मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य मेघा पवार की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के विराट सभागार में संपन्न हुई।
शहडोल
मेघा पवार ने कहा कि बाल संरक्षण से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय एवं सहयोग से कार्य करते हुए बेहतर परिणाम दें। उन्होंने कहा कि पास्को एक्ट से पीड़ित बच्चियों की सहायता के लिए सिंगल विंडो परीक्षण व्यवस्था जिला अस्पताल में की जाए। आपने कहा कि कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने हेतु जिले में संचालित एनआरसी तथा एसएनसीयू में कोई भी बेड खाली नहीं रहें। चिन्हित बच्चों को उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
बच्चों को नशे की प्रवृत्ति से बचाने हेतु ऐसे स्थल जहां लोग इकट्ठे होकर नशा करते हैं। उन स्थानों को चिन्हित किया जाए तथा पुलिस गस्त की व्यवस्था की जाए। शैक्षणिक संस्थाओं के आस-पास नशीले पदार्थों के विक्रय पर रोक लगाई जाए। शालाओं में बच्चों को दिए जाने वाला मध्यान्ह भोजन गुणवत्तायुक्त हो तथा पर्याप्त मात्रा में भोजन बच्चों को दिलाना सुनिश्चित किया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग तथा डीपीसी को उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों में फीस वृद्धि 10 प्रतिशत से अधिक नहीं हो। स्कूली बच्चों को अशासकीय स्कूलों द्वारा किसी विशेष दुकान से पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाए। ड्राप आउट बच्चों को शालाओं में दाखिला सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने कहा कि जिले में आंगनवाड़ियों का नियमित एवं व्यवस्थित रूप से संचालन किया जाए। बालगृह एवं शिशु गृह में आने वाले अनाथ एव परित्यक्त बच्चों की प्रापर देख-रेख की जाए। 14 वर्ष से कम उम्र के जो बच्चे भिक्षावृत्ति करते हैं उनका रेस्क्यू किया जाए तथा उनके शिक्षण की व्यवस्था की जाए।
हार्ड स्वयं सेवी संस्था के संचालक सुशील शर्मा ने कहा कि पुलिस थानों में बाल मित्र कक्ष स्थापित किए जाएं। आपने सुझाव दिया कि जिन शालाओं में स्कूल बस की व्यवस्था है आरटीओ के माध्यम से बसों का औचक निरीक्षण किया जाए तथा बसो में शासन के मापदण्ड के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध रहें। बसों में कार्य करने वाले स्टाप का पुलिस सत्यापन किया जाए तथा उन्हें निर्धारित वर्दी में ही ड्यूटी के दौरान कार्य करने हेतु कहा जाए।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक दीवान, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री आनन्द राय सिन्हा, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कल्याणी बाजपेयी, सदस्य अभिषेक चौकसे, अजय मिश्रा, पूर्णिमा चौधरी, प्रीति नामदेव, सहायक संचालक शिक्षा श्री गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास शैलेश मिश्रा, सहायक संचालक संगीता भगत, उप संचालक सामाजिक न्याय सुश्री प्रज्ञा मरावी, श्रम निरीक्षक श्रीमती चरणा गुप्ता, परिवीक्षा अधिकारी राजश्री द्विवेदी सहित समिति के अशासकीय सदस्य, बाल संरक्षण के लिए काम करने वाले विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में मिशन वात्सल्य अंर्तगत बाल संरक्षण के प्रभावी क्रियान्वयन की मूल्यांकन एवं निगरानी वन स्टाप सेंटर, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान की समीक्षा तथा बाल श्रम अधिनियम की समीक्षा की गई