27 गांव के 52 स्व सहायता समूहों के 251 सदस्यों द्वारा किया जाएगा 279 भैंसों का पालन
कटनी
पशु मेला आयोजित कर स्व सहायता समूहों द्वारा 238 लाख रुपए की लागत से खरीदी जाएंगी 279 ग्रेडेड मुर्रा भैंसें
कलेक्टर श्री प्रसाद ने जिला वाटरशेड विकास सलाहकार समिति की बैठक में दिए निर्देश
जिला पंचायत के सीईओ श्री गेमावत सहित अन्य अधिकारियों की रही मौजूदगी
कटनी (8 फरवरी)-
जिला वाटरशेड विकास सलाहकार समिति की बैठक कलेक्टर श्री अवि प्रसाद की अध्यक्षता और जिला पंचायत के सीईओ श्री शिशिर गेमावत की मौजूदगी में आयोजित हुई। कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर वाटरशेड एवं एनआरएलएम के संयुक्त प्रबंधन से ढीमरखेड़ा को दुग्ध उत्पादन केंद्र के हब के रूप में विकसित किया जाएगा तथा दुग्ध संग्रहण इकाई की स्थापना होगी। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुद्ध और पौष्टिक दुग्ध भी मिल सकेगा। स्व सहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार मिलने और आर्थिक संबल मिलने से वे आर्थिक रूप से सशक्त होंगी। कलेक्टर श्री प्रसाद ने एनआरएलएम, पशुपालन, उद्यानिकी पीएचई, आदिम जाति कल्याण ,कृषि, वाटर शेड,मत्स्य विभाग ,सांची दुग्ध संघ के अधिकारियों और प्रतिनिधियों को इस हेतु तत्परता पूर्वक आवश्यक कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर ढीमरखेड़ा में वाटर शेड परियोजना से प्राप्त राशि 19.36 लाख की लागत से दुग्ध संग्रहण इकाई की स्थापना सांची दुग्ध संघ के द्वारा कराई जाएगी। उत्पादित दुग्ध का संग्रहण और संकलन का कार्य सांची दुग्ध संघ के सहयोग से किया जाएगा। जिला पंचायत के सीईओ श्री गेमावत ने बताया कि वाटरशेड एवं एनआरएलएम के संयुक्त प्रयासों द्वारा 27 गांव के 52 स्व सहायता समूहों के 251 सदस्यों द्वारा 279 भैंसों का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ढीमरखेड़ा में पशुपालन विभाग एवं आजीविका मिशन द्वारा मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के सहयोग से पशु मेला आयोजित कर 27 गांवों के 52 स्व सहायता समूहों द्वारा 238 लाख रुपए की लागत से 279 नग ग्रेडेड मुर्रा भैंसों को क्रय किया जाएगा और अब भैंस पालन को क्लस्टर आधारित गतिविधि के रूप में जाना जाएगा।
प्रशिक्षण दिया जाएगा
वाटर शेड के परियोजना अधिकारी कमलेश सैनी ने बताया कि भैंस पालन,डेयरी गतिविधि हेतु चयनित समूह के सदस्यों को गतिविधि संचालन के पूर्व प्रशिक्षित किया जाकर अनुबंध निष्पादित किया जाएगा।
गतिविधियों को बढ़ावा देने हरे चारे की उपलब्धता
श्री सैनी ने आगे बताया कि डेयरी और भैंस पालन की गतिविधियों को बढ़ावा देने व दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु पशुओं के लिए हरा चारा बहु वर्षीय घास (हाइब्रिड नेपियर) रूट स्लिप किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा चयनित सहायता समूहों को वाटर शेड परियोजना के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।
इनकी रही मौजूदगी
आयोजित बैठक में डॉ.आरके सिंह, एस.के.त्रिपाठी,के एस डामोर, डॉ पूजा द्विवेदी, मनीष कुमार मिश्रा, राज यश कुरील, प्रियंका पटेल, शबाना बेगम, जनपद पंचायत के सीईओ युजवेंद्र कोरी, बी.के.मौर्य जेएसडीएस सांची दुग्ध संघ और कमलाकर मिश्रा आदि अधिकारियों की मौजूदगी रही।