कलेक्टर अपने-अपने जिलों के निजी अस्पतालों की फॉयर एनओसी एवं सुरक्षा मापदंडों की जांच
ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों, शैक्षणिक गतिविधियों की भी समीक्षा की
जबलपुर, 03 अगस्त, 2022
संभागायुक्त श्री बी चंद्रशेखर ने सम्भाग के सभी जिला कलेक्टरों को अपने जिले में स्थित सभी निजी अस्पतालों की फायर एनओसी एवं पंजीयन के लिये आवश्यक सभी औपचारिकताओं की जाँच कराने के निर्देश दिये हैं। संभागायुक्त ने ये निर्देश आज बुधवार को विकास एवं निर्माण कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा के लिये आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिये।
संभागायुक्त ने व्हीसी में जबलपुर में एक निजी अस्पताल में हुई अग्निदुर्घटना का उल्लेख करते हुये कहा कि ऐसी दुर्घटनाएं कहीं और न हो इसके लिये सभी जरूरी कदम उठाये जाना तथा सख्ती बरतना आवश्यक है। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि वे अपने जिले में पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों की सुरक्षा एवं फायर एनओसी की जाँच के लिये सम्बंधित एसडीएम, स्वास्थ्य अधिकारी, स्थानीय निकाय के फायर सेफ्टी अधिकारी एवं विद्युत सुरक्षा विभाग अथवा विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारी की सयुंक्त टीम गठित करें और उसे तीन-चार दिन के भीतर जांच पूरी करने के निर्देश दें।
श्री चंद्रशेखर ने निजी अस्पतालों की जांच हेतु फायर एनओसी के लिये आवश्यक मापदंडों से सबंधित चेकलिस्ट तैयार करने भी कहा। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यदि कमियां पाई जाती है तो सम्बंधित अस्पताल को जरूरी सुधार का नोटिस जारी किया जाये। इसके बाद भी अपेक्षित सुधार नहीं होने पर उनका पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की जाये।
संभागायुक्त ने व्हीसी में कलेक्टरों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण, सामुदायिक स्वच्छता परिसर और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में गति लाने के निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि वे अपने जिलों में स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों पर निगरानी रखें तथा रैंकिंग को बेहतर बनाने के प्रयास भी करें।
श्री चंद्रशेखर ने व्हीसी में प्रधानमंत्री आवास योजना एवं प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत आवासों के निर्माण में हुई प्रगति का जिलेवार ब्यौरा भी लिया । उन्होंने ग्रामीण विकास कार्यों में जबलपुर और डिंडौरी जिले में हुये बेहतर कार्यों की सराहना की । संभागायुक्त ने अंकुर अभियान के ब्लॉक प्लांटेशन पर जोर दिया तथा लगाये गये पौधों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये ।
व्हीसी में संभागायुक्त ने शैक्षणिक गतिविधियों पर कलेक्टरों से चर्चा करते हुये जर्जर शाला भवनों की मरम्मत के प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि जर्जर शाला भवनों की मरम्मत के कार्य जनभागीदारी योजना अथवा डीएमएफ फंड से भी कराये जा सकते हैं । श्री चंद्रशेखर ने कहा कि भवन की मरम्मत होने तक ऐसी शालाओं को अन्य उपलब्ध स्थानों पर लगाया जाये ।
संभागायुक्त ने स्कूलों से ड्रॉप आउट बच्चों को चिन्हित करने के निर्देश देते हुये कहा ऐसे बच्चों को वापस स्कूल लाने की जिम्मेदारी सबंधित शाला के शिक्षकों को दी जाये । शिक्षक ऐसे बच्चों के घर जायें उनके अभिभावकों से स्कूल मिलें और उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिये प्रेरित करें ।
संभागायुक्त ने स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के कार्य मे हुई प्रगति की जिलेवार समीक्षा भी व्हीसी में की। उन्होंने जाति प्रमाण पत्र के दर्ज प्रकरणों और निराकरण का ब्यौरा भी कलेक्टरों से लिया। उन्होंने जिला कलेक्टरों को स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के कार्य की नियमित तौर पर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये तथा बनकर तैयार हुये प्रमाण पत्र पालक शिक्षक संघ की बैठकों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में वितरित कराने कहा।
सम्भागायुक्त श्री बी चंद्रशेखर ने पंचायतों के चुनाव सम्पन्न हो जाने के बाद एक बार फिर शालाओं में विद्युत कनेक्शन एवं नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के कार्य पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश कलेक्टरों को दिये। शाला के हर कक्ष में लाइट और पंखे हों यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ऐसे स्कूलों की सूची बनाने के निर्देश भी दिये जहां छठवीं से बारहवीं कक्षा तक बच्चों के बैठने के लिये पर्याप्त संख्या में डेस्क नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों में किस मद से डेस्क की व्यवस्था की जा सकती है इसका प्लान तैयार कर लें।
संभागायुक्त ने व्हीसी में जनजातीय विभाग द्वारा संचालित कन्या शिक्षा परिसरों में छात्राओं के प्रवेश की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे दस्तक अभियान एवं सम्पूर्ण टीकाकरण अभियान की समीक्षा भी की। श्री चंद्रशेखर ने कहा कि अतिकुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों में अनिवार्य रूप से भर्ती कराने के निर्देश दिये। संभागायुक्त ने जिला अस्पतालों की एसएनसीयू यूनिट की क्षमता दो गुनी करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने शासकीय अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता पर नजर रखने के निर्देश देते हुये कहा कि जिला अस्पताल में उपचार के लिये आने वाले मरीज को जरूरत की हर दवाएं मिले इसे कलेक्टरों को सुनिश्चित करना होगा।