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Friday, June 20, 2025

अपंजीकृत एवं अवैध संस्थाओं की विस्तृत जांच हेतु जिला एवं अनुभाग स्तरीय समिति गठित

कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने जारी किए आदेश.

18 वर्ष तक की आयु के जरूरतमंद बालकों को संरक्षण देने वाली संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य.

इंदौर

कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत जिले में 18 वर्ष की आयु तक के बालकों की देखभाल एवं जरूरतमंद बालकों को संरक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के पंजीयन की जांच हेतु जिला स्तरीय समिति गठित करने के आदेश जारी किए हैं। समिति में अपर कलेक्टर अध्यक्ष रहेंगे तथा लीड बैंक डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सामाजिक न्याय विभाग के उपसंचालक, जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे। समिति द्वारा जिला स्तर पर पंजीकृत एवं अवैध संस्थाओं की विस्तृत जांच कर कलेक्टर श्री आशीष सिंह को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

इसी तरह अनुभाग स्तर पर भी एक समिति गठित की जाएगी जिसमें अनुविभागीय अधिकारी अध्यक्ष रहेंगे तथा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे। उक्त समिति जिले में अनुभाग स्तर पर अभियान चलाकर यह सुनिश्चित करेगी की संस्थाएं किशोर न्याय अधिनियम की धारा 41 के तहत पंजीकृत है। यदि देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद बालकों को संरक्षण प्रदान करने वाली ऐसी कोई संस्था पाई जाती है जो जे.जे. एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं है अथवा अवैध है तो उस स्थिति में संस्था के विरुद्ध किशोर न्याय अधिनियम की धारा 42 के तहत कार्रवाई कर संस्था में निवासरत बच्चों को तत्काल अधिनियम के तहत कार्रवाई हेतु जानकारी जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।

जिला स्तर पर गठित समिति अनुभाग स्तरीय समिति से प्राप्त जानकारी के आधार पर विदेशी सहायता (एफ.सी.आर.ए.) की जानकारी/संस्था की पृष्ठभूमि की जानकारी/कर्मचारी के पुलिस सत्यापन/संस्था का फर्म एवं सोसायटी के साथ पंजीकरण/भवन अनुक्षा/धर्मातरण की स्थिति की जांच कर जानकारी जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

उल्लेखनीय है कि किशोर न्याय (बालको की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 41 के प्रावधानों के तहत 0-18 वर्ष की आयु के बालकों की देखरेख और संरक्षण के जरुरतमंद बालकों यथा अनाथ, बेसहारा, परित्यक्त, घर से भागे हुये, बाल भिक्षुक, बाल तस्करी में लिप्त, शोषण के शिकार और सड़क पर रहने वाले बच्चों को संरक्षण प्रदान करने वाली समस्त अशासकीय संस्थाओं का किशोर न्याय अधिनियम की धारा 41 के तहत पंजीकरण किया जाना अनिवार्य है।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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