 2023 को सायं 8.30 बजे जिला अस्पताल कटनी में मेटरनिटी वार्ड में भर्ती हो गयी थी, परन्तु गाइनोक्लोजिस्ट डॉ सीमा शिवहरे के द्वारा रात को 11.00 बजे पहली बार देखा गया है।
ब्लड रिपोर्ट रात 11.40 बजे प्राप्त हो गयी थी जिसमें पीलिया 14.73 मिलीग्राम आया था जो कि डेंजर लेबल से बहुत ज्यादा है एवं मरीज को सुपर स्पेशलिटी केयर की जरूरत थी। इस कंडीशन में तत्काल मरीज को मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर कर देना था जो कि नहीं किया गया। रात को 10.00 बजे मरीज को ब्लड दांसफ्यूजन एडवाईस किया गया था, परन्तु ब्लड बैंक डॉ. मोहित श्रीवास्तव अनुसार उनको प्रातः 08.47 बजे सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के द्वारा जानकारी मिली ।उनके द्वारा प्रातः 9.20 मिनट पर ब्लड की व्यवस्था की गई तब तक रंजीता कोल की मृत्यु हो चुकी थी।
20 दिसंबर 2023 की रात 11.00 बजे के बाद से केस सीट पर कहीं भी गाइनो क्लोजिस्ट डॉ. सीमा शिवहरे की नोट नहीं मिले। केस शीट पर रात्रि 12.00 बजे तक जो भी नोट डली हुई है वे स्टाफ नर्स के द्वारा लिया जाना प्रतीत हो रहा है। कोई डॉक्टर का लिखा हुआ नोट प्रतीत नहीं हो रहा है। इससे यह प्रतीत हो रहा है कि गाइनो क्लोजिस्ट डॉ. सीमा शिवहरे द्वारा गंभीरता पूर्वक मरीज का इलाज नहीं किया गया।
संभागायुक्त श्री वर्मा ने दोनों चिकित्सकों डा सीमा शिवहरे और डॉ शिवम दुबे को आज सोमवार 8 अप्रैल को जारी पत्र में कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का भी उल्लेख किया है। 21 दिसंबर 2023 को जिला चिकित्सालय में प्रसव उपरांत महिला रंजीता कोल की मृत्यु हुई है। 20 दिसंबर 2023 को सायं 7.40 मिनट पर मृतक को स्लीमनाबाद से जिला चिकित्सालय कटनी रिफर किया गया। मृतक 20 दिसंबर 2023 को सायं 08.30 मिनट पर जिला चिकित्सालय में मेटरनिटी वार्ड में भर्ती हो गयी थी, परन्तु डा सीमा शिवहरे द्वारा रात को 11.00 बजे पहली बार मृतक को देखा गया। ब्लड रिपोर्ट रात 11.40 मिनट पर प्राप्त हो गयी थी। जिससे मरीज को सुपर स्पेशलिटी केयर की जरूरत का आंकलन संभव था। इस कंडीशन में तत्काल मरीज को मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर कर देना था जो कि आपके द्वारा नहीं किया गया।
इस संबंध में कलेक्टर कटनी श्री अवि प्रसाद द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का प्रस्तुत किया गया लिखित जवाब संतोषजनक एवं समाधान कारक नहीं पाये जाने से डा शिवहरे और डॉ शिवम दुबे के विरूद्ध मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम -16 के अधीन कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित किया गया है।
संभागायुक्त श्री वर्मा ने इस प्रस्ताव के विरूद्ध पक्ष प्रस्तुत करने के लिये 10 दिवस का समय दिया है। पक्ष प्रस्तुत करने में असफल रहने पर यह माना जावेगा कि आपके पक्ष में कोई आधार नहीं है तथा आपके विरुद्ध एक पक्षीय आदेश पारित किया जाकर मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 तहत कार्रवाई की जायेगी।