न तो बीएमओ की एनओसी, न ही कचरा निस्तारण व्यवस्था
मझौली (जबलपुर)
मझौली नगर में स्वास्थ्य विभाग के नियमों को ताक पर रखकर एक दंत चिकित्सक केंद्र धड़ल्ले से संचालित किये जा रहे है। स्थानीय नागरिकों के अनुसार यहां क्लीनिक बिना बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर) मझौली की अनुमति/एनओसी और बिना कचरा निस्तारण (बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट) व्यवस्था के चल रहे है।
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार –
हर निजी चिकित्सालय/डेंटल क्लीनिक को संचालन के लिए बीएमओ से अनुमति (NOC) लेना अनिवार्य है।
बायोमेडिकल वेस्ट (कचरा) निस्तारण की मान्यता प्राप्त एजेंसी से अनुबंध करना और उसका रिकॉर्ड रखना जरूरी है।
बिना पंजीकरण और कचरा निस्तारण व्यवस्था के क्लीनिक संचालित करना नियम विरुद्ध और दंडनीय अपराध है।
लेकिन मझौली का यह डेंटल क्लीनिक इन सभी नियमों की अनदेखी कर खुलेआम मरीजों का इलाज कर रहा है।
यहाँ मरीजों से मनमाना शुल्क लिया जा रहा है लेकिन न तो रसीद दी जाती है और न ही स्वच्छता नियमों का पालन– एक स्थानीय निवासी
“क्लीनिक से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट (सुइयाँ, दांत निकालने की सामग्री) सीधे कचरे में फेंक दी जाती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।” – मोहल्ले के नागरिक
नागरिकों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि –
1. क्लीनिक का संचालन लाइसेंस व एनओसी प्रस्तुत करने को बाध्य किया जाए।
2. बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण का रिकॉर्ड मांगा जाए।
3. यदि अनियमितता सिद्ध होती है तो **तुरंत कार्रवाई कर केंद्र को सील किया जाए।**