जिला गौशाला प्रबंधन समिति की बैठक मध्यप्रदेश गौसवंर्धन बोर्ड कार्यपरिषद के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) स्वामी श्री अखिलेश्वरानंद गिरी की अध्यक्षता में शनिवार को सर्किट हाऊस नरसिंहपुर में सम्पन्न हुई।
नरसिंहपुर
बैठक में श्री गिरी ने गौशाला संचालन के लिए 7 आयामों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। उन्होंने गौशाला के लिए संरचनात्मक ढांचा एवं भूमि प्रबंधन, उत्तम नस्ल सुधार व प्रबंधन, चारा- भूसा का प्रबंधन, नमक व गुड़ का प्रबंधन, दूध/ दही/ गौबर/ गौमूत्र जैसे गौ उत्पाद प्रबंधन, चारे भूसे की प्रोसेसिंग का सायरस प्रबंधन और मृत गाय की समाधि से खाद निर्माण संबंधी आयाम बताये।
बैठक में श्री गिरी ने गौवंश के प्राकृतिक समीकरण के संबंध में बताया कि गाय का भोजन जंगल मे जंगल का भोजन या खाद गाय के पास है। उन्होंने प्रदेश में चरनोई भूमि विकास निगम बनाये जाने की बात कही। उन्होंने चरनोई भूमि के अवैध कब्जे को प्रशासन द्वारा मुक्त कराए जाने की जानकारी दी। श्री गिरी ने गौवंश नस्ल सुधार के लिए उत्तम नस्ल के बछड़ों के पालन, भ्रूण प्रत्यारोपण, बेकार नस्ल के बछड़ों के बधियाकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने सामाजिक सहयोग से गौशालाओं के संचालन पर बल दिया। उन्होंने प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 10 रूपये के मान से एक वर्ष में 3650 रुपये का सहयोग देने का आग्रह लोगों से किया, जिससे गौशालायें अच्छी तरह से संचालित हों। उन्होंने गौसंवर्धन के लिए पुलिस, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के बेहतर समन्वय पर जोर दिया।
बैठक में जिला गौसंवर्धन समिति के उपाध्यक्ष श्री दीपक दीक्षित, श्री महंत बालकदास, श्री हरिप्रताप ममार, श्री सुनील कोठारी, उप संचालक पशुपालन डॉ. मो. असगर खान, श्री देवनाथ पटैल, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद श्री जयनारायण शर्मा, अन्य अधिकारी, जिले की गौशालाओं के संचालक, सामाजिक और स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।