राज्य शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जबलपुर जिले में पराली (नरवाई) जलाने की घटनाओं को रोकने जिला स्तरीय, खंड स्तरीय एवं ग्राम स्तरीय निगरानी समितियों का गठन किया है।
जबलपुर
श्री सक्सेना द्वारा इस बारे में आदेश भी जारी कर दिये गये है। आदेश के मुताबिक ग्यारह सदस्यों की जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष स्वयं कलेक्टर होंगे। इस समिति का सदस्य सचिव उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को बनाया गया है। जिला स्तरीय समिति में महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, सहायक कृषि यंत्री कृषि अभियांत्रिकी, उप संचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण, उप संचालक पशु चिकित्सा एवं पशुपालन, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी, प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रभारी अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, परियोजना संचालक आत्मा परियोजना तथा जिला प्रबंधक एमपी एग्रो को सदस्य नियुक्त किया गया है।
पराली जलाने की घटनाओं को रोकने गठित खंड स्तरीय निगरानी समितियों में नौ सदस्यों को शामिल किया गया है। संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खंड स्तरीय निगरानी समिति के अध्यक्ष होंगे। अनुविभागीय अधिकारी कृषि खंड स्तरीय समितियों के सदस्य सचिव बनाए गए है। संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन, सहायक पशुचिकित्सा शल्यज्ञ अधिकारी, पंचायत विस्तार अधिकारी तथा वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी को इन समितियों में सदस्य नियुक्त किया गया है। पराली जलाने से रोकने गठित की गई ग्राम स्तरीय निगरानी समितियों में पटवारी को अध्यक्ष बनाया गया है। कृषि विकास अधिकारी, पंचायत सचिव अथवा रोजगार सहायक एवं ग्राम कोटवार ग्राम स्तरीय निगरानी समितियों के सदस्य होंगे।
कलेक्टर श्री सक्सेना द्वारा जिला स्तरीय, विकासखंड स्तरीय एवं ग्राम स्तरीय निगरानी समितियों के दायित्व भी निर्धारित किये गये हैं। जिला स्तरीय समिति फसल अवशेषों को खेतों में जलाने से रोकने, पराली से नए रोजगार स्थापित करने, कृषकों में जागरूकता लाने एवं पराली के वैकल्पिक उपयोग को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। इसी प्रकार खंड स्तरीय निगरानी समितियां को उपरोक्त दायित्वों के साथ-साथ क्षेत्र में पराली में आग लगने जैसी घटनाएं पाए जाने पर तत्काल कार्यवाही करने की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि ग्राम स्तरीय समितियां फसल अवशेषों को खेतों में जलाने से रोकने, पराली से नए रोजगार स्थापित करने एवं कृषकों में जागरूकता लाने के साथ-साथ प्रत्येक ग्राम में फसल कटाई के समय सभी हार्वेस्टरों में स्ट्रॉ-मेनेजमेंट सिस्टम लगा होना सुनिश्चित करेंगी।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यदि किसी हार्वेस्टर में स्ट्रॉ-मेनेजमेंट सिस्टम न हो तथा किसी किसान द्वारा नरवाई में आग लगाई जाती है तो उसकी जानकारी मय छायाचित्रों सहित तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी की अनुशंसा पर अपर कलेक्टर द्वारा निर्धारित दंड अधिरोपित करने की कार्यवाही की जायेगी।