नगर परिषद मझौली मैं कार्यरत अधिकारी कर्मचारी राजनीतिक जनप्रतिनिधियों के इशारों पर कार्य करते नजर आ रहे हैं।
मझौली जबलपुर
नगर की जनता से लिया जाता है महिने भर का जल कर जल सप्लाई महिने में पंद्रह दिन
नगर परिषद मझौली मैं नर्मदा नल जल योजना बनी दल दल योजना
2019 दी गई थी सौगात नर्मदा नल जल योजना अन्तर्गत 28 करोड़ रुपए की लागत से नगर परिषद मझौली मैं घर घर जल पहुंचाने की बात कही गई थी जनप्रतिनिधियों द्वारा मंचों से पर आज 2024 खत्म होने को है और कही दूर दूर तक नल जल योजना शुचारू रूप संचालित होती नजर नहीं आ रहीहै
2019 से आज दिनांक तक नगर परिषद मझौली मैं नर्मदा नल सुचारू रूप से चालू नही हुएं और कभी कभी टेस्टिंग के दौरान यदि जल सप्लाई भी की जाती है तौ गंदगी से भरे पानी की जिससे नगर वासियों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। गंदा पानी पीने से कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं,
जैसे कि:- हैजा- डायरिया- टायफाइड- मलेरिया- जलजनित बीमारियाँ
इसके लिए जल सप्लाई करने वाली कंपनी को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए:पर यहा कोई सुनने वाला ही नहीं है।
कोई पानी की जाँच करने वाला न ही कोई देखने वाला
हफतो सप्लाई बंद होने बाद भी नगर की जनता को नहीं दी जाती सूचना।
नगर परिषद मझौली मैं कार्यरत अधिकारी कर्मचारी का आलम यह है कि हफ्तों जल सप्लाई ठंप होने पर भी नगर परिषद मझौली कार्यालय में कार्यरत अधिकारी कर्मचारीयों द्वारा न कोई सूचना दी जाती है और न कभी नगर परिषद द्वारा टैंकरों से जल सप्लाई की सुविधा नगर की जनता व्यवस्था में भेजा जाता है तों वही लगातार नगर परिषद मझौली द्वारा नगर में जल सप्लाई बंद होने पर कोई प्रचार प्रसार नही किया जाता है जिससे नगर की जनता अपने पीने के पानी की व्यवस्था कर सके
क्या कहते हैं जल संसाधन विभाग देख रहे*
पंकज सिंह राजपूत का एक ही जबाब
जब हमने फोन पर बात की तो उनका जवाब था कभी जंम्फर टूट गया तों अभी चाबी खराब हो गई जिसके चलते जल सप्लाई बंद है ।